Inside story of CGMSC scam 2 IAS reagent scam EOW: छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग के 400 करोड़ से ज्यादा के रीएजेंट घोटाले में मोक्षित कंपनी के डायरेक्टर की गिरफ्तारी हो गई है। अब आईएएस भीम सिंह और चंद्रकांत वर्मा सहित 6 अफसर जांच के घेरे में आ गए हैं। ईओडब्ल्यू और एंटी करप्शन ब्यूरो ने उनसे पूछताछ करने शासन से अनुमति मांगी है।
Inside story of CGMSC scam 2 IAS reagent scam EOW: फिलहाल स्वास्थ्य विभाग और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन सीजीएमएससी उन अफसरों से पूछताछ की जाएगी जो खरीदी-बिक्री और सप्लाई की मंजूरी प्रक्रिया से सीधे जुड़े हैं। केवल एक महीने में साढ़े तीन सौ करोड़ के रीएजेंट खरीदी के पीछे लाखों के कमीशन का खेल सामने आ रहा है।
Inside story of CGMSC scam 2 IAS reagent scam EOW: स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी में खरीदी-बिक्री के पूरे चैनल को मोटा कमीशन बंटा है। इसमें विभाग में पदस्थ तत्कालीन आईएएस अफसरों की भूमिका भी घेरे में है। ईओडब्ल्यू उन आईएएस अफसरों से पूछताछ की तैयारी कर रही है।
Inside story of CGMSC scam 2 IAS reagent scam EOW: अफसरों का कहना है कि मोक्षित कंपनी के डायरेक्टर शशांक चोपड़ा से पूछताछ के बाद जो नाम सामने आए हैं उनकी लिस्ट तैयार कर ली गई है। अभी फील्ड में काम करने वाले अफसरों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।
सरकार बदलने के बाद भी 50 करोड़ का पेमेंट
2023 में विधानसभा चुनाव के ठीक पहले स्वास्थ्य विभाग ने 350 करोड़ के रीएजेंट खरीदी का आर्डर सीजीएमएससी को दिया था। स्वास्थ्य विभाग ने एक महीने के भीतर 2 किस्तों में पूरा स्टॉक सप्लाई करने के निर्देश दिए। सीजीएमएससी के अफसरों ने भी आनन-फानन में खरीदी कर ली।
Inside story of CGMSC scam 2 IAS reagent scam EOW: ये पूरी प्रक्रिया विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तक चलती रही। इस बीच कागजी कार्रवाई में थोड़ी देर हो गई और आचार संहिता लग गई। इस दौरान रीएजेंट की सप्लाई तो हो गई, लेकिन भुगतान नहीं हुआ।
Inside story of CGMSC scam 2 IAS reagent scam EOW: हैरानी की बात है कि सरकार बदलने के बाद भी 50 करोड़ का भुगतान सप्लायर को किया गया। इसमें सीजीएमएससी की जीएम फाइनेंस रही मीनाक्षी गौतम की भूमिका सवालों के दायरे में है।
इन अफसरों से पूछताछ की मंजूरी मांगी
Bhim Singh, IAS, then Health Director
जिम्मेदारी: हेल्थ डायरेक्टर होने के नाते दवाओं और रीएजेंट की खरीदी का आर्डर देना इन्हीं के जिम्मे था। इन्हीं के कार्यकाल में कहीं से भी डिमांड न होने के बावजूद सीजीएमएससी को 350 करोड़ के रीएजेंट खरीदी का आदेश दिया गया था।
Chandrakant Verma, IAS, then MD CGMSC
जिम्मेदारी: सीजीएमएससी के एमडी होने के नाते खरीदी और सप्लाई की जिम्मेदारी इन्हीं की थी। इनके कार्यकाल में ही स्वास्थ्य विभाग ने डिमांड की और इन्होंने जांच करवाए बिना रीएजेंट खरीदी के लिए टेंडर जारी कर खरीदी की।
Meenakshi Gautam, GM Finance CGMSC
जिम्मेदारी: टेंडर कमेटी में सदस्य रहकर, जरूरत के हिसाब से आर्डर देना। कंपनी को भुगतान करना।
Basant Kaushik, GM Technician CGMSC
जिम्मेदारी: टेंडर कमेटी के अहम सदस्य। कौन सा उपकरण या रीएजेंट खरीदना है। कितनी जरूरत है। उसमें क्या स्पेसिफिकेशन होना चाहिए। ये तय करना और कंडीशन के हिसाब बदलाव करने का अधिकार।
Dr. Anil Parsai, Health Department Store Incharge
जिम्मेदारी: राज्य के अस्पतालों में कौन सी दवा-उपकरण की जरूरत है। कितनी कमी है। इसका आंकलन कर उसी हिसाब से सीजीएमएससी से मंगवाने की सिफारिश करना।
Kshirondra Rawatiya, Biomedical Engineer CGMSC
जिम्मेदारी: जो भी उपकरण या रीएजेंट सप्लायर दे रहा है, उसकी गुणवत्ता सही है या नहीं। इसकी जांच करने के अलावा टेंडर कमेटी में सदस्य रहकर खरीदी का आर्डर देना।
Kamalkant Patanwar, GM Technician CGMSC
जिम्मेदारी: टेंडर कमेटी के अहम सदस्य। कौन सा उपकरण या रीएजेंट खरीदना है। कितनी जरूरत है। उसमें क्या स्पेसिफिकेशन होना चाहिए। ये तय करना और कंडीशन के हिसाब बदलाव करने का अधिकार।
Anand Rao, Health Department
जिम्मेदारी: स्वास्थ्य विभाग और सीजीएमएससी के बीच कोर्डिनेटर का काम करना। आर्डर के अनुसार स्टॉक पहुंचा या नहीं। इसकी जांच कर कमी को पूरा करवाना है।
अब विस्तार से जानिए घोटाले की पूरी कहानी ?
मोक्षित कॉर्पोरेशन दवाइयों और मेडिकल उपकरणों की एजेंसी है। यह एजेंसी सीजीएमएससी को दवाइयां और उपकरण सप्लाई करती है। कंपनी से मिलीभगत कर अधिकारियों ने 8.5 रुपए की ट्यूब 2 हजार 352 रुपए में खरीदी है।
छापेमारी के दौरान बड़ी संख्या में दस्तावेज मिले
दरअसल, सोमवार को ईओडब्ल्यू की टीम ने रायपुर और दुर्ग जिले में मोक्षित कॉर्पोरेशन पर छापा मारा था। इसके अलावा हरियाणा के पंचकूला में करीब 8 टीमों ने छापेमारी की। टीम ने शशांक के भाई, उसके रिश्तेदारों के घर और दफ्तरों पर छापेमारी कर दस्तावेज जब्त किए।
इसके साथ ही ईओडब्ल्यू-एसीबी ने छापेमारी के दौरान सप्लायर मोक्षित कॉर्पोरेशन के एमडी शशांक गुप्ता के बंगले, फैक्ट्री और पार्टनरों समेत 16 ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए हैं। ईओडब्ल्यू की टीम सीजीएमएससी दफ्तर के साथ एमडी के रिश्तेदारों और दोस्तों के घर भी जांच करने पहुंची।
छापेमारी के दौरान रीएजेंट सप्लाई से जुड़े बड़ी संख्या में दस्तावेज जब्त किए गए हैं। जरूरत न होने के बावजूद कांग्रेस शासन में करोड़ों के रिएजेंट खरीदे गए। एक ही महीने में इतना स्टॉक खरीदा गया कि सीजीएमएससी और सभी बड़े अस्पतालों के गोदाम फुल हो गए। इसके बाद रिएजेंट ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों में भेजे गए, जहां न तो लैब थे और न ही टेक्नीशियन।
ईओडब्ल्यू ने 5 लोगों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीजीएमएससी) घोटाले और रिएजेंट घोटाले में ईओडब्ल्यू ने मोक्षित कॉर्पोरेशन, रिकॉर्ड्स एंड मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीबी कॉर्पोरेशन के साथ सीजीएमएससी के अधिकारी कर्मचारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
ईओडब्ल्यू की एफआईआर में बताया गया है कि सीजीएमएससी द्वारा मार्च-अप्रैल 2023 में मशीनें और रिएजेंट खरीदे गए। एक महीने के भीतर ही खरीद प्रक्रिया पूरी कर ली गई। एफआईआर में बताया गया है कि करीब 411 करोड़ की खरीद सरकार को संज्ञान में लाए बिना की गई।
छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने महज 26-27 दिनों में खरीद के आदेश जारी कर दिए थे। इन रिएजेंट के रख-रखाव की कोई व्यवस्था नहीं थी, फिर भी इन्हें स्वास्थ्य केंद्रों में स्टोर कर दिया गया।
दूसरी ओर सीजीएमएससी के अधिकारियों द्वारा सरकारी प्रक्रिया का पालन किए बिना ही अभिकर्मकों की आपूर्ति करने वाली कंपनी को निजी लाभ पहुंचाने के लिए खरीद की गई।
जानिए अभिकर्मक क्या होता है
अभिकर्मक का उपयोग विभिन्न बीमारियों का पता लगाने के लिए किया जाता है। यह एक तरह का विशेष रसायन होता है, जिसे रक्त के नमूनों में मिलाकर जांच की जाती है। अभिकर्मकों का उपयोग रक्त से संबंधित सभी प्रकार की जांचों में किया जाता है।
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS