मध्यप्रदेश

MP News: छिंदवाड़ा में हर्रई ब्लॉक के 2 गांव में डायरिया का प्रकोप, करीब 60 परिवार के लोग चपेट में

छिंदवाड़ा जिले के तहत आने वाले हर्रई ब्लॉक के बटकाखापा से लगी ग्राम कुंडाली और ओझल ढाना में डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है। यहां दूषित पानी और भोजन से अब तक 50-60 परिवार उल्टी-दस्त के शिकार हो गए हैं, जिन्होंने बटकाखापा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना उपचार कराया है।

दरअसल, दोनों ही गांव आदिवासी अंचल में बसे हुए हैं। जहां पर हर बार बारिश के बाद लोगों को डायरिया का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। पिछले बार भी यहां पांच से 10 परिवार उल्टी-दस्त के कारण बीमार हुए थे। हालांकि, स्थिति नियंत्रण में हो गई थी।

ओझल ढाना और कुंडाली में डायरिया की प्रमुख वजह दूषित पानी को माना जा रहा है। यहां के अधिकांश परिवार झरिया और तालाब के पानी से अपना निस्तार करते हैं। हालांकि, यहां पर हैंडपंप की व्यवस्था है। लेकिन बारिश के बाद अक्सर पानी दूषित हो जाता है।

हर्रई बीएमओ के मुताबिक, ग्रामीणों के द्वारा दूषित भोजन और पेयजल पीने के कारण स्वास्थ्य में गिरावट देखी गई है, जिसमें कुछ ग्रामीणों को उल्टी-दस्त, बुखार और सिर दर्द की शिकायत हुई थी। सभी मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां पर उनके स्वास्थ्य में सुधार देखा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के मीडिया अधिकारी ने बताया, तीन दिन पहले 50 से 60 लोग डायरिया से पीड़ित हुए थे, जिसकी सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंच गई थी। वर्तमान में कोई भी नया मरीज नहीं मिला है, जिससे कहा जा सकता है कि स्थिति नियंत्रण में है।

विस्तार

छिंदवाड़ा जिले के तहत आने वाले हर्रई ब्लॉक के बटकाखापा से लगी ग्राम कुंडाली और ओझल ढाना में डायरिया का प्रकोप देखा जा रहा है। यहां दूषित पानी और भोजन से अब तक 50-60 परिवार उल्टी-दस्त के शिकार हो गए हैं, जिन्होंने बटकाखापा के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में अपना उपचार कराया है।

दरअसल, दोनों ही गांव आदिवासी अंचल में बसे हुए हैं। जहां पर हर बार बारिश के बाद लोगों को डायरिया का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। पिछले बार भी यहां पांच से 10 परिवार उल्टी-दस्त के कारण बीमार हुए थे। हालांकि, स्थिति नियंत्रण में हो गई थी।

ओझल ढाना और कुंडाली में डायरिया की प्रमुख वजह दूषित पानी को माना जा रहा है। यहां के अधिकांश परिवार झरिया और तालाब के पानी से अपना निस्तार करते हैं। हालांकि, यहां पर हैंडपंप की व्यवस्था है। लेकिन बारिश के बाद अक्सर पानी दूषित हो जाता है।

हर्रई बीएमओ के मुताबिक, ग्रामीणों के द्वारा दूषित भोजन और पेयजल पीने के कारण स्वास्थ्य में गिरावट देखी गई है, जिसमें कुछ ग्रामीणों को उल्टी-दस्त, बुखार और सिर दर्द की शिकायत हुई थी। सभी मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहां पर उनके स्वास्थ्य में सुधार देखा जा रहा है।

स्वास्थ्य विभाग के मीडिया अधिकारी ने बताया, तीन दिन पहले 50 से 60 लोग डायरिया से पीड़ित हुए थे, जिसकी सूचना के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में पहुंच गई थी। वर्तमान में कोई भी नया मरीज नहीं मिला है, जिससे कहा जा सकता है कि स्थिति नियंत्रण में है।

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