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Indore News: इंदौर में करोड़ों की जमीन सहकारी संस्था ने अवैध तरीके से बेची, अब रजिस्ट्री होगी शून्य

इंदौर में नवभारत संस्था ने अपने सदस्यों को प्लाॅट देने के बजाए संस्था की जमीन एक कारोबारी को बेच दी। सहकारिता विभाग को अब रजिस्ट्री शून्य कराने की चिंता सता रही है, जबकि यह सौदा 13 साल पहले हुआ था।

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– फोटो : SOCIAL MEDIA

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सहकारी संस्था द्वारा जो प्लॉट अपने सदस्यों को दिए जाना चाहिए। उसे घपला कर एक कारोबारी को बेच दिया। अब सहकारिता विभाग ने रजिस्ट्री शून्य करने के लिए कोर्ट की शरण ली है। अपने सदस्यों का हक मारकर दूसरे लोगों को जमीन बेचने का काम इंदौर में लंबे समय से जारी है। ऐसा ही एक मामला नवभारत सहकारी संस्था का सामने आया है।

संस्था ने बिजलपुर क्षेत्र की जमीन मोहम्मद अब्दुला खंबाती को वर्ष 2009 में 4 करोड़ रुपये में बेच दी, जबकि एक एकड़ जमीन का बाजार मूल्य तब उससे ज्यादा था। लंबे समय तक सहकारिता विभाग के तत्कालीन अफसरों ने इस सौदे को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया और सहकारी संस्था के सदस्य पैसा भरने के बावजूद प्लॉट के लिए चक्कर काटते रहे। इसके बाद प्रशासन ने भूमाफिया और सहकारी संस्थाओं के गठजोड़ को लेकर अभियान चलाया तो कई मामले सामने आए।

तब नवभारत सहकारी संस्था का नाम भी आया था। अब सहकारिता विभाग ने जिला कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया है। संस्था के प्रशासक जगदीश जलोदिया ने कोर्ट को कहा है कि इस सौदे की रजिस्ट्री शून्य घोषित की जाए, ताकि बेची गई जमीन का कब्जा सहकारिता विभाग वापस ले सके और उसे सदस्यों को आवंटित किया जाए। आपको बता दे कि नवभारत संस्था ने कुछ अन्य जमीनें भी दूसरे लोगों को बेच दी। उसकी भी जांच लंबे समय से चल रही है।

विस्तार

सहकारी संस्था द्वारा जो प्लॉट अपने सदस्यों को दिए जाना चाहिए। उसे घपला कर एक कारोबारी को बेच दिया। अब सहकारिता विभाग ने रजिस्ट्री शून्य करने के लिए कोर्ट की शरण ली है। अपने सदस्यों का हक मारकर दूसरे लोगों को जमीन बेचने का काम इंदौर में लंबे समय से जारी है। ऐसा ही एक मामला नवभारत सहकारी संस्था का सामने आया है।

संस्था ने बिजलपुर क्षेत्र की जमीन मोहम्मद अब्दुला खंबाती को वर्ष 2009 में 4 करोड़ रुपये में बेच दी, जबकि एक एकड़ जमीन का बाजार मूल्य तब उससे ज्यादा था। लंबे समय तक सहकारिता विभाग के तत्कालीन अफसरों ने इस सौदे को लेकर कोई एक्शन नहीं लिया और सहकारी संस्था के सदस्य पैसा भरने के बावजूद प्लॉट के लिए चक्कर काटते रहे। इसके बाद प्रशासन ने भूमाफिया और सहकारी संस्थाओं के गठजोड़ को लेकर अभियान चलाया तो कई मामले सामने आए।

तब नवभारत सहकारी संस्था का नाम भी आया था। अब सहकारिता विभाग ने जिला कोर्ट में आवेदन प्रस्तुत किया है। संस्था के प्रशासक जगदीश जलोदिया ने कोर्ट को कहा है कि इस सौदे की रजिस्ट्री शून्य घोषित की जाए, ताकि बेची गई जमीन का कब्जा सहकारिता विभाग वापस ले सके और उसे सदस्यों को आवंटित किया जाए। आपको बता दे कि नवभारत संस्था ने कुछ अन्य जमीनें भी दूसरे लोगों को बेच दी। उसकी भी जांच लंबे समय से चल रही है।

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