मामा के राज में भूतों का इलाज ! मरे लोगों को भर्ती कर आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, CAG की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का खुलासा
मामा के राज में भूतों का इलाज ! मरे लोगों को भर्ती कर आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा, CAG की रिपोर्ट में भ्रष्टाचार का खुलासा
Shivraj Government Corruption: एक तरफ एमपी में चुनावी माहौल बन रहा है तो दूसरी तरफ मौजूदा बीजेपी सरकार की कुछ अनियमितताएं और धोखाधड़ी के मामले सामने आ रहे हैं. अब जो मामला सामने आया है उसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. इन दिनों मध्य प्रदेश में मृत लोगों का इलाज भी चल रहा है.
दरअसल, प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना की आड़ में पैसा कमाने के लिए राज्य में मृत लोगों का इलाज कागजों में दिखाकर भ्रष्टाचार किया गया. आयुष्मान योजना के तहत मृत लोगों को भर्ती कर पैसा निकाल लिया गया.
मप्र में आयुष्मान योजना की दुर्दशा हो रही है. भ्रष्टाचारियों ने आयुष्मान भारत को भ्रष्टाचार का जरिया बना दिया है. मप्र की शिवराज सरकार ने पहले प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के नाम पर वाहवाही लूटी. अब मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना में हुए बड़े फर्जीवाड़े का सच सामने आ रहा है.
बता दें कि इस योजना के ज्यादातर कार्डधारक भी एमपी में ही बताए गए थे, लेकिन अब सीएजी की रिपोर्ट ने पोल खोल दी है, इससे पता चलता है कि मध्य प्रदेश में आयुष्मान योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा हुआ है.
मध्य प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत मृतकों का भी इलाज किया गया. सीएजी रिपोर्ट में सामने आई आयुष्मान में एमपी के टॉपर होने की पोल. हैरानी की बात तो यह है कि 447 ऐसे मरीज हैं जिनकी भर्ती होने से पहले ही मौत हो गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के पुजारियों ने शव को भर्ती कर 1.2 करोड़ की रकम हड़पने का दावा किया.
इतना ही नहीं, एक ही मरीज का एक ही समय में कई अस्पतालों में एक साथ इलाज किया गया. 213 अस्पतालों सहित एक ही समय में कई अस्पतालों में 8081 मरीजों का एक साथ इलाज किया गया.
मप्र में करीब 25 अस्पताल ऐसे हैं, जिनमें क्षमता से ज्यादा बेड ऑक्यूपेंसी दिखाई गई है। यानी ज्यादा मरीजों की भर्ती दिखाकर क्लेम ले लिया. जवाहरलाल नेहरू कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में 20 मार्च 2023 तक 100 बेड थे, लेकिन यहां 233 मरीज दिखे. CAG रिपोर्ट में सरकारी अस्पताल समेत कुल 24 अस्पतालों के नाम शामिल हैं.
सीएजी की रिपोर्ट में कहा गया है कि डिफॉल्टर अस्पतालों से वसूली के मामले में मध्य प्रदेश का आंकड़ा सबसे खराब है. मप्र में अब तक 96 फीसदी तक रिकवरी नहीं हो सकी है.
बड़ा सवाल
– क्या एमपी आयुष्मान योजना में सिर्फ कागजों पर अव्वल है?
– गरीबों की योजना पर एमपी में कौन लगा रहा पलीता?
– भ्रष्टाचार का नया तरीका किसमें निकाला
– अस्पतालों में भूतों के इलाज में किस-किस की मिली भगत?
– एमपी में भ्रष्टाचार का बोलबाला कब तक?
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