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Damoh: चमेली सैनी हत्याकांड के दोषी को तिहरा आजीवन कारावास, जानें पांच साल पहले हुआ क्या था

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मध्यप्रदेश के दमोह जिले में बहुचर्चित चमेली सैनी हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। महिला के साथ लूट के बाद घर में आग लगाने और महिला की हत्या के आरोपी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड भी लगाया गया है। 

जानकारी के अनुसार दमोह जिले के हटा में हुए चमेली सैनी हत्याकांड काफी चर्चा में रहा। आरोपी बहादुर राय निवासी हजारी वार्ड हटा को चमेली सैनी की हत्या कर मकान में आग लगाने और घर में लूट करने के आरोप में कोर्ट ने दोष सिद्ध पाया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश केके मिश्रा ने उसे तिहरे आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है।

जानकारी के अनुसार घटना 6-7 जुलाई 2017 की रात की है। हटा के हजारी वार्ड में चमैली सैनी नामक महिला रहती थी। आरोपी बहादुर राय घटना वाली रात लूट और चोरी के उद्देश्य से उसके घर में घुसा था। खटपट की आवाज सुनकर चमेली की नींद खुल गई और उसने आरोपी को चोरी करते देख लिया। उसने आरोपी को रोकने की कोशिश भी की। इस दौरान दोनों में झूमाझटकी भी हुई। इससे चमेली सैनी जमीन पर गिर गई। तभी आरोपी बहादुर ने उसकी गर्दन पर पैर रखकर  अलमारी से कपड़े निकालकर उसके ऊपर डाल दिए थे। 

संघर्ष के दौरान चमेली की बूढ़ी मां जानकी बाई भी जाग गईं। वे चमेली के कमरे तरफ आईं तो बहादुर ने उसके साथ भी मारपीट की थी। आरोपी ने महिला को मृत समझकर अलमारी से जेवरात  निकाल लिए और कमरे में आग लगाकर भाग गया था। वृद्ध जानकी ने बाहर निकलकर मोहल्ले के लोगों को सूचना दी। आग में जलने से चमेली की मौत हो गई थी। चमेली के बेटे शैलेष ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई थी। जिस पर पुलिस ने धारा  302, 201, 436 , 392,460 के तहत मामला  दर्ज किया और जानकी बाई के बयानों के आधार पर बहादुर को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था। 

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी बहादुर को दोष सिद्ध बताया और धारा 302, 460 और 436 में अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा एवं 392 में पांच वर्ष का  कारावास एवं 201 में तीन साल कैद एवं अर्थदंड की सजा दी। अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक मुकेश कुमार पांडे ने की।
 

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मध्यप्रदेश के दमोह जिले में बहुचर्चित चमेली सैनी हत्याकांड में कोर्ट ने फैसला सुना दिया है। महिला के साथ लूट के बाद घर में आग लगाने और महिला की हत्या के आरोपी को कोर्ट ने दोषी करार देते हुए तिहरे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही अर्थदंड भी लगाया गया है। 

जानकारी के अनुसार दमोह जिले के हटा में हुए चमेली सैनी हत्याकांड काफी चर्चा में रहा। आरोपी बहादुर राय निवासी हजारी वार्ड हटा को चमेली सैनी की हत्या कर मकान में आग लगाने और घर में लूट करने के आरोप में कोर्ट ने दोष सिद्ध पाया। द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश केके मिश्रा ने उसे तिहरे आजीवन कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है।

जानकारी के अनुसार घटना 6-7 जुलाई 2017 की रात की है। हटा के हजारी वार्ड में चमैली सैनी नामक महिला रहती थी। आरोपी बहादुर राय घटना वाली रात लूट और चोरी के उद्देश्य से उसके घर में घुसा था। खटपट की आवाज सुनकर चमेली की नींद खुल गई और उसने आरोपी को चोरी करते देख लिया। उसने आरोपी को रोकने की कोशिश भी की। इस दौरान दोनों में झूमाझटकी भी हुई। इससे चमेली सैनी जमीन पर गिर गई। तभी आरोपी बहादुर ने उसकी गर्दन पर पैर रखकर  अलमारी से कपड़े निकालकर उसके ऊपर डाल दिए थे। 

संघर्ष के दौरान चमेली की बूढ़ी मां जानकी बाई भी जाग गईं। वे चमेली के कमरे तरफ आईं तो बहादुर ने उसके साथ भी मारपीट की थी। आरोपी ने महिला को मृत समझकर अलमारी से जेवरात  निकाल लिए और कमरे में आग लगाकर भाग गया था। वृद्ध जानकी ने बाहर निकलकर मोहल्ले के लोगों को सूचना दी। आग में जलने से चमेली की मौत हो गई थी। चमेली के बेटे शैलेष ने मामले की शिकायत पुलिस में दर्ज कराई गई थी। जिस पर पुलिस ने धारा  302, 201, 436 , 392,460 के तहत मामला  दर्ज किया और जानकी बाई के बयानों के आधार पर बहादुर को गिरफ्तार कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया था। 

मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्यों एवं तर्कों से सहमत होते हुए न्यायालय ने आरोपी बहादुर को दोष सिद्ध बताया और धारा 302, 460 और 436 में अलग-अलग आजीवन कारावास की सजा एवं 392 में पांच वर्ष का  कारावास एवं 201 में तीन साल कैद एवं अर्थदंड की सजा दी। अभियोजन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक मुकेश कुमार पांडे ने की।

 

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