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छत्तीसगढ़ में बहू की होती है पूजा: CM साय बोले- कभी बहू को जलाया नहीं जाता, बहू कभी यहां आत्महत्या नहीं करती

Glorious History of Tribal Society at Circuit House Raipur: सर्किट हाउस रायपुर में आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में शामिल होने सीएम विष्णु देव साय पहुंचे।

Glorious History of Tribal Society at Circuit House Raipur: सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज की परंपरा की जड़ें बहुत मजबूत हैं। यहां दहेज के लिए कभी बहू को नहीं जलाया जाता, यहां बहू कभी आत्महत्या नहीं करती।

आदिवासी समाज का इतिहास दुनिया के पुराने इतिहासों में दर्ज है। वर्तमान में छत्तीसगढ़ में जनजातियों की आबादी 32 प्रतिशत है। लोगों को इस समाज से सीख लेनी चाहिए। आदिवासी समाज हमेशा अपने अतीत को याद रखता है।

आदिवासी समाज पर कार्यशाला का आयोजन

Glorious History of Tribal Society at Circuit House Raipur: रायपुर में आदिवासी समाज के गौरवशाली अतीत पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान प्रदर्शनी भी लगाई गई। प्रदर्शनी में आदिवासी समाज के गौरवशाली इतिहास को दिखाया गया।

Glorious History of Tribal Society at Circuit House Raipur: कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और मंत्री केदार कश्यप समेत कई नेता शामिल हुए। कार्यक्रम का आयोजन उच्च शिक्षा विभाग की ओर से किया गया था।

Glorious History of Tribal Society at Circuit House Raipur: कार्यक्रम में भैयालाल राजवाड़े, वनवासी विकास समिति के अखिल भारतीय युवा कार्य प्रमुख वैभव सुरंगे, वनवासी विकास समिति के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कश्यप भी मौजूद थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि आदिवासी समाज का अपना गौरवशाली इतिहास है। यह सोचकर गर्व होता है कि इस समाज में अनेक स्वतंत्रता सेनानी और जननेता पैदा हुए। उन्होंने अपने देश के लिए संघर्ष किया। शहीद वीर नारायण सिंह, गुंडाधुर जैसे स्वतंत्रता सेनानी थे।

बिरसा मुंडा जैसे जननेता थे। पूरा विश्व आज जलवायु परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। प्रकृति का संरक्षण जरूरी है। आदिवासी समाज ने प्रकृति की रक्षा का रास्ता दिखाया है। प्रकृति प्रेम का पर्व सरहुल यहां मनाया जाता है:

बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती

Glorious History of Tribal Society at Circuit House Raipur: मुख्यमंत्री ने कहा कि आदिवासी समाज में संस्कृति की गहरी आध्यात्मिकता छिपी है। आदिवासी समाज के लोगों से जीवन जीने का तरीका सीखने की जरूरत है। यहां दहेज जैसी सामाजिक कुरीतियां नहीं हैं।

भगवान बिरसा मुंडा ने खुद शोषण मुक्त समाज का सपना देखा था। भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर 15 नवंबर को छत्तीसगढ़ के हर जिले में गौरव दिवस मनाया जाएगा। बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर छत्तीसगढ़ में कई भव्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।

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