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MP News: बुरहानपुर जिला अस्पताल फर्जीवाड़ा मामले में शामिल 17वां आरोपी गिरफ्तार, जांच जारी

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बुरहानपुर जिला अस्पताल में हुए करोड़ों के गबन और फर्जीवाड़े मामले में पुलिस ने एक और आरोपी डॉ. सूर्यकांत उर्फ आनंद दीक्षित को गिरफ्तार किया है। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस को आरोपी के जगन्नाथपुरी में होने की सूचना मिली थी। पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा के बताया, आरोपी पर लगातार पुलिस नजर बनाए रखी थी। टीम को जैसे ही पुख्ता इनपुट मिला, रायपुर के पास से घेराबंदी का गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया, जिला अस्पताल फर्जीवाड़ा मामले में अब तक 16 आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे। अब एक और आरोपी डॉ. आनंद दीक्षित को भी पकड़ा गया है। उसने मां कृपा नाम से फर्म बनाई थी, जिसमें जिला अस्पताल में हुए घोटाले के मुख्य आरोपी और तत्कालीन आरएमओ प्रतीक नवलखे की पत्नी के साथ मिलकर राशि का लेनदेन किया था। पूछताछ ने प्रतीक नवलखे ने भी स्वीकारा था कि अनाधिकृत रूप से सात लाख रुपये लिए गए थे। खाते में कुछ का ट्रांजेक्शन हुआ था। इसके बाद पुलिस ने उसे आरोपी बनाया गया था, लेकिन वह फरार चल रहा था।

पुलिस द्वारा उसे पकड़ने के काफी प्रयास किए जा रहे थे। आनंद दीक्षित के अलावा विनोद मोरे और कुछ दिन पहले ही सरेंडर करने वाले एक आरोपी गोपाल देवकर की संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई थी। 25 नवंबर कुर्की की आखिरी तारीख थी। पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया, आरोपी का जगन्नाथपुरी से टीम पीछा कर रही थी। उसे रायपुर के आसपास रोका। वेरीफाई करने के बाद उसे पकड़कर बुरहानपुर लाया गया। कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया जा रहा है। इसके बाद आगे की जांच करेंगे।

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बुरहानपुर जिला अस्पताल में हुए करोड़ों के गबन और फर्जीवाड़े मामले में पुलिस ने एक और आरोपी डॉ. सूर्यकांत उर्फ आनंद दीक्षित को गिरफ्तार किया है। आरोपी लंबे समय से फरार चल रहा था। पुलिस को आरोपी के जगन्नाथपुरी में होने की सूचना मिली थी। पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा के बताया, आरोपी पर लगातार पुलिस नजर बनाए रखी थी। टीम को जैसे ही पुख्ता इनपुट मिला, रायपुर के पास से घेराबंदी का गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस अधीक्षक ने बताया, जिला अस्पताल फर्जीवाड़ा मामले में अब तक 16 आरोपी गिरफ्तार हो चुके थे। अब एक और आरोपी डॉ. आनंद दीक्षित को भी पकड़ा गया है। उसने मां कृपा नाम से फर्म बनाई थी, जिसमें जिला अस्पताल में हुए घोटाले के मुख्य आरोपी और तत्कालीन आरएमओ प्रतीक नवलखे की पत्नी के साथ मिलकर राशि का लेनदेन किया था। पूछताछ ने प्रतीक नवलखे ने भी स्वीकारा था कि अनाधिकृत रूप से सात लाख रुपये लिए गए थे। खाते में कुछ का ट्रांजेक्शन हुआ था। इसके बाद पुलिस ने उसे आरोपी बनाया गया था, लेकिन वह फरार चल रहा था।

पुलिस द्वारा उसे पकड़ने के काफी प्रयास किए जा रहे थे। आनंद दीक्षित के अलावा विनोद मोरे और कुछ दिन पहले ही सरेंडर करने वाले एक आरोपी गोपाल देवकर की संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई शुरू की गई थी। 25 नवंबर कुर्की की आखिरी तारीख थी। पुलिस अधीक्षक राहुल कुमार लोढ़ा ने बताया, आरोपी का जगन्नाथपुरी से टीम पीछा कर रही थी। उसे रायपुर के आसपास रोका। वेरीफाई करने के बाद उसे पकड़कर बुरहानपुर लाया गया। कोर्ट में पेश कर पांच दिन की रिमांड पर लिया जा रहा है। इसके बाद आगे की जांच करेंगे।

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