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Mahakal Temple Ujjain: महाकाल के दर्शन कर न्यू ईयर मनाना चाहते हैं तो जान लें क्या है नया प्लान, व्यवस्थाओं में रहेगा परिवर्तन

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उज्जैन में महाकाल मंदिर प्रशासन ने नए साल को देखते हुए दर्शन के विशेष इंतजाम करने की योजना बनाई है। आम तौर पर 20 दिसंबर से पांच जनवरी तक दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसे ध्यान में रखते हुए व्यापक योजना बनाई गई है। मंदिर प्रशासन को लग रहा कि कोरोना का साया इस साल नहीं है। इसके साथ ही महाकाल लोक का लोकार्पण भी हो चुका है। ऐसे में इस साल रिकॉर्ड भीड़ आ सकती है। इसे देखते हुए दर्शन, भस्मारती, लड्डू प्रसाद की आपूर्ति और अन्नक्षेत्र की व्यवस्थाओं में व्यापक बदलाव रहेगा। 

हर साल को विदा करने और नए साल की अगवानी करने देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आते हैं। कोरोना की वजह से पिछले दो साल में दर्शकों की संख्या सीमित ही रही है। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने मीडिया को बतााया कि भक्तों का अनुभव सुखद रहे, इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। प्लान अभी तैयार किया जा रहा है।  

भस्मारती से लेकर दर्शन तक में यह हो सकती है व्यवस्था
आम लोगों को दोपहर एक से शाम चार बजे तक तीन घंटे गर्भगृह में प्रवेश दिया जा हा है। भीड़ वाले दिनों में भी यह व्यवस्था जारी रहेगी, इसे ध्यान में रखकर प्लान बनाया जा रहा है। इसी तरह भस्मारती के लिए देश-विदेश से आने वाले भक्तों का भी ध्यान रखा जाएगा। कोटा सिस्टम को देखा जाएगा। आम लोगों को भी अधिक सीट मिल सके, इसकी व्यवस्था की जा सकती है। महाकाल के प्रसाद के तौर पर बिकने वाले लड्डू की सप्लाई गड़बड़ाई हुई है। इसे ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं।  

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उज्जैन में महाकाल मंदिर प्रशासन ने नए साल को देखते हुए दर्शन के विशेष इंतजाम करने की योजना बनाई है। आम तौर पर 20 दिसंबर से पांच जनवरी तक दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इसे ध्यान में रखते हुए व्यापक योजना बनाई गई है। मंदिर प्रशासन को लग रहा कि कोरोना का साया इस साल नहीं है। इसके साथ ही महाकाल लोक का लोकार्पण भी हो चुका है। ऐसे में इस साल रिकॉर्ड भीड़ आ सकती है। इसे देखते हुए दर्शन, भस्मारती, लड्डू प्रसाद की आपूर्ति और अन्नक्षेत्र की व्यवस्थाओं में व्यापक बदलाव रहेगा। 

हर साल को विदा करने और नए साल की अगवानी करने देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन आते हैं। कोरोना की वजह से पिछले दो साल में दर्शकों की संख्या सीमित ही रही है। मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने मीडिया को बतााया कि भक्तों का अनुभव सुखद रहे, इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं। प्लान अभी तैयार किया जा रहा है।  

भस्मारती से लेकर दर्शन तक में यह हो सकती है व्यवस्था

आम लोगों को दोपहर एक से शाम चार बजे तक तीन घंटे गर्भगृह में प्रवेश दिया जा हा है। भीड़ वाले दिनों में भी यह व्यवस्था जारी रहेगी, इसे ध्यान में रखकर प्लान बनाया जा रहा है। इसी तरह भस्मारती के लिए देश-विदेश से आने वाले भक्तों का भी ध्यान रखा जाएगा। कोटा सिस्टम को देखा जाएगा। आम लोगों को भी अधिक सीट मिल सके, इसकी व्यवस्था की जा सकती है। महाकाल के प्रसाद के तौर पर बिकने वाले लड्डू की सप्लाई गड़बड़ाई हुई है। इसे ठीक करने के प्रयास किए जा रहे हैं।  

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