
6 मार्च 2024 की रात। ये वही रात है, जब दुर्ग के गनियारी गांव में डबल मर्डर हुआ। 3 लोगों ने मिलकर पहले पोती को कुल्हाड़ी से काटा, फिर दादी को चाकू से वार कर मार डाला। दोनों की लाश को आंगन में फेंक दी। खून से सने हथियारों को तालाब में धो दिया, ताकि सबूत न मिले।
7 मार्च को पुलिस को खून से सनी लाशें मिलीं थीं। घर और आंगन में खून के छींटे थे, जिसे देखकर लग रहा था कि किसी ने खून की होली खेली है। पुलिस ने 18 महीने बाद मास्टरमाइंड और उसके सहयोगी को पकड़ा है, जबकि एक आरोपी अभी फरार है।
डबल मर्डर का आरोपी नाबालिग लड़की का बॉयफ्रेंड निकला। मृत गर्लफ्रेंड का नाम सविता साहू (17) है, जबकि उसकी दादी का नाम राजवती साहू है। पुलिस ने मास्टरमाइंड चुमेंद्र निषाद और उसके दोस्त पंकज निषाद को अरेस्ट किया है। पढ़िए इस रिपोर्ट में कैसे डबल मर्डर को अंजाम दिया गया, क्यों मारा और कैसे पकड़े गए आरोपी ?

जानिए क्या है पूरा मामला ?
दरअसल, 6 मार्च 2024 की रात को गनियारी गांव में 62 साल की बुजुर्ग महिला राजवती साहू और उसकी 17 साल की नाबालिग पोती सविता साहू की लाश घर में खून से सनी मिली थी। दोनों की गला रेतकर हत्या की गई थी। गले और शरीर के कई हिस्सों में गहरे घाव के निशान थे।
पुलगांव पुलिस ने मौके पर FSL, फिंगर प्रिंट और डॉग स्क्वॉड की मदद से सबूत जुटाए। 62 संदिग्धों से पूछताछ की गई। कई महीनों की जांच के बाद अहमदाबाद और रायपुर में दोनों आरोपियों सहित 8 लोगों का ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट भी कराए गए थे। 18 महीने बाद आरोपी पकड़े गए।
अब जानिए दादी-पोती को क्यों मार डाला ?
पुलिस के मुताबिक गर्लफ्रेंड सविता साहू अपने बॉयफ्रेंड चुमेंद्र साहू की सगाई से नाराज थी। 19 फरवरी 2024 को बॉयफ्रेंड ने दूसरी लड़की से सगाई की थी। नाबालिग ने अपनी सहेलियों के माध्यम से बॉयफ्रेंड चुमेंद्र को धमकी दी थी कि वो उसकी शादी तुड़वा देगी।
धमकी से चुमेंद्र साहू घबरा गया। प्रेम संबंध के राज के खुल जाने के डर से मर्डर की साजिश रची। गर्लफ्रेंड की हत्या की साजिश में चुमेंद्र ने शराब तस्कर पंकज निषाद और एक अन्य दोस्त को शामिल किया। साजिश के तहत मर्डर के लिए रात का वक्त चुना।
मास्टरमाइंड चुमेंद्र ने वारदात से पहले अपने दोस्तों के साथ घुघसीडीह गांव गया था, ताकि खुद को वारदात से दूर दिखा सके। रात करीब 1:00 से 1:30 बजे के बीच वह वापस गांव लौटा। घर पहुंचकर अपने भाई को फोन कर दरवाजा खुलवाया, फिर भाई के सो जाने के बाद बाहर निकला।

दोस्तों को कॉल कर स्कॉर्पियो से गया गर्लफ्रेंड के घर
इस दौरान अपने साथी पंकज निषाद और एक दोस्त को वॉट्सऐप कॉल कर बुलाया। तीनों आरोपी स्कॉर्पियो से (CG 06 E 6666) में नाबालिग लड़की के घर के सामने पहुंचे। आरोपी ने नाबालिग को आवाज देकर घर का दरवाजा खुलवाया, फिर घर के अंदर गया।
साजिश के तहत लड़की से झूठ बोलते हुए कहा कि वह उससे शादी करेगा, इसलिए उसके साथ भाग चले। लड़की आरोपी की साजिश को समझ गई थी, इसलिए आरोपी से कहा कि तुम्हारी सगाई हो गई है, मैं नहीं जाऊंगी। आरोपी को यह भी शक था कि उसकी गर्लफ्रेंड 3 महीने से प्रेग्नेंट है।
शादी का झांसा दिया, नहीं मानी तो मार डाला
बॉयफ्रेंड चुमेंद्र के झांसे में नाबालिग नहीं आई। इससे बॉयफ्रेंड चुमेंद्र गुस्से में आ गया। दोस्त पंकज निषाद के साथ मिलकर गर्लफ्रेंड को कुल्हाड़ी से काट डाला। चिल्लाने पर मुंह में कपड़ा ठूंस दिया, ताकि आवाज बाहर न जाए, लेकिन आरोपियों की साजिश काम नहीं आई।
सविता की आवाज सुनकर उसकी दादी बाहर निकली। सविता को खून से लथपथ देखकर चिल्लाने की कोशिश की तो दादी को भी चाकू से काट डाला। गर्दन पर कई वार किए। डबल मर्डर के बाद आरोपी दोनों के शवों को मौके पर छोड़ कर स्कॉर्पियो (CG 06 E 6666) से भाग निकले।

मर्डर के बाद हथियारों को तालाब में धोया
मर्डर स्पॉट से दूर जाकर सबूत मिटाने की कोशिश की। खून से सने हथियारों को पहले तालाब में धोया। हथियारों को धोने के बाद आरोपी ने अपने दो दोस्तों को बताया कि काम हो गया है। कुल्हाड़ी और चाकू को छिपा दिया, ताकि पुलिस आरोपियों तक न पहुंचे। इसके बाद सभी आरोपी अपने अपने घर चले गए।
ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट से खुला डबल मर्डर का राज
IG रामगोपाल गर्ग ने बताया कि इस केस को सुलझाने के लिए पुलिस ने तकनीक की मदद ली। संदेहियों का पुलिस ने ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट करवाया। रायपुर FSL की केस में मदद ली गई। आरोपियों के लोकेशन और उनके बयानों के तथ्यों को कई बार क्रॉस चेक किया गया।
इसके बाद जब सारे टेस्ट के रिजल्ट आए तो हमें यकीन हो गया कि वारदात में जिन संदेहियों से पूछताछ की जा रही है, वे ही असली कातिल हैं। इसके बाद पुलिस ने आरोपियों को सारे तथ्यों और सबूतों को दिखाकर पूछताछ की।

ब्रेन मैपिंग और नार्को टेस्ट में आरोपी ने कबूला जुर्म
इस दौरान मास्टरमाइंड चुमेंद्र साहू ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। आरोपी ने हत्या में अपने दोस्तों की भी मदद ली थी। एक दोस्त पकड़ा गया, जबकि दूसरा अभी फरार है। चाकू, मोबाइल फोन और स्कॉर्पियो जब्त कर ली गई है।
आईजी रामगोपाल गर्ग ने बताया कि यह मामला हमारी टीम के धैर्य और तकनीकी जांच की सफलता का उदाहरण है। मुख्यमंत्री की कार्रवाई के बाद हमारी टीम पर दबाव था, लेकिन हर सबूत को जोड़ते हुए आखिरकार सच्चाई सामने आ गई।

25,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। जांच के लिए विशेष टीमें बनाई गईं। पुलिस ने सबूतों, डीएनए रिपोर्ट, कॉल डिटेल और संदिग्धों से पूछताछ के आधार पर कड़ियाँ जोड़ीं। क्राइम सीन का रीक्रिएशन भी किया गया। कोर्ट ने दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है।

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