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गरियाबंद में शैतान का डर, युवती की मौत: छाती पर चढ़कर किया इलाज, पसलियां टूटी, हार्ट अटैक आया, मां बोली- 3 महीने तक बंधक बनाकर रखा, बाइबिल पढ़वाई

Gariaband Fear of devil girl dies: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के सुरसाबांधा गांव में इलाज के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में योगिता सोनवानी (18) की मौत हो गई। योगिता की मां सुनीता ने बताया कि ईश्वरी साहू नाम की महिला उसे इलाज के नाम पर अपने घर ले गई और 3 महीने तक बंधक बनाकर रखा। वहां उसने उसे प्रार्थना करने और बाइबिल पढ़ने के लिए मजबूर किया। योगिता लंबे समय से मानसिक रूप से बीमार थी। मामला राजिम थाना क्षेत्र का है।

सुनीता सोनवानी के मुताबिक ईश्वरी ने उससे कहा था कि योगिता के शरीर में शैतान है। इलाज के नाम पर वह महिला के सीने पर चढ़कर शैतान को भगाने का नाटक करती और विरोध करने पर गर्म तेल लगाकर पीटती थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पता चला है कि लड़की की मौत पसलियां टूटने और हार्ट अटैक से हुई है।

यह है पूरा मामला

योगिता के पिता का पहले ही निधन हो चुका था। मानसिक रूप से बीमार बेटी के इलाज की जिम्मेदारी उसकी मां सुनीता सोनवानी के कंधों पर थी। बेटी के बेहतर इलाज की उम्मीद में सुनीता रायपुर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रही थी। इलाज में काफी खर्च हुआ, यहां तक ​​कि उसे अपना घर भी बेचना पड़ा। लेकिन कोई खास सुधार नहीं हुआ।

इसके बाद सुनीता अपनी बेटी को लेकर महासमुंद स्थित अपने मायके पहुंची और वहां से जानकारी मिलने के बाद वह सुरसाबांधा गांव आई और ईश्वरी साहू नाम की महिला के संपर्क में आई, जो खुद को ओझा बताती थी। यहां पिछले तीन महीने से मां-बेटी गांव के आखिरी छोर पर एक सुनसान जगह पर रह रही थीं।

सुनीता का आरोप है कि ईश्वरी साहू ने उसे शैतान का डर दिखाया था और किसी से संपर्क न करने और बाहर न जाने की हिदायत दी थी। योगिता की हालत बिगड़ती चली गई और उसकी मौत हो गई।

स्थानीय लोगों की मदद से थाने पहुंची

स्थानीय महिलाओं के मुताबिक यहां नियमित रूप से ओझा सभाएं होती थीं। इसमें प्रार्थना और बाइबिल पढ़ी गई। जब मां सुनीता ने स्थानीय लोगों की मदद से मामले का खुलासा किया और राजिम थाने पहुंची तो पुलिस रात भर उसे टालती रही।

4 अन्य लड़कियों का चमत्कारिक इलाज

आधी रात के बाद ही एफआईआर दर्ज हुई और पुलिस मौके पर पहुंची। राजिम पुलिस ने परिजनों की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है। जांच में पता चला कि योगिता ही नहीं बल्कि इलाज न करवा पाने वाली 4 अन्य लड़कियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया गया। पिछले कई सालों से ईश्वरी अपने घर में प्रार्थना के नाम पर इलाज करवा रही थी।

पसली टूटी, हार्ट अटैक से मौत- डॉक्टर

एडिशनल एसपी जितेंद्र चंद्राकर ने घटना की पुष्टि की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर एमएस ठाकुर ने बताया कि लड़की की पसली टूटने के बाद खून भी निकला था। फिर हार्ट अटैक से पीड़िता की मौत हो गई।

आरोपी महिला हिरासत में

आरोपी महिला ईश्वरी साहू को हिरासत में ले लिया गया है और उसके खिलाफ धर्म परिवर्तन और बंधक बनाने का मामला दर्ज किया गया है। अब पूरे मामले की जांच चल रही है। घटना को लेकर समुदाय के नेताओं समेत ग्रामीणों में काफी गुस्सा है।

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