Delhi का कौन होगा अगला मुख्यमंत्री ? CM की रेस में 7 नाम, टॉप पर Pravesh Verma और Manoj Tiwari, क्या Smriti Irani को मौका ?
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Delhi CM Pravesh Verma Manoj Tiwari Irani Sirsa BJP । Strongest Candidate: आखिरकार 26 साल बाद दिल्ली में बीजेपी ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है। अब बारी है मुख्यमंत्री चुनने की। रेस में 7 नाम सबसे आगे हैं। कौन से हैं वो नाम और क्यों उनकी (Delhi CM Race List BJP) दावेदारी मजबूत है, आइए जानते हैं…
Delhi CM Pravesh Verma Manoj Tiwari Irani Sirsa BJP । Strongest Candidate: प्रवेश वर्मा पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे हैं। वे लगातार दो बार पश्चिमी दिल्ली से सांसद रहे। 2019 में उन्होंने 5.78 लाख वोटों से चुनाव जीता, जो दिल्ली के (Delhi CM Race List BJP) इतिहास की सबसे बड़ी जीत थी। इस बार उन्होंने नई दिल्ली सीट से पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल को 4099 वोटों से हराया।
क्यों हैं सीएम की रेस में…
Delhi CM Pravesh Verma Manoj Tiwari Irani Sirsa BJP । Strongest Candidate: मार्च 2024 में लोकसभा टिकट कटने के बाद प्रवेश वर्मा ने कहा था- ‘मुझे टिकट न देने के पीछे कोई वजह नहीं है। ये हमारी पार्टी है, जिसमें एक कार्यकर्ता सीएम और एक चायवाला पीएम बन सकता है।’
Delhi CM Pravesh Verma Manoj Tiwari Irani Sirsa BJP । Strongest Candidate: बचपन से ही संघ से जुड़े रहे हैं। दिल्ली की सबसे सुरक्षित सीट पर केजरीवाल को हराया। अभी तक कोई चुनाव नहीं हारे हैं।
लोकसभा चुनाव नहीं लड़े हैं। संभव है कि (Delhi CM Race List BJP) भाजपा ने रणनीति के तहत उन्हें दिल्ली विधानसभा में मौका देने की योजना बनाई हो।
जाट सीएम बनाकर भाजपा हरियाणा में (Delhi CM Race List BJP) गैर जाट मुख्यमंत्री की नाराजगी कम करने की कोशिश कर सकती है।
जाट नेता को सीएम (Delhi CM Race List BJP) बनाकर भाजपा किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश कर सकती है।
सीएम की राह में क्यों आ सकती हैं बाधाएं…
मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भाजपा ने सीएम के नाम से चौंकाया। अगर भाजपा इस बार भी कोई चौंकाने वाला नाम फाइनल करती है तो प्रवेश वर्मा सीएम बनने से चूक जाएंगे।
2020 में दिल्ली दंगों के दौरान प्रवेश वर्मा ने (Delhi CM Race List BJP) एक समुदाय के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था।
दिल्ली में करीब एक तिहाई मतदाता पूर्वांचल से हैं। ऐसे में भाजपा वर्मा को सीएम बनाकर पूर्वांचलियों को नाराज करने का जोखिम नहीं उठाना चाहेगी।
2. मनोज तिवारी: पूर्वांचल का बड़ा चेहरा
भोजपुरी अभिनेता और गायक मनोज तिवारी लगातार तीन बार उत्तर-पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव जीते हैं।
2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने दिल्ली के 7 में से 6 सांसदों के टिकट काट दिए। एकमात्र मौजूदा सांसद मनोज तिवारी को फिर से टिकट मिला।
वे 2016 से 2020 तक यानी चार साल तक दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष रहे। 30% आबादी वाले पूर्वांचल के मतदाताओं के बीच वे काफी लोकप्रिय हैं।
बजट में बिहार और पूर्वांचल पर फोकस रहा। पीएम ने अपनी रैलियों में बार-बार पूर्वांचल का जिक्र किया। खुद को पूर्वांचल का सांसद बताया।
8 फरवरी को चुनाव नतीजे आने के बाद भी पीएम मोदी ने अपने भाषण में कई बार पूर्वांचल का जिक्र किया।
बिहार में 8 महीने बाद चुनाव होने हैं। उसे देखते हुए भाजपा मनोज तिवारी को मुख्यमंत्री बना सकती है।
नोट: भाजपा मनोज तिवारी की जगह किसी नए पूर्वांचली चेहरे को दिल्ली का मुख्यमंत्री भी बना सकती है।
3. मनजिंदर सिंह सिरसा: कद्दावर पंजाबी सिख नेता
2013 और 2017 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर दो बार विधानसभा चुनाव जीते।
तीसरी बार राजौरी गार्डन से विधायक चुने गए।
2021 में शिरोमणि अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए।
अगस्त 2023 में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री बनाए गए।
दिल्ली में सिख समुदाय के बड़े नेता। सिरसा को सीएम बनाकर भाजपा पंजाब में अपनी पकड़ मजबूत कर सकती है।
4. स्मृति ईरानी: महिला और अल्पसंख्यक नेता
2010 से 2013 तक भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं। 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी मंत्री बनीं।
2011 से 2019 तक राज्यसभा सांसद रहीं। 2019 में राहुल गांधी को हराकर अमेठी से सांसद चुनी गईं।
सबसे बड़ा महिला चेहरा। भाजपा में अभी कोई महिला सीएम नहीं है, स्मृति को सीएम बनाकर भाजपा महिलाओं को संदेश दे सकती है।
5. विजेंद्र गुप्ता: आप की लहर में भी कमल खिला दिया
रोहिणी विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीते। दो बार दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे।
2015 में जब दिल्ली विधानसभा में सिर्फ 3 विधायक थे, उनमें से एक विजेंद्र गुप्ता थे।
विजेंद्र गुप्ता दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष रह चुके हैं।
दिल्ली में भाजपा का बड़ा वैश्य चेहरा। संघ और संगठन में मजबूत पकड़।
6. मोहन सिंह बिष्ट: छठी बार विधायक बने
1998 से 2015 तक लगातार 4 बार विधानसभा चुनाव जीते। 2015 में कपिल मिश्रा से हारे, लेकिन 2020 में फिर से विधायक चुने गए।
2025 में भाजपा ने उनकी सीट बदल दी और उन्हें मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद से चुनाव लड़ाया। इसके बावजूद उन्होंने 17 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की।
मोहन बिष्ट की संघ और संगठन में अच्छी पकड़ है। पहाड़ी इलाकों में उनका अच्छा प्रभाव है।
7. वीरेंद्र सचदेवा: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, संगठन में पकड़
वे 2007-2009 तक चांदनी चौक भाजपा जिला अध्यक्ष और 2014 से 2017 तक मयूर विहार भाजपा जिला अध्यक्ष रहे।
वे 2009-2012 तक दिल्ली भाजपा प्रदेश मंत्री, 2012 से 2014 तक दिल्ली भाजपा के प्रशिक्षण प्रभारी और राष्ट्रीय भाजपा प्रशिक्षण दल के सदस्य भी रहे।
वे 2020 से 2023 तक प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। वीरेंद्र सचदेवा 2023 में ही दिल्ली भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बन गए।
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