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सूखे की आशंका से अन्नदाता चिंतित: फसल बीमा की बढ़ी रफ्तार, 15, 118 किसानों ने कराया Insurance, खेतों में दरार और पानी की जद्दोजहद बरकरार

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में किसानों ने फसल बीमा की रफ्तार को बढ़ा दी है. जिले में पिछले खरीफ सीजन में केवल 1410 गैर ऋण धारी कृषकों ने फसल बीमा कराया था, लेकिन सूखे की आशंका बढ़ी तो इस बार 15 गुना से भी ज्यादा 15,118 कृषकों ने बीमा करा लिया है. किसान पानी के लिए जद्दोजहद करते दिख रहे हैं.

सूखे की आशंका के बीच तेजी से फसल बीमा

अऋणी कृषकों के लिए फसल बीमा की अंतिम अवधी 16 अगस्त थी. आज कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अंतिम अवधी तक कुल 15118 अऋणी कृषकों ने फसल बीमा कराया है, जबकि पिछले खरीफ सीजन में इनकी संख्या महज 1410 थी.

यानी इस बार अचानक 15 फीसदी से ज्यादा इनकी संख्या बढ़ गई. सामान्यतः ऋण लेने वाले किसानों की बीमा ऋण लेने की प्रक्रिया के साथ अनिवार्यता हो जाती है.

क्या बोले किसान ?

किसानों की संख्या 1 लाख से ज्यादा है, लेकिन ऋण नही लेने वाले कृषकों की फसल बीमा उनके स्वेच्छा पर निर्भर होता है. झखरपारा इलाके से बीमा कराने पहुंचे 8 एकड़ खेत के मालिक कुलेंद्र दास और 6 एकड़ के मालिक दिलीप सिंह ध्रुवा ने बताया कि यह समय रोपा बियासी का है, लेकिन खेत सूख गए हैं. दरारे पड़ गए हैं. बारिश होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है. किसानों ने कहा कि अगर बारिश हुई भी तो अब उत्पादन प्रभावित होगा. इसलिए बीमा करवा रहे हैं, ताकि मूलधन का कुछ तो भरपाई होगा.

जिला कृषि अधिकारी संदीप भोई ने इसे विभागीय प्रयास का नतीजा बताया है. हालांकि वे इस बात से भी इंकार नहीं करते की इस बार कुछ तहसीलों की औसत बारिश 60 फीसदी से कम हुई है. उन्हीं तहसीलों में बीमा कराने वालो की संख्या ज्यादा है.

निर्माणाधीन व्यापवर्तान से देना पड़ा पानी

पिछले 3 साल से तेल नदी में अमाड व्यपवर्टन योजना निर्माणाधीन है. 20 किमी लंबी नहर से 17 गांव के 1600 हेक्टयर को सिंचित करना है. फसल खराब होते देख किसानों ने विभाग से पानी छोड़ने की मांग की. विभाग ने दो मशीन लगाकर लगभग 4 किमी नहर की सफाई कराई.

इसके अलावा किसान शोभा चंद्र पात्र,सुशील निधि के नेतृत्व में माड़ागांव, पुरनापानी और कोदोबेडा के कुछ किसानों ने श्रम दान और विभाग को मदद की. बुधवार से उक्त 3 गांव के लगभग 300 एकड़ फसल को पानी सिंचाई के लायक नहरों में जाना शुरू हो गया है.

5 दिनों से जारी है अखंड पाठ

बारिश के लिए इलाके के कई गांव में पूजा पाठ जारी है. अमलीपदर तहसील के झरगांव में मेढ़क व मछली का विवाह का टोटका किया गया तो पिछले 5 दिनों सारगीगुड़ा के ग्रामीण निरंतर भागवत गीता का पाठ कर बारिश के लिए भगवान को प्रसन्न करने में जुटे हैं.

यहां के किसान विग्नेश्वर ठाकुर ने बताया की 20 साल पहले भी ऐसी नौबत आन पड़ी थी. सावन बीतने के बाद भी रोपा बियासी नही हो सका था. बाप दादाओं ने पूजा पाठ किया और उसका फल भी मिला. अब हमारी फसल भगवान भरोसे छोड़ दिए हैं.

देवभोग, मैनपुर, अमलीपदर में कम बारिश

राजस्व विभाग से प्राप्त मौसम की 17 अगस्त तक की जानकारी के मुताबिक अमलीपदर तहसील में ओसत बारिश 43.0%, देवभोग में 55.3% एवम मैनपुर में 60.2% दर्ज किया गया है. छुरा में 92 % के अलवा पर्याप्त सिंचाई सुविधा वाले राजिम में 133% व गरियाबंद में 114% बारिश दर्ज है.

एक्सपर्ट के मुताबिक सूखा घोषित करने के लिए सितम्बर तक होने वाले बारिश का माप होता है. तय मापदंड के मुताबिक औसत बारिश 40 % से कम होना चाहिए. मिट्टी में नमी, प्रभावित क्षेत्र में जलाशय और अन्य जल स्रोत में जलभराव की स्थिति, खाद विक्रय की स्थिति का आंकलन कर रिपोर्ट केंद्र को भेजा जाता है.

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