खड़गे बोले- चुनाव नियम बदलना सरकार की सोची-समझी साजिश: यह EC की आजादी पर हमला; केंद्र ने कहा था- पोलिंग बूथ के फुटेज सार्वजनिक नहीं होंगे
Election Commission Rules Controversy; BJP Congress | Punjab Haryana: मतदान नियमों में बदलाव को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनाव आयोग (ईसीआई) की स्वतंत्रता पर हमला किया है।
Election Commission Rules Controversy; BJP Congress | Punjab Haryana: रविवार सुबह एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा- पहले मोदी सरकार ने चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति करने वाले पैनल से सीजेआई को हटाया और अब वे चुनाव संबंधी जानकारी जनता से छिपाने की कोशिश कर रहे हैं। यह सरकार की सोची-समझी साजिश है।
Election Commission Rules Controversy; BJP Congress | Punjab Haryana: जब भी कांग्रेस ने मतदाता सूची से नाम हटाने और ईवीएम में पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग को पत्र लिखा, तो ईसीआई ने अपमानजनक लहजे में जवाब दिया और हमारी शिकायतें भी नहीं सुनीं।
दरअसल, 20 दिसंबर को केंद्र सरकार ने मतदान केंद्र के सीसीटीवी, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे कुछ इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों के सार्वजनिक प्रकटीकरण को रोकने के लिए चुनाव नियमों में बदलाव किया था।
अधिकारियों ने कहा कि एआई का उपयोग करके मतदान केंद्र के सीसीटीवी फुटेज से छेड़छाड़ करके फर्जी बयानबाजी की जा सकती है। बदलाव के बाद भी ये उम्मीदवारों के पास उपलब्ध रहेंगे। अन्य लोग इसे पाने के लिए अदालत जा सकते हैं।
चुनाव आयोग (ईसी) की सिफारिश पर विधि मंत्रालय ने 20 दिसंबर को चुनाव संचालन नियम-1961 के नियम 93(2)(ए) में संशोधन किया। नियम 93 में कहा गया है- “चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे।” इसे बदलकर “चुनाव से संबंधित सभी दस्तावेज ‘नियमानुसार’ सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे” कर दिया गया है।
एक मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने हरियाणा विधानसभा चुनाव से संबंधित दस्तावेज याचिकाकर्ता के साथ साझा करने का निर्देश दिया था। इसमें सीसीटीवी फुटेज को भी नियम 93(2) के तहत माना गया था। हालांकि, चुनाव आयोग ने कहा था कि इस नियम में इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड शामिल नहीं हैं। इस अस्पष्टता को दूर करने के लिए नियम में बदलाव किया गया है।
ईसी ने कहा- इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड सार्वजनिक करने का कोई नियम नहीं
ईसी ने कहा कि चुनाव संचालन नियम में नामांकन फॉर्म, चुनाव एजेंटों की नियुक्ति, चुनाव परिणाम और चुनाव खाता विवरण जैसे दस्तावेजों का उल्लेख किया गया है। आचार संहिता के दौरान सीसीटीवी फुटेज, वेबकास्टिंग फुटेज और उम्मीदवारों की वीडियो रिकॉर्डिंग जैसे इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज इसके दायरे में नहीं आते हैं।
Election Commission Rules Controversy; BJP Congress | Punjab Haryana: चुनाव आयोग के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि मतदान केंद्रों की सीसीटीवी कवरेज और वेबकास्टिंग चुनाव संचालन नियमों के तहत नहीं की जाती, बल्कि यह पारदर्शिता के लिए है।
वहीं, आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां नियमों का हवाला देकर इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड मांगे गए। संशोधन में यह सुनिश्चित किया गया है कि नियमों में उल्लेखित कागजात ही सार्वजनिक किए जाएं। अन्य दस्तावेज जिनका उल्लेख नियमों में नहीं है, उन्हें सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
कांग्रेस ने कहा- जल्द ही कानूनी चुनौती देगी
Election Commission Rules Controversy; BJP Congress | Punjab Haryana: नियम में बदलाव के बाद कांग्रेस ने शनिवार को चुनाव आयोग पर निशाना साधा। कांग्रेस ने आयोग पर चुनावी प्रक्रिया की अखंडता खत्म करने और पारदर्शिता को कमजोर करने का आरोप लगाया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर लिखा- हाल के दिनों में भारत की चुनावी प्रक्रिया की अखंडता में तेजी से गिरावट आई है। अब इसका स्पष्ट प्रमाण सामने आ गया है। चुनाव से जुड़ी सभी सूचनाएं साझा करने के पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देश का पालन करने के बजाय आयोग नियमों में बदलाव कर रहा है।
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