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छत्तीसगढ़ में दिवाली पर मंहगाई की मार: फल और फूल दोनों के मिजाज हुए तेज, जानिए किस रेट में बिके सामान ?

Inflation hits Diwali in Chhattisgarh: लोग दीपों के त्योहार के लिए खरीदारी कर रहे हैं। रायपुर के सभी चौक-चौराहों पर पूजा सामग्री, फल, फूल आदि की दुकानें सज गई हैं। सुबह से ही दुकानों पर ग्राहकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। लोग पूजा के लिए अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं।

दुकानदारों का कहना है कि महंगाई का असर उनके कारोबार पर पड़ रहा है। महंगाई के कारण लोग मोल-भाव कर अपनी जरूरत के हिसाब से खरीदारी कर रहे हैं। कई दुकानदारों का कहना है कि महंगाई के कारण इस बार ग्राहकों की संख्या कम है।

त्योहार पर महंगाई का असर

फलों की दुकान चलाने वाले विक्की का कहना है कि दिवाली के त्योहार के कारण बाजार में चहल-पहल है। लोग पूजा सामग्री के साथ फल, फूल, केले के पत्ते और आम के पत्ते जैसी चीजें खरीद रहे हैं।

बिक्री तो अच्छी हो रही है लेकिन महंगाई का असर बाजार पर जरूर दिख रहा है। त्योहार के कारण फलों के दाम बढ़ गए हैं। दाम बढ़ने के बाद भी लोग खरीदारी करने आ रहे हैं।

कृत्रिम फूलों के दाम आसमान पर

फूलों की दुकान चलाने वाले युवराज तिवारी का कहना है कि पहले की तुलना में फूलों के दाम भी बढ़ गए हैं। लोग असली फूलों के साथ कृत्रिम और फैंसी फूल भी खरीद रहे हैं। चाहे असली फूल हों या कृत्रिम फूल, सभी के दाम बढ़ गए हैं।

दाम बढ़ने से ग्राहकों की संख्या में भी थोड़ी कमी आई है। कृत्रिम और फैंसी फूलों में गुलाब, गेंदा और फूलों से बनी मालाओं की भी बाजार में मांग है। ग्राहक न आने से दुकानदार परेशान हैं।

बाजार में ग्राहकी पर असर

पूजा सामग्री बेचने वाले दुकानदार आनंद धीवर ने बताया कि दिवाली त्योहार को देखते हुए लोग पूजा सामग्री के साथ भगवान को बैठाने के लिए कपड़े, नारियल, सुपारी, हल्दी, दीया, बाती, लाई, बताशा जैसी चीजें खरीद रहे हैं।

साथ ही मिट्टी से बनी ग्वालिन और लक्ष्मी जी की मूर्तियां भी खरीद रहे हैं। कुछ चीजों के दाम बढ़ने से बाजार में ग्राहकों की संख्या पहले जितनी नहीं है।

दिवाली के बारे में हिंदू मान्यता

दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार पूरे देश में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। दिवाली के दिन घरों को रोशन किया जाता है। सूर्यास्त के बाद यानी प्रदोष काल में धन की देवी माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देवता की पूजा की जाती है।

मान्यता है कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या की रात को देवी लक्ष्मी धरती पर भ्रमण करने आती हैं। वे उन घरों में वास करने लगती हैं जहां साफ-सफाई, पूजा-पाठ और मंत्रों का जाप होता है। इसलिए दिवाली की शाम को महालक्ष्मी की पूजा का विशेष महत्व है।

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