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सरकारी शिक्षकों की बल्ले-बल्ले: नौनिहालों के भविष्य से खिलवाड़, देर से खोलते हैं स्कूल और समय से पहले बंद, बेसुध बैठे जिम्मेदार

राज नारायण सोनी, उमरिया: शिवराज सरकार स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई के लिए लाखों रुपये पानी की तरह बहा रही है, ताकि बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके. नौनिहालों की नींव मजबूत हो सके, लेकिन शिक्षकों की नाकामी की वजह से स्कूल को देर से खोला जा रहा है. इसके साथ ही स्कूल को समय से पहले बंद कर शिक्षक घर के लिए रवाना हो जाते हैं. स्कूल में ताले जड़ दिए जाते हैं, लेकिन इस पर कोई ध्यान देने वाला नहीं है, जिससे ग्रामीण स्कूली शिक्षा व्यवस्था गर्त में जा रहा है.

दरअसल, मानपुर ब्लॉक के ग्रामीण अंचल क्षेत्र के सकरिया स्कूल में बड़ी लापरवाही सामने आई है. शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय सकरिया में बच्चों से धोखा किया जा रहा है. नौनिहालों की जिंदगी से खिलवाड़ किया जा रहा है. यहां पर कार्यरत शिक्षक समय पर स्कूल नहीं खोलते हैं.

शिक्षकों से चर्चा करने पर शिक्षकों का जवाब हास्य पद रहा . विद्यालय बन्द करने का समय पूछा गया तो शिक्षकों का कहना कुछ यूं था कि जिले में स्कूल बंद होने का समय साढ़े चार बजे, लेकिन स्कूल 3 बजे ही बंद कर सभी टीचर नौ दो ग्यारह हो जाते हैं.अब ऐसे में जिन शिक्षकों के हाथ में ग्रामीणों ने आपने और हमने देश का भविष्य सौपा हैं. ऐसे शिक्षकों के होते हुए ग्रामीणों के बच्चों का भविष्य गर्त में है.

शासन के कई प्रयासों के बाद भी सरकारी स्कूलों की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा है. वहीं शिक्षा विभाग के जिला और स्थानीय अधिकारी भी लंबे समय से क्षेत्र में स्कूलों का निरीक्षण नहीं कर रहे हैं. इस कारण शिक्षकों की मनमर्जी से बच्चों का अध्यापन कार्य प्रभावित हो रहा है. यही कारण है कि स्कूलों में लगातार बच्चों की पढ़ाई प्रभावित और बच्चे शिक्षा में कमजोर हो रहे हैं.

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