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Dhamtari: भाजपा कांग्रेस एक साथ, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी छीनी, अविश्वपास प्रस्ताव के पक्ष में 23 मत

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शुक्रवार को धमतरी जनपद पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ सदस्यों द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ। अध्यक्ष को इस अविश्वास प्रस्ताव में हार का सामना करना पड़ा,तो वहीं मतदान से पहले ही उपाध्यक्ष अवनेंद्र साहू ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस तरह अब नए अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव होना है जिसके लिए अब दोनों ही दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है।

दरअसल जनपद पंचायत अध्यक्ष गूंजा साहू और उपाध्यक्ष अवनेन्द्र साहू को हटाने के लिए सत्तारुढ़ कांग्रेस और विपक्ष की भाजपा के सदस्य एक होकर अविश्वास प्रस्ताव लाने कलेक्टर को हस्ताक्षर युक्त पत्र सौंपा था। इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस के साथ ही भाजपा संगठन की भी नींद उड़ गई। दोनों ही दलों में बैठक का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस हर हाल में अध्यक्ष की कुर्सी बचाना चाहते थे,जबकि भाजपा नेता इस अवसर का लाभ उठाने की पूरी तैयारी में थे।

बता दे कि जनपद पंचायत धमतरी में अध्यक्ष गूंजा साहू कांग्रेस समर्थित तथा उपाध्यक्ष अवनेन्द्र साहू भाजपा समर्थित है। इनके खिलाफ कांग्रेस-भाजपा जनपद सदस्यों में नाराजगी की खबर लंबे समय से सामने आ रही थी।नाराजगी का कारण पंद्राहवे वित्त की राशि को जनपद क्षेत्रों में खर्च को लेकर सहमति नहीं बन पाना है। यहां तक कि कुछ ठेकेदारों से काम कराने को लेकर भी तनातनी भी हो चुकी थी।

गौरतलब है कि जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष की कुर्सी निर्वाचन समय से ही विवादों में रही है। 25 सदस्यों वाली इस जनपद में भाजपा सदस्य के क्रॉस वोटिंग करने से कांग्रेस की गूंजा साहू जनपद अध्यक्ष बनने में सफल हो गई थीं। उन्हें 13 वोट मिले थे। इसी तरह उपाध्यक्ष पद पर भी क्रास वोटिंग हुई थी,जिसके सहारे वे उपाध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज हुए थे। उन्हें भी 13 वोट मिले थे। तब क्रॉस वोटिंग के चलते दोनों ही दलों का समीकरण बिगड़ा था,जो इसके बाद से यहां कांग्रेस और भाजपा का समीकरण अब तक नहीं बन पाया। 

तीन साल बाद फिर से अविश्वास प्रस्ताव का जिन्न बोतल से बाहर निकला। 15 से ज्यादा जनपद सदस्यों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर सौजन्य भेंट के नाम पर कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात कर अविश्वास प्रस्ताव पत्र सौंपा। कुछ जनपद सदस्यों ने आरोप लगाया था कि जनपद पंचायत धमतरी में विकास कार्यों को लेकर अधिकांश सदस्य संतुष्ट नहीं है। आरोप है कि 15वें वित्त की राशि वितरण व विकास कार्य में भेदभाव किया जाता है। 

फिलहाल जनपद पंचायत में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, जिस पर आज मतदान हुआ। अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान में अविश्वपास प्रस्ताव के पक्ष में 23 और विपक्ष में महज 2 मत मिले।

 

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