शैलेंद्र विश्वकर्मा, अनूपपुर। भारत सरकार के गांव को शहर से जोड़ने के लिए चलाई गई प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से दूरदराज ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले ग्रामीणों तक योजना के लाभ पहुंचाने चलिए भरसक प्रयास कर रही है, लेकिन कुर्सी पर बैठे नेताओं और उच्च अधिकारियों ने सरकार के प्रयास को भ्रष्टाचार से लीपापोती करने की नए से नए तरीके इख्तियार कर लिए हैं.
एनएच 78 से सिमरिया चौराहा होते हुए कोतमा तक लगभग 21 किलोमीटर डामर कृत सड़क का निर्माण किया जा रहा है ,जिस पर प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना विभाग द्वारा जमकर लीपापोती की जा रही है. सरकार के प्रयास को भ्रष्टाचार की खाई से पाटा जा रहा है, जिससे जनता को मिलने वाली सुविधाओं को भविष्य में होने वाली असुविधा की ओर धकेल दिया जाता है. वहीं 181 के के माध्यम से की गई शिकायतों को धूल खेलती फाइलों में जमा कर दिया जाता है.
दरअसल, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत गांव को शहर से जोड़ने के लिए एनएच 78 से सिमरिया चौराहा से होते हुए कोतमा तक पैकेज क्रमांक एमपी 46706 के अंतर्गत डामरीकरण सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है. इस लगभग 21 किलोमीटर की सड़क बनाने के बीच ठेकेदार और अधिकारियों ने सड़क में भ्रष्टाचार करने के नए-नए तरीके इख्तियार कर लिए हैं.
सीएम हेल्पलाइन में शिकायत क्रमांक 14915157 के अनुसार सड़क निर्माण के पूर्व सड़क चौड़ीकरण के लिए एक-एक मीटर के गड्ढे सड़क के दोनों तरफ किए गए थे, जिसमें छोटे रोलर द्वारा कंपेक्शन का कार्य कर 5 एम एम, 20 एमएम और 40 एमएम की गिट्टी डालकर चौड़ीकरण के लिए कम्पेक्शन करना था, लेकिन पैसे बचाने की जुगत में अधिकारियों से सांठगांठ कर ठेकेदार ने डस्ट और गिट्टी के मिक्चर को साइड़ के गड्ढों में डाल कर कॉम्पेक्ट कर दिया गया है, जिससे सड़क चौड़ीकरण में गुणवत्ता विहीन कार्य हो रहा है. शिकायत अगस्त माह में सीएम हेल्पलाइन के माध्यम से की गई थी, लेकिन अब तक विभाग द्वारा शिकायत का निराकरण नहीं किया गया है.
बिना रोलर के किया बेस का कंपेक्शन, गिट्टी के जगह डस्ट के मिश्रण का उपयोग
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पैकेज क्रमांक एमपी 46704 में चौड़ीकरण के लिए किए गए गड्ढों को छोटे रोलर मशीन से गड्ढे में उतार कर पहले कंपेक्शन का कार्य करना था. उसके बाद वर्ड मीनिंग के लिए खुदाई की गई गड्ढे में 5, 20 और 40 एमएम की गिट्टी डालकर उसके ऊपर से जेएसबी का कार्य करना था, लेकिन ठेकेदार द्वारा चौड़ीकरण के लिए किए गए गड्ढों में ना तो बेश में रोलर से कंपेक्शन किया गया और ना ही विभिन्न प्रकार की गिट्टी डाली गई, गिट्टी की जगह ठेकेदार ने डस्ट और गिट्टी के मिश्रण को डाल कर खानापूर्ति कर भ्रष्टाचार का खेल सड़क निर्माण में कर दिया है, जिसके बाद लगातार शिकायतों पर अधिकारियों ने गुणवत्ता युक्त सड़क करार दी है.
डब्लूएमएम में किया जा रहा पुरानी सड़क से निकले गए मलबे का उपयोग
सड़क निर्माण कार्य में ऊपरी परत में बेस निर्माण के लिए सर्वप्रथम पुरानी सड़क को उखाड़ उसके मलबे को अलग कर डब्ल्यू एम एम बिछाकर बेस तैयार किया जाता है, लेकिन यहां मामला उल्टा ही चल रहा है ठेकेदार की मनमानी का आलम यह है कि अधिकांशतः डब्ल्यूएमएम जगह पुरानी सड़क से निकले गए सड़क के मलबे को रोलर चलाकर टुकड़े कर बेस में डाल दिया जा रहा है. जबकि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के नियम के अनुसार पुराने सड़क को उखाड़ कर उसके मलबे को सड़क से अलग करने के निर्देश दिए जाते हैं, जिसको दरकिनार करते हुए ठेकेदार द्वारा पुरानी सड़क के मलबे के ऊपर रोलर चला कर उस पर ही डब्ल्यू एम एम बिछाकर सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है.
सीएम हेल्पलाइन में हुई शिकायत का नही हो रहा निराकरण
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के पैकेज क्रमांक एमपी 4604 के गुणवत्ता विहीन निर्माण की शिकायत शिकायत क्रमांक 14915157 लगभग 5 माह पूर्व की गई थी जिस पर विभाग द्वारा गोलमोल जवाब देकर शिकायत को बंद कराने का प्रयास किया जा रहा है, शिकायतकर्ता को बिना कार्यस्थल पर बुलाए शिकायतकर्ता के सहमति की जानकारी अधिकारियों द्वारा सीएम हेल्पलाइन में दी जा रही है, जबकि शिकायतकर्ता ने बताया कि अब तक एक भी बार शिकायतकर्ता को कार्यस्थल पर जांच के लिए आई हुई टीम के सामने नहीं बुलाया गया है. बावजूद इसके सीएम हेल्पलाइन से शिकायतकर्ता की सहमति की बात सामने आ रही है तो क्या सीएम हेल्पलाइन सिर्फ एक दिखावा मात्र बनकर रह गई है, जिससे किसी भी प्रकार की शिकायतों का निराकरण लंबे समय तक नहीं हो पा रहा है.
कहीं भ्रष्टाचार की खाई में तो नहीं डूब रही निर्माणाधीन सड़क
सड़क निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा की जा रही लीपापोती के कारण सड़क निर्माण में गुणवत्ता विहीन कार्य किया जा रहा है. देखना यह है कि क्या सीएम हेल्पलाइन में की गई शिकायत अधिकारियों के टेबल के चक्कर काटते रहेगी या किसी प्रकार की कार्रवाई वह जांच जमीनी स्तर पर शिकायतकर्ता के सामने की जाएगी. ठेकेदार द्वारा सड़क निर्माण में अपनाए गए रवैया से तो यही लग रहा है कि भ्रष्टाचार की खाई में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन सड़क डूबते जा रही है. ना तो सही रूप से सड़क निर्माण के चौड़ीकरण के लिए किए गए गड्ढों में कंपेक्शन का कार्य किया गया और ना ही सड़क निर्माण के वेस में डब्ल्यू एम एम का कार्य गुणवत्ता युक्त हो रहा ,देखना यह है कि क्या पत्राचार के बाद अब किसी प्रकार की कार्यवाही उक्त ठेकेदार के खिलाफ होती है या फिर अधिकारियों की सांठगांठ से यूं ही गुणवत्ता विहीन निर्माण कार्य जारी रहता है.
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