
गरियाबंद से गिरीश जगत की रिपोर्ट।
Gariyaband Gajpalla Waterfall Accident Mahvish Khan Death: गजपल्ला झरना, गरियाबंद—घना जंगल, दिल को मोह लेने वाला दृश्य, झरने की कलकल करती आवाज़ और उस आवाज़ में डूबती एक लड़की की चीख, जो शायद किसी ने नहीं सुनी… या सुनी तो देर हो गई। 19 साल की महविश खान रायपुर से अपने 6 दोस्तों के साथ मंगलवार को गजपल्ला वाटरफॉल घूमने गई थी। यह सफर हंसी-ठिठोली के साथ शुरू हुआ, लेकिन दोपहर 3 बजे के आसपास सब कुछ थम गया। महविश झरने में उतरी थी, पर दोबारा बाहर नहीं आ सकी। गहराई, चट्टानें और लापरवाह सिस्टम ने मिलकर उसे निगल लिया।
रेस्क्यू नहीं, रूटीन बना दी गई है ऐसी त्रासदियां
Gariyaband Gajpalla Waterfall Accident Mahvish Khan Death: पांडुका थाना पुलिस, वन विभाग और NDRF की टीमों ने करीब 4 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। फिर अंधेरा हुआ और टीमें लौट गईं। उस झरने के किनारे, जहां एक 19 साल की बेटी की जिंदगी डूब चुकी थी, बस रह गए कुछ गीले कपड़े, सिसकती हुई उसकी सहेलियां और जवाब मांगती खामोशी।
Gariyaband Gajpalla Waterfall Accident Mahvish Khan Death: स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गजपल्ला वाटरफॉल के नीचे बनी गुफाएं और खोह बेहद खतरनाक हैं। कई लोग पहले भी इन खोहों में फंस चुके हैं, पर फिर कभी लौट नहीं पाए। लेकिन सवाल यह है—जब ये इलाका इतना खतरनाक है, तो यहां आने की अनुमति आखिर क्यों दी जाती है?

सिस्टम की खामोशी उतनी ही गहरी है, जितना यह झरना
Gariyaband Gajpalla Waterfall Accident Mahvish Khan Death: वन विभाग के अधिकारी खुद स्वीकार करते हैं कि यह इलाका “पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित” है। कोई बोर्ड नहीं, कोई गार्ड नहीं, कोई चेतावनी नहीं। जंगल के अंदरूनी रास्तों से लोग पहुंच जाते हैं और प्रशासन “विकल्प नहीं था” कहकर हर बार हाथ झाड़ लेता है।
MP-CG टाइम्स ने एक दिन पहले ही चेतावनी दी थी कि गजपल्ला और चिंगरापगार जैसे जलप्रपातों पर न सुरक्षा इंतजाम हैं, न चेतावनी बोर्ड, और न ही पर्यटकों को रोकने की कोई ठोस व्यवस्था। हमने यह भी बताया था कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे स्टंट वीडियो किस तरह आने वाले हादसों की भूमिका लिख रहे हैं। लेकिन अफसोस, प्रशासन ने तब तक इंतज़ार किया जब तक एक लड़की की जान न चली जाए।


‘मुझे कुछ नहीं होगा’ कहकर झरने में उतरी थी महविश…
Gariyaband Gajpalla Waterfall Accident Mahvish Khan Death: महविश की दोस्त सीमा ने रोते हुए बताया—”हम सबने कहा था कि नीचे मत जा, वहां गहराई है। पर वह बोली, ‘मैं पानी से डरती नहीं’… और फिर कुछ ही सेकेंड में वो गायब हो गई। पहले लगा मज़ाक कर रही है, फिर चीख निकली, और फिर सब खामोश हो गया।”
क्या इस सिस्टम को अब भी लग रहा है कि यह सिर्फ एक “दुर्घटना” है? या यह बार-बार होती प्रशासनिक लापरवाही की एक और लाश?
गैर-जिम्मेदार पर्यटन की कीमत: एक ज़िंदगी हर बार
Gariyaband Gajpalla Waterfall Accident Mahvish Khan Death: छत्तीसगढ़ में ऐसे झरनों की कोई कमी नहीं जहां सैकड़ों लोग बिना किसी गाइडलाइन, सुरक्षा या प्राथमिक चिकित्सा सुविधा के पहुंच जाते हैं। गजपल्ला, चिंगरापगार, जतमई, घोरघट.
यह पूछने का समय है:
- अगर यह क्षेत्र प्रतिबंधित है, तो लोग वहां तक कैसे पहुंच रहे हैं?
- पुलिस या वन विभाग की गश्ती क्यों नहीं होती?
- स्थानीय प्रशासन ने सुरक्षा उपायों की कोई स्थायी व्यवस्था क्यों नहीं की?
- एक दिन पहले छपी चेतावनी रिपोर्ट के बावजूद कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?
लापरवाही अब सिस्टम की पहचान बन गई है
क्या प्रशासन का दायित्व सिर्फ रेस्क्यू टीम भेज देना है? क्या सुरक्षा इंतज़ामों की जिम्मेदारी पर्यटकों पर डाल देना उचित है?
महविश खान की मौत एक त्रासदी नहीं, एक सिस्टमेटिक मर्डर है—जहां गैर-जिम्मेदारी, उदासीनता और खानापूर्ति जैसे शब्द ज़िंदगी पर भारी पड़ते हैं।

क्या अब भी जागेगा प्रशासन? या अगली मौत का इंतज़ार होगा?
जरूरत है:
- हर प्रतिबंधित वाटरफॉल पर स्थायी सूचना बोर्ड और चेतावनी चिह्न हों
- स्थानीय पंचायत/प्रशासन के साथ मिलकर निगरानी टीम बनायी जाए
- पंजीकृत गाइड सिस्टम लागू किया जाए
- सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे जोखिम भरे वीडियो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो
- वाटरफॉल और ट्रैकिंग स्थलों की सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य की जाए
महविश अब लौटेगी नहीं… लेकिन उसकी चीखें सवाल बनकर रह जाएंगी
Gariyaband Gajpalla Waterfall Accident Mahvish Khan Death: महविश की मां अस्पताल के बाहर बेसुध पड़ी हैं। पिता कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं हैं। रायपुर के कॉलेज में पढ़ने वाली यह 19 वर्षीय लड़की अपने दोस्तों के साथ ज़िंदगी के सबसे अच्छे दिन बिता रही थी। लेकिन उस दिन की एक लापरवाही, एक लाचारी और एक अनदेखी ने पूरे परिवार को उजाड़ दिया।

गजपल्ला वाटरफॉल में क्या हादसा हुआ है?
रायपुर की 19 वर्षीय युवती महविश खान अपने दोस्तों के साथ गजपल्ला झरने पर घूमने आई थी। झरने में नहाते समय वह गहरे पानी में चली गई और डूब गई। उसका अब तक कोई सुराग नहीं मिला।
गजपल्ला वाटरफॉल कहां स्थित है?
यह छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका थाना क्षेत्र में स्थित एक जंगल के अंदर है, जो एक लोकप्रिय लेकिन असुरक्षित झरना स्थल है।
क्या गजपल्ला वाटरफॉल प्रतिबंधित क्षेत्र है?
हां, वन विभाग के अनुसार यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए प्रतिबंधित है। यहां कोई आधिकारिक सुरक्षा या गाइडलाइन उपलब्ध नहीं है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में कौन-कौन सी एजेंसियां शामिल थीं?
पांडुका पुलिस, वन विभाग और एनडीआरएफ की टीमों ने करीब 4 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन सफलता नहीं मिल सकी।
इस हादसे में प्रशासन की क्या लापरवाही रही?
चेतावनी बोर्ड, सुरक्षा गार्ड, रेस्क्यू गियर, गश्त और निगरानी जैसी कोई व्यवस्था नहीं थी। MP-CG Times ने हादसे से एक दिन पहले ही इसकी चेतावनी दी थी, फिर भी कार्रवाई नहीं की गई।
क्या पहले भी गजपल्ला वाटरफॉल में हादसे हुए हैं?
हां, स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार झरने की गहराई और चट्टानों के बीच बने खोह (undercuts) के कारण पहले भी लोग डूब चुके हैं।
क्या प्रशासन ने झरने पर प्रतिबंध के लिए कोई ठोस कदम उठाए हैं?
अब तक प्रशासन केवल चेतावनी देने और रिस्पॉन्स देने तक ही सीमित रहा है। कोई स्थायी अवरोधक, CCTV या निगरानी टीम नियुक्त नहीं की गई है।
सोशल मीडिया पर गजपल्ला से जुड़े कौन से वीडियो वायरल हो रहे हैं?
स्टंट वीडियो, ऊंची चट्टानों से छलांग लगाते युवा और नाबालिगों के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिससे खतरा और भी बढ़ गया है।
MP-CG Times की चेतावनी खबर का क्या असर पड़ा?
दुर्भाग्य से, अखबार की रिपोर्टिंग के बावजूद प्रशासन ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। हादसे के बाद अब जिम्मेदार एजेंसियों पर सवाल उठ रहे हैं।
महविश खान की खोजबीन अब कहां तक पहुंची है?
पहले दिन का रेस्क्यू ऑपरेशन असफल रहा। अब दोबारा सुबह ऑपरेशन शुरू किया जाएगा, जिसमें अतिरिक्त संसाधन शामिल किए जाने की उम्मीद है।

गजपल्ला वाटरफॉल कहां है?
गजपल्ला वाटरफॉल छत्तीसगढ़ राज्य के गरियाबंद ज़िले के पांडुका विकासखंड के पास घने जंगलों के बीच स्थित है। यह झरना गरियाबंद के चिंगरापगार क्षेत्र से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है और पूर्णतः वन विभाग के अधीन क्षेत्र में आता है।
कैसे पहुंचे गजपल्ला वाटरफॉल तक?
यात्रा का चरण | विवरण |
---|---|
रायपुर से दूरी | लगभग 115 किलोमीटर |
गरियाबंद से दूरी | लगभग 35 किलोमीटर |
नज़दीकी कस्बा | पांडुका (8-10 किमी) |
यात्रा का तरीका | रायपुर से गरियाबंद तक बस/कार, फिर पांडुका तक वाहन, उसके बाद बाइक/पैदल ट्रेकिंग |
अंतिम रास्ता | जंगल के रास्ते ट्रेकिंग या मोटरसाइकिल से ही पहुंचा जा सकता है |
महत्वपूर्ण: यहां तक पहुंचने के लिए कोई पक्का रास्ता नहीं है। बरसात में फिसलन वाली मिट्टी और कीचड़ भरे रास्तों से गुजरना पड़ता है।

कितना खर्च होगा? (प्रति व्यक्ति अनुमान)
खर्च का प्रकार | अनुमानित राशि |
---|---|
रायपुर से गरियाबंद तक बस/कार | ₹150-₹400 |
गरियाबंद से पांडुका तक यात्रा | ₹100-₹150 |
पांडुका से झरने तक बाइक ट्रेकिंग (रेंटल बाइक/अपना वाहन) | ₹100-₹200 |
खाने-पीने का सामान | ₹100-₹200 |
कुल खर्च (वन वे) | ₹400-₹800 (व्यक्ति अनुसार बदल सकता है) |
क्या है खतरा? – सुविधाएं या सिर्फ प्रकृति का भरोसा
बिंदु | स्थिति |
---|---|
सुरक्षा गार्ड | नहीं |
चेतावनी बोर्ड | नहीं |
रेस्क्यू सुविधा | नहीं |
फर्स्ट ऐड | नहीं |
मोबाइल नेटवर्क | बेहद कमजोर या बिल्कुल नहीं |
गाइड / ट्रेकर | कोई सुविधा नहीं |
वॉशरूम / पानी | उपलब्ध नहीं |
कैम्पिंग अनुमति | नहीं दी जाती (फॉरेस्ट एक्ट के तहत वर्जित) |
क्या है आकर्षण?
- 70-80 फीट ऊंचा प्राकृतिक झरना
- चारों तरफ घना जंगल और पहाड़ी इलाका
- चट्टानों पर बैठकर फोटोग्राफी/वीडियोग्राफी के दृश्य
- मानसून में झरने की धार तेज़ हो जाती है, जो देखने में बेहद रोमांचक लगती है
लेकिन इसी ‘रोमांच’ के चक्कर में अक्सर जान पर बन आती है।
हादसों का रिकॉर्ड (Real Incidents)
- जुलाई 2025: रायपुर की 19 वर्षीय युवती महविश खान डूब गई, शव तक नहीं मिल पाया
- 2023: दो युवकों की फिसलकर गिरने से मौत
- स्थानीय लोगों के अनुसार, अब तक करीब 5-6 मौतें हो चुकी हैं
MP-CG TIMES की चेतावनी पर क्यों नहीं जागा प्रशासन?
MP-CG टाइम्स ने एक दिन पहले ही गजपल्ला और चिंगरापगार क्षेत्र की सुरक्षा लापरवाही पर रिपोर्ट प्रकाशित की थी। लेकिन उसके बावजूद कोई निगरानी नहीं बढ़ाई गई, कोई चेतावनी बोर्ड नहीं लगाया गया, और न ही किसी रास्ते को सील किया गया।
खूबसूरती के पीछे छुपा खौफ
गजपल्ला वाटरफॉल निस्संदेह छत्तीसगढ़ की खूबसूरत प्राकृतिक धरोहरों में से एक है, लेकिन यह सौंदर्य तभी सार्थक है जब वह सुरक्षित हो। जब तक वहां प्रशासनिक चौकसी, चेतावनी, सुरक्षा और रेस्क्यू तंत्र सक्रिय नहीं होता, तब तक यह वाटरफॉल पर्यटन स्थल नहीं, “संभावित शव स्थल” बनकर रह जाएगा।
सुझाव:
- यहां खुद से ना जाएं।
- अगर जाएं तो गाइड या स्थानीय जानकारों के साथ जाएं।
- बारिश के मौसम में हर हाल में इस स्थान से बचें।
- प्रशासन को चाहिए कि तत्काल CCTV, गार्ड, चेतावनी बोर्ड और कंट्रोल गेट्स लगाए।

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