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हथिनी का करुण विलाप: मृत शावक को बार-बार सूंघती रही मां, नहीं उठा तो मायूस होकर लौटी, ममता देख नम हुई आंखें

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उमरिया जिले के बांधवगढ टाइगर रिजर्व में बुधवार को एक जंगली हाथी शावक की मौत हो गई। पार्क के पनपथा कोर जोन के हरदी बीट अंतर्गत कक्ष क्रमांक आरएफ 455 हाथी ताल एरिया में गश्ती दल ने हाथी शावक का शव देखा और उच्च अधिकारियों को घटना की सूचना दी। सूचना पर क्षेत्र संचालक सहित वन्य जीव चिकित्सक एवं फॉरेंसिक टीम मौके पर पंहुची और घटना के कारणों की जांच और मृत हाथी शावक का पीएम शुरू किया गया। इसी बीच मृत हाथी शावक की मां चिंघाड़ते हुए वहां पंहुच गई, जिसके बाद पार्क अमला पीएम छोड़कर भाग खड़ा हुआ। इस दौरान मां हथिनी अपने मृत शावक के आसपास घूमती रही और उसे सूंघती रही कुछ दूर पर 11 हाथियों का झुंड मौजूद रहा। मृत शावक के पास हथिनी करीब एक घंटे से भी ज्यादा समय तक मौजूद रही। बाद में समीप ही बह रहे नाले में जाकर अपने ऊपर धूल और मिट्टी का छिड़काव कर वापस जंगल की ओर चली गई। पार्क प्रबंधन के मुताबिक मृत हाथी शावक के शरीर में कोई चोट के निशान नहीं मिले हैं। शावक की मौत आपस में चलने के कारण लगी हुई चोट या ठंड के कारण होने की आशंका बताई गई है।

मां की ममता देख आंखे हुई नम

मृत जंगली हाथी शावक की मौत का कारण जानने पार्क की विशेषज्ञ टीम ने जैसे ही पीएम करना शुरू किया, उसी दौरान उसकी मां वहां पंहुच गई जो काफी आक्रोशित थी। किसी अनहोनी की आशंका के मद्देनजर पार्क के अधिकारी और कर्मचारी अपने अपने वाहनों के साथ ही भागने लगे और लगभग दो सौ मीटर की दूरी पर जाकर खड़े हो गए। इस दौरान हाथिनी ने अपने मृत शावक को कई बार सूंघा उसे लग रहा था कि उसका बेटा अभी उठकर उसके साथ चल देगा, लेकिन काफी देर बाद तक जब ऐसा नहीं हुआ तो वह समीप ही बह रहे नाले के पास पहुंची और मिट्टी को उठाकर अपने सर में फेंका और पानी से नहाकर जंगल की ओर रवाना हो गई। हाथिनी  का अपने शावक से बिछड़ने का यह दृश्य, जिसने भी देखा उसकी आंखें भर आईं।

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