स्लाइडर

Indore News: पहाड़ काटकर बनना है गणपति घाट का बायपास,वन विभाग की क्लीयरेंस नहीं

विस्तार

आगर-मुंबई नेशनल हाइवे के ब्लैक स्पॉट गणपति घाट पर १५ सालो में २०० से ज्यादा मौतें हो चुकी है, लेकिन अभी तक उसकी खामियां एनएचएआई दूर नहीं कर पाया। घाट के पहाड़ों को काटकर आठ किलोमीटर का नया बायपास बनना है लेकिन अभी तक वन विभाग की क्लीयरेंस ही प्रोजेक्ट को नहीं मिल पाई है।

डे़ढ़ सौ करो़ड़ होंगे खर्च

गणपतिघाट पर नया बायपास बनाने में डेढ़ सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें मौजूदा रोड के दूसरी तरफ आठ किलोमीटर का नया रोड बनेगा, जिसका ढलान कम होगा। एनएचएआई ने इस प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। इस रिअलाइनमेंट प्रोजेक्ट में ढाल गांव से घाट के नीचे की तरफ नीमगढ़ गांव तक सड़क बनेगी। सड़क की लंबाई आठ किलोमीटर और चौड़ाई ३० मीटर होगी। इस प्रोजेक्ट में ३३ हेक्टेयर जमीन लगेगी। एनएचएआई के प्रोजेक्ट मैनेजर मनीष असाटी का कहना है कि इसकी डिजाइन तैयार हो चुकी है। वन विभाग की मंजूरी मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।

अनफिट वाहन होते है हादसों का शिकार

गणपति घाट पर हादसे होने की वजह ढलान पर ब्रेक फेल होना है। प्रोजेक्ट मंजूर करने से पहले घाट की रिपोर्र्ट तैयार की गई थी। भारतीय रोड कांग्रेस के मापदंडों के अनुसार ५.९९ ग्रेडियन्ट का ढलान रहता है। इस घाट पर भी इतना ही ढलान है। अफसरों का कहना है कि यह अनफिट वाहन ज्यादा लोड लेकर चलते है और घाट पर लगातार ब्रेक लगाने से लाइनर जल जाते है और ब्रेक फेल होने से हादसे होते है।

फर्शियों से भरे वाहन, टैंकरों के हादसे ज्यादा

गणपति घाट पर ज्यादातर उन वाहनों के हादसे ज्यादा होते है। जिनमें ऐसा माल भरा हो, जिसका लोड ढलान पर आगे की तरफ जा जाता है। ज्यादतर फर्शी, पत्थर, टाइल्स के वाहन दुर्घटना का शिकार हुए है। शनिवार को हादसे का शिकार हुए ट्राले में भी मार्बल पत्थर भरे हुए थे।

सबसे ज्यादा हादसे २०१८ में

गणपति घाट पर सबसे ज्यादा हादसे २०१८ में हुए। पुलिस के रिकार्ड के अनुसार २०१८ में ६५ हादसे हुए। इसमें ३५ लोगों की जान गई और ९९ लोग घायल हुए। २०१८ के अलावा २०१७ में २९ मौतें हुई। इसके बाद घाट पर हादसे रोकने के प्रयास तेज हुए, लेकिन फिर भी हादसे नहीं रुके।

  

Source link

Show More
Back to top button