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4 कातिलों ने पत्थरों से कुचल-कुचलकर मार डाला: गरियाबंद में 1000 के लिए हत्यारे बने दोस्त, मुंह में कपड़ा ठूंसकर, हाथ-पैर बांधकर फेंकी लाश

Gariband Murder Case 2025 Friends Killed Friend for 1000 Rupees Rajim Lodhiya Pond Murder: रात थी, तारीख थी 27 अक्टूबर। गरियाबंद जिले के राजिम कस्बे में दीपावली के बाद की खामोशी थी, लेकिन लोधिया तालाब के किनारे चार साये एक “खूनी सौदा” तय कर रहे थे। शराब की बोतलें आधी खाली हो चुकी थीं और बात पैसों पर अटक गई थी — सिर्फ 1000 रुपए। वही 1000 रुपए, जिसने दोस्ती की डोर तोड़ी और एक 26 साल के युवक दुर्गेश साहू की ज़िंदगी छीन ली।


दोस्ती, उधार और मौत की साजिश

Gariband Murder Case 2025 Friends Killed Friend for 1000 Rupees Rajim Lodhiya Pond Murder: दुर्गेश परतेवा गांव का रहने वाला था, मजदूरी करता था, और जिंदगी के छोटे-छोटे खर्च पूरे करने के लिए अपने दोस्त वीरेंद्र धीवर (24) से उधार लिया था — बस हजार रुपए। वीरेंद्र ने कई बार पैसे मांगे, लेकिन हर बार दुर्गेश ने हंसी में बात टाल दी। धीरे-धीरे यह “दोस्ती” ज़हर में बदलने लगी।

Gariband Murder Case 2025 Friends Killed Friend for 1000 Rupees Rajim Lodhiya Pond Murder: 27 अक्टूबर की शाम वीरेंद्र ने दुर्गेश को फोन किया —“चल, आज तालाब किनारे बैठते हैं, थोड़ी दारू पी लेंगे।” दुर्गेश पहुंचा, तालाब के किनारे आग जलाई गई, गिलासों में शराब भरी गई। लेकिन इस बार दारू के साथ-साथ “साजिश” भी परोसी जा रही थी।


जब दोस्त बने जल्लाद

Gariband Murder Case 2025 Friends Killed Friend for 1000 Rupees Rajim Lodhiya Pond Murder: नशे की हालत में जब वीरेंद्र ने पैसे मांगे, तो दुर्गेश ने फिर कहा — “कल दे दूंगा।” बस, यही वो पल था जब दोस्ती की रेखा खून में डूब गई। वीरेंद्र ने पास पड़ी ईंट उठाई और सिर पर दे मारी। दुर्गेश गिर पड़ा। बाकी तीन दोस्त — जिनमें थानेंद्र साहू (23) और दो नाबालिग भी थे — टूट पड़े।

लात-घूंसे, ईंट-पत्थर, और चीखें।

Gariband Murder Case 2025 Friends Killed Friend for 1000 Rupees Rajim Lodhiya Pond Murder: दुर्गेश का सिर फट गया, खून बहता रहा। कुछ ही मिनटों में उसकी सांसे थम गईं। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं हुई। आरोपियों ने हाथ-पैर बांधे, मुंह में कपड़ा ठूंसा, और कमर में भारी पत्थर बांधकर शव को तालाब में फेंक दिया।
रात गहरी थी, तालाब शांत… और एक दोस्त अब सिर्फ लाश बन चुका था।


तालाब में तैरता सच और पुलिस की पड़ताल

Gariband Murder Case 2025 Friends Killed Friend for 1000 Rupees Rajim Lodhiya Pond Murder: दो दिन बाद, 29 अक्टूबर की सुबह, जब गांव के कुछ लोग मछली पकड़ने तालाब पहुंचे, तो उन्होंने पानी में कुछ तैरता देखा।
वो कोई लकड़ी नहीं थी — वो एक इंसान था। राजिम पुलिस मौके पर पहुंची। शव की पहचान दुर्गेश साहू के रूप में हुई। उसके चेहरे पर गहरे जख्म थे, हाथ-पैर बंधे थे और मुंह में कपड़ा ठूंसा हुआ था। एक नज़र में साफ था — यह हत्या थी।

Gariband Murder Case 2025 Friends Killed Friend for 1000 Rupees Rajim Lodhiya Pond Murder: पुलिस ने जांच तेज की, परिजनों से पूछताछ की। धीरे-धीरे धागे खुलते गए। गवाहों ने बताया कि आखिरी बार दुर्गेश को वीरेंद्र और उसके दोस्तों के साथ देखा गया था। जब पुलिस ने चारों को पकड़ा और पूछताछ शुरू की, तो सच्चाई ने सबको सन्न कर दिया —“साहब, बस हजार रुपए का झगड़ा था…” चारों ने जुर्म कबूल कर लिया।


गरियाबंद की वो खामोश रात

बीएनएस की धाराओं में मामला दर्ज हुआ, लेकिन सवाल अब भी हवा में तैर रहा है — क्या आज दोस्ती इतनी सस्ती हो गई है कि एक हजार रुपए की कीमत पर जान ले ली जाए? गरियाबंद के लोधिया तालाब की लहरें आज भी उसी रात की गूंज दोहराती हैं — जहां चार दोस्तों ने मिलकर दोस्ती की लाश उसी तालाब में बहा दी, जहां कभी सब साथ बैठकर हंसे थे, और आज वहीं से किसी की मौत की कहानी शुरू हुई।

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