ट्रेंडिंगनई दिल्लीस्लाइडर

BJP को बॉन्ड से मिला 6,060 करोड़ का चंदा: कांग्रेस को 1 हजार करोड़, सुप्रीम कोर्ट में लगी याचिका, जब्त होगा चुनावी बॉन्ड वाला फंड ?

Electoral Bonds Plea Supreme Court Congress BJP: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड से मिलने वाले फंड को जब्त करने की मांग की गई है। एडवोकेट जयेश के उन्नीकृष्णन और एडवोकेट विजय हंसारिया ने यह याचिका दायर की है।

Electoral Bonds Plea Supreme Court Congress BJP: इस याचिका में कहा गया है कि कोर्ट को अपने उस फैसले की समीक्षा करनी चाहिए, जिसमें राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के जरिए मिलने वाले 16,518 करोड़ रुपये जब्त करने की मांग को खारिज कर दिया गया था।

याचिका में कहा गया है कि एडीआर मामले में दिए गए फैसले में चुनावी बॉन्ड को शुरू से ही अवैध माना गया है। इसलिए राजनीतिक दलों को मिलने वाले फंड को जब्त करने की याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता।

Electoral Bonds Plea Supreme Court Congress BJP: दरअसल, इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम (ईबीएस) की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग करने वाली खेम सिंह भाटी की याचिका समेत कई याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने 2 अगस्त 2024 को खारिज कर दिया था।

Electoral Bonds Plea Supreme Court Congress BJP: इससे पहले पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच ने 15 फरवरी 2024 को बीजेपी सरकार द्वारा शुरू की गई राजनीतिक फंडिंग की इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को रद्द कर दिया था।

क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम?

इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2017 के बजट में पेश किया था। 2 जनवरी 2018 को केंद्र सरकार ने इसे नोटिफाई किया था। यह एक तरह का प्रॉमिसरी नोट होता है। इसे बैंक नोट भी कहते हैं। इसे कोई भी भारतीय नागरिक या कंपनी खरीद सकती है।

चुनाव आयोग ने 14 मार्च को जारी किया था डेटा

Electoral Bonds Plea Supreme Court Congress BJP: भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने 12 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट को डेटा सौंपा था। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को 15 मार्च तक डेटा सार्वजनिक करने का आदेश दिया था।

चुनाव आयोग ने 14 मार्च को अपनी वेबसाइट पर चुनावी बॉन्ड का डेटा जारी किया था। सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टी बीजेपी है। 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक पार्टी को सबसे ज्यादा 6,060 करोड़ रुपये मिले हैं।

इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर तृणमूल कांग्रेस (1,609 करोड़) और तीसरे नंबर पर कांग्रेस पार्टी (1,421 करोड़) है। हालांकि, किस कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया है, इसका जिक्र लिस्ट में नहीं है। चुनाव आयोग ने वेबसाइट पर 763 पेज की दो लिस्ट अपलोड की हैं। एक लिस्ट में बॉन्ड खरीदने वालों की जानकारी है।

Electoral Bonds Plea Supreme Court Congress BJP: चुनावी बॉन्ड भुनाने वाली पार्टियों में कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, AIADMK, BRS, शिवसेना, TDP, YSR कांग्रेस, DMK, JDS, NCP, जेडीयू और आरजेडी शामिल हैं।

चुनावी बॉन्ड योजना विवादों में क्यों आई?

2017 में इसे पेश करते हुए अरुण जेटली ने दावा किया था कि इससे राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे और चुनाव प्रणाली में पारदर्शिता आएगी। कालेधन पर लगाम लगेगी।

Electoral Bonds Plea Supreme Court Congress BJP: वहीं, इसका विरोध करने वालों का कहना था कि चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले व्यक्ति की पहचान उजागर नहीं होती, जिससे यह चुनाव में कालेधन के इस्तेमाल का जरिया बन सकता है।

बाद में इस योजना को 2017 में ही चुनौती दी गई, लेकिन सुनवाई 2019 में शुरू हुई। 12 अप्रैल, 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने सभी राजनीतिक दलों को निर्देश दिया था कि वे चुनावी बॉन्ड से जुड़ी सभी जानकारियां 30 मई, 2019 तक एक लिफाफे में चुनाव आयोग को दें। हालांकि, कोर्ट ने इस योजना पर रोक नहीं लगाई।

बाद में दिसंबर 2019 में याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने इस योजना को रोकने के लिए अर्जी दाखिल की थी। इसमें मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए बताया गया था कि कैसे केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड योजना पर चुनाव आयोग और रिजर्व बैंक की चिंताओं को नजरअंदाज किया।

कांग्रेस ने कहा- इलेक्टोरल बॉन्ड योजना में भ्रष्टाचार

इलेक्टोरल बॉन्ड के आंकड़े जारी होने के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि बीजेपी ने इस योजना के जरिए करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार किया है। उन्होंने इसके लिए 4 कारण बताए थे। उन्होंने कहा कि हम एक यूनिक बॉन्ड आईडी नंबर मांगेंगे, जिससे यह जरूर पता चल जाएगा कि किसने किसको कितना दान दिया है।

Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS

Show More
Back to top button