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MP News: कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से हटने के बाद दिग्विजय सिंह ने रहीम का दोहा शेयर किया- चाह गई चिंता मिटी

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन भरने वाले थे। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आने के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद शनिवार को दिग्विजय सिंह ने रहमी का एक दोहा शेयर किया। दिग्गविजय सिंह ने लिखा कि चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बे परवाह, चाके कछु नहीं चाहिए, वे शाहन के शाह। इस दोहे का अर्थ है किसी चीज को पानी की लालसा जिसे नहीं है, उसे किसी प्रकार की चिंता नहीं हो सकती। जिसका मन इन तमाम चिंताओं से ऊपर उठ गया, किसी इच्छा के प्रति बेपरवाह हो गए, वहीं राजाओं के राजा हैं।

दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से कहा था कि मैंने जीवनभर कांग्रेस के लिए काम किया है और काम करता रहूंगा। मैं तीन बातों पर कभी समझौता नहीं करता हूं- दलित, आदिवासी और गरीब का पक्ष। दूसरा, सांम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले से और तीसरा मेरी प्रतिबद्धता कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ है। मैंने इससे कभी समझौता नहीं किया।

सिंह ने कहा कि खरगे जी मेरे नेता हैं। मुझसे सीनियर हैं। मैंने गुरुवार को उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं फॉर्म दाखिल नहीं करूंगा। इसके बाद ही मैंने नामांकन भरने की बात कही थी। आज मीडिया के माध्यम से उनके फॉर्म भरने की बात का पता चला। मैंने उनसे मुलाकात की। अब उनका इरादा फॉर्म भरने का है। इस वजह से मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा।

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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए नामांकन भरने वाले थे। लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम सामने आने के बाद उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद शनिवार को दिग्विजय सिंह ने रहमी का एक दोहा शेयर किया। दिग्गविजय सिंह ने लिखा कि चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बे परवाह, चाके कछु नहीं चाहिए, वे शाहन के शाह। इस दोहे का अर्थ है किसी चीज को पानी की लालसा जिसे नहीं है, उसे किसी प्रकार की चिंता नहीं हो सकती। जिसका मन इन तमाम चिंताओं से ऊपर उठ गया, किसी इच्छा के प्रति बेपरवाह हो गए, वहीं राजाओं के राजा हैं।

दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को मीडिया से कहा था कि मैंने जीवनभर कांग्रेस के लिए काम किया है और काम करता रहूंगा। मैं तीन बातों पर कभी समझौता नहीं करता हूं- दलित, आदिवासी और गरीब का पक्ष। दूसरा, सांम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले से और तीसरा मेरी प्रतिबद्धता कांग्रेस और गांधी परिवार के साथ है। मैंने इससे कभी समझौता नहीं किया।

सिंह ने कहा कि खरगे जी मेरे नेता हैं। मुझसे सीनियर हैं। मैंने गुरुवार को उनसे मुलाकात की। उन्होंने कहा कि मैं फॉर्म दाखिल नहीं करूंगा। इसके बाद ही मैंने नामांकन भरने की बात कही थी। आज मीडिया के माध्यम से उनके फॉर्म भरने की बात का पता चला। मैंने उनसे मुलाकात की। अब उनका इरादा फॉर्म भरने का है। इस वजह से मैं उनका प्रस्तावक बनूंगा।

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