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GPM: स्वच्छ भारत मिशन के तहत ई-रिक्शा खरीद में हुआ भ्रष्टाचार, दोगुनी कीमत पर लिए गए रिक्शे

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स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ई-रिक्शा खरीद में घटिया एवं निम्न दर्जे का अमानक ई-रिक्शा दोगुने रेट में खरीदने का मामला सामने आया है। जनपद पंचायत पेंड्रा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जहां मामले में चुप्पी साधे हुए थे तो जनपद पेंड्रा के पंचायत इंस्पेक्टर ने मामले में बड़ा भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए जिला पंचायत डीआरडीए पर दबाव पूर्वक ई-रिक्शा खरीदने का आरोप लगाया है। भाजपा ने मामले की जांच किए जाने की बात कही तो विभाग के जिम्मेदार ने नियमानुसार खरीद किए जाने की बात कही है।

पेंड्रा जनपद की 23 ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ई-रिक्शा की खरीद की गई है, जिस पर अब घटिया और निम्न दर्जे का ई-रिक्शा खरीद का आरोप लगाया गया है। मामले का आरोप जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी पर लगा है। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत जिले में प्रत्येक पंचायतों को 2-2 नग ई-रिक्शा खरीदने का दबाव बनाने का मामला सामने आया है। पेंड्रा जनपद कार्यालय में दो दिन पहले 46 नग ई-रिक्शा अचानक उतारने पर पूरे मामले का खुलासा हुआ, जब जनपद पंचायत पेंड्रा के पंचायत इंस्पेक्टर ने पूरे मामले की अपने जनपद के ग्राम पंचायतों के सचिव की पड़ताल की तो मालूम चला कि जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी ने कुछ माह पहले जिला पंचायत में सभी सचिवों की डीएससी लेकर बैठक में आने की सूचना भेजी। साथ ही अपने कार्यालय से पंचायतों में ई-रिक्शा खरीदी का ऑर्डर करा दिया गया। जिसमें दो रिक्शा की कीमत 105964 रुपये की दर से भुगतान भी जय एसोसिएट इंडस्ट्रीज के नाम से कर दिया।

वास्तव में जब पंचायत इंस्पेक्टर ने खुद जब ई-रिक्शा का बाजार में कोटेशन मंगाकर सत्यापन किया तो पाया कि ऐसे रिक्शे बाजार में 20 से 25 हजार के बीच बड़ी आसानी से मिल रहे हैं और जो भी रिक्शे आए हैं वे अमानक एवं घटिया दर्जे के हैं। इस बारे में पंचायत इंस्पेक्टर ने जब अपने सचिवों की पड़ताल की तो पाया कि लगभग 23 पंचायतों के लिए 46 रिक्शा मंगा लिए गए  हैं और उनसे पेमेंट भी डीएससी के माध्यम से ले लिए गए हैं। 

साथ ही उक्त खरीद के लिए ना ही ग्राम पंचायतों से प्रस्ताव लिए गए हैं ना ही कोटेशन मंगाए गए हैं, यानी खरीद नियमों का पालन नहीं किया गया है। मामले में जब जिला पंचायत के परियोजना अधिकारी पीडी खूंटे से पूछा गया तो उनके अनुसार पूरी खरीद ई-निविदा के माध्यम से की गई है, जिसमें पूर्ण रूप से पारदर्शिता बरती गई है। वहीं भाजपा के जिला अध्यक्ष ने खरीदी प्रक्रिया में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है तो खुद पंचायत के अधिकारी ने मामले में गड़बड़झाला बतलाते हुए लाखो रुपयों के गोलमाल का आरोप लगाया है।

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