कई लोग मुझसे पूछ रहे कि मुझको कोविड हो गया है, पर कैसे पता कर की कही ओमिक्रॉन वाला तो नहीं हुआ. आपको पता करने की जरूरत ही नहीं है। वैरिएंट कोई भी हो, इलाज एक जैसा ही है और जल्दी जांच, जल्दी इलाज ही इससे निपटने का तरीका भी है। वैरिएंट के प्रकार की जानकारी सामान्यतया वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए आवश्यक है, दवाइयों का असर, टीके का असर, फैलने की क्षमता ,मारक क्षमता आदि पर आम जनता को कोई किस वैरिएंट से बीमार हुआ, ये जानकारी उतनी महत्व नहीं रखती। आप कितने बीमार है, आपको किस स्तर की मेडिकल सेवा लगेगी, ऑक्सीजन या एडमिशन लगेगा, ये महत्वपूर्ण होता है, न कि वैरिएंट का प्रकार।
कोविड से पहले भी बहुत सी बीमारियों के वैरिएंट होते थे। डेंगू के भी 4 प्रकार होते है (डेंगू 1, 2,3,4), पर आप कभी परेशान नहीं होते की मरीज को कौन सा डेंगू है, क्योंकि आपको पता नहीं की इसके भी प्रकार होते है। आज जानकारी आसानी से उपलब्ध है तो आप को हर बात की जानकारी उपलब्ध हो जाती है, चाहे वो आपके महत्व की हो या नहीं, तो वैरिएंट कर चक्कर और डर से निकले।
कोविड वापस से बढ़ रहा है, इस बार कपकपी के साथ बुखार, कमजोरी, खांसी ये लक्षण थोड़े ज्यादा दिख रहे हूं (शुरुआती रुझान के हिसाब से)
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तो ऐसे लक्षण होने पर कोविड जांच करवा लें, साथ ही ऑक्सीजन सुबह शाम चेक कर। ध्यान रखे, कोविड पॉजिटिव आये या नेगेटिव, अगर ऑक्सीजन लेवल लगातार कम आ रहा है तो डॉक्टर से तुरंत संपर्क करे और अस्पताल में भर्ती हो। घर मे ऑक्सीजन लगाकर मरीज को अति गंभीर स्तिथि में पहचाने का इन्तेजार न करे। सभी को भर्ती की आवश्यकता नहीं है, अतः अभी से जिनको जरूरत है, वही भर्ती हो, बाकी डॉक्टर से सलाह ले और घर में दवाइया और सबसे महत्वपूर्ण आराम करे और स्वास्थ्य सिस्टम को सुचारू रूप से काम करने में मदद करे।
घबराए नही, तीसरी लहार अगर आती भी है, तो पहली और दूसरी लहर से सीखे सबक की मदद से आप और हम इससे आसानी से निपट सकते है। बस घबराए नही, जांच से नहीं डरे, आगे से आकर जांच करवाएं, वैक्सीन की दोनों डोज लगवाए। फेक, अपुष्ट और संदिग्ध मेसेज आगे न बढ़ाये। पॉजिटिव सोच रखे और समाज और सोशल मीडिया मे सकारात्मकता बनाये रखे. स्वस्थ रहे.मस्त रहे
लेखक- MD मेडिसिन डॉ. अनिमेष चौधरी
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