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Sanjay Raut बोले- देश में आग लगाकर रिटायर हुए जस्टिस चंद्रचूड़: Jairam Ramesh ने कहा- पूर्व CJI ने मस्जिद-मंदिर विवादों को बढ़ावा दिया

Former CJI Opened The Way For Petitions Like Sambhal Ajmer Sanjay Raut Jairam Ramesh: कांग्रेस और शिवसेना यूबीटी नेताओं ने पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ को लेकर 2 बयान दिए हैं। जिसमें एक ही बात कही गई है कि अजमेर-संभल में मंदिर-मस्जिद जैसे विवादों के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जिम्मेदार हैं।

Former CJI Opened The Way For Petitions Like Sambhal Ajmer Sanjay Raut Jairam Ramesh: संजय राउत ने कहा कि चाहे अजमेर हो या उत्तर प्रदेश का संभल, CJI चंद्रचूड़ देश में आग लगाने के बाद रिटायर हुए हैं। आज देश की जो हालत है उसके लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। जस्टिस चंद्रचूड़ को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

Former CJI Opened The Way For Petitions Like Sambhal Ajmer Sanjay Raut Jairam Ramesh: जयराम रमेश ने कहा कि 20 मई 2022 को चंद्रचूड़ साहब ने मौखिक टिप्पणी की और उससे भानुमती का पिटारा, पैंडोरा बॉक्स खुल गया। भाजपा इसका पूरा राजनीतिक फायदा उठा रही है। हर जगह सांप्रदायिक तनाव फैलाया जा रहा है।

संजय राउत ने रविवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जहां उन्होंने न सिर्फ मंदिर-मस्जिद विवाद के लिए पूर्व सीजेआई को जिम्मेदार ठहराया, बल्कि महाराष्ट्र में चल रही राजनीतिक उथल-पुथल के लिए भी उन्हें जिम्मेदार ठहराया। राउत ने कहा- सरकार बनाने के लिए अभी तक किसी ने राज्यपाल से मुलाकात नहीं की है। इन सबके लिए जस्टिस चंद्रचूड़ जिम्मेदार हैं।

वहीं जयराम रमेश ने भी कहा- 20 मई 2022 को पूर्व सीजेआई ने प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर टिप्पणी की थी, जिससे मंदिर-मस्जिद याचिकाओं का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा था कि प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट किसी पूजा स्थल के धार्मिक चरित्र का पता लगाने पर रोक नहीं लगाता है। दरअसल, यह अधिनियम प्राचीन धार्मिक स्थल के स्वरूप को बदलने पर रोक लगाता है।

Former CJI Opened The Way For Petitions Like Sambhal Ajmer Sanjay Raut Jairam Ramesh: पूजा स्थल अधिनियम के अनुसार, पूजा स्थल उसी स्वरूप में संरक्षित रहेगा, जैसा वह 15 अगस्त 1947 को था। भले ही यह साबित हो जाए कि इसे किसी दूसरे धर्म के पूजा स्थल को तोड़कर बनाया गया है, लेकिन इसका स्वरूप नहीं बदला जा सकता।

जयराम ने कहा- राजमोहन गांधी का भाषण मास्टर क्लास जैसा

Former CJI Opened The Way For Petitions Like Sambhal Ajmer Sanjay Raut Jairam Ramesh: जयराम रमेश ने पूजा स्थल अधिनियम बनने से पहले 1991 में राज्यसभा में हुई बहस का भी जिक्र किया है। उन्होंने उस समय उत्तर प्रदेश से जनता दल के सांसद और लेखक राजमोहन गांधी के भाषण के अंश भी साझा किए हैं।

Former CJI Opened The Way For Petitions Like Sambhal Ajmer Sanjay Raut Jairam Ramesh: अपनी पोस्ट में लिखा- बहस के दौरान राजमोहन गांधी का भाषण राज्यसभा के इतिहास के सबसे महान भाषणों में से एक है। यह भारतीय संस्कृति, परंपराओं, इतिहास और राजनीति के लिए मास्टरक्लास जैसा है। महाभारत के उस हिस्से के साथ उनका शानदार भाषण आज भी प्रासंगिक है।

राजमोहन ने अपने भाषण में महाभारत का जिक्र करते हुए कहा कि महाभारत की सदियों पुरानी सीख यह है कि जो लोग बदले की भावना से इतिहास की गलतियों को सुधारने की कोशिश करते हैं, वे केवल विनाश ही पैदा करते हैं।

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