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पुष्पराजगढ़ में करप्शन पर करप्शन: इस पंचायत में जारी है भ्रष्टाचार और घटिया निर्माण का खेल, रसूखदारों और लापरवाहों पर गिरेगी गाज, जानिए क्या बोले जिला पंचायत CEO

आशीष सेन, राजेंद्रग्राम। अनूपपुर जिले में भ्रष्टाचार चरम पर हैं. यह भ्रष्टाचार जनप्रतिनिधि, अधिकारियों और कर्मचारियों के सह पर ही होता है. बिना मिलीभगत के कोई गड़बड़ी हो ही नहीं सकती. MP-CG टाइम्स ने कई दफा मामलों को उजागर किया है, बावजूद इसके भ्रष्टाचार कम होने के बजाय पंख लगातार दोगुने रफ्तार से बढ़ रहा है. ताजा मामला जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के ग्राम पंचायत गोंदा से सामने आया है, जहां विकास के दावे खोखले नजर आ रहे हैं. आम जनता को मिलने की वाली सुविधाओं में पलीता लगा रहे हैं. चेक डेम निर्माण में लाखों का करप्शन कर चेक डेम का घटिया निर्माण किया जा रहा है. इस मामले में जिला पंचायत CEO हर्षल पंचोली ने कहा कि लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

पुष्पराजगढ़ में भ्रष्टाचार का गुनहगार कौन ? विकास के दावे खोखले, सरपंच-सचिव और इंजीनियर निर्माणकार्य में लगा रहे पलीता, मनरेगा में भी ठेकेदारी हॉवी !

राजेंद्रग्राम ब्रेकिंग न्यूज: जिला पंचायत CEO की बड़ी कार्रवाई, इस पंचायत सचिव को किया निलंबित, की थी ये बड़ी लापरवाही

पुष्पराजगढ़ के कुछ अधिकारियों की नाकामी और कोताही को लेकर जिला पंचायत सीईओ हर्षल पंचोली ने कहा कि MP-CG टाइम्स से पंचायत में लापरवाही की खबर मिली है. इस मामले में जांच टीम गठित कर दी गई है. इस पर जांच के बाद जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी. खबर लगने के बाद से चेक डैम निर्माण में लीपा-पोती शुरू हो गया है. नींव के नीचे से पानी बह रहा है, जबकि डैम को पानी रोकने के लिए बनाया गया है, लेकिन पानी नहीं भ्रष्टाचार की नींव जरूर रखी गई है.

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल, जनपद पंचायत पुष्पराजगढ़ के कुछ अफसर, उपयंत्री और सरपंच-सचिव मिलकर विकास कार्यों के नाम पर शासकीय पैसों का बंदरबांट करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं. कुछ भ्रष्टाचारी अधिकारी अपनी जेब भरने में लगे हैं.

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भ्रष्ट सचिव-सरंपच और इंजीनियर सरकारी खजाना लूट रहे

जनपद पंचायत में बैठे भ्रष्टाचारी अधिकारी ग्राम पंचायतों में कुछ भ्रष्ट सचिवों से कमीशन लेने के चक्कर में मापदंड़ों को दरकिनार कर रहे हैं. ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्यों पर अपनी स्वीकृति दे रहे हैं. सचिव- सरपंच शासकीय पैसों की हेरफेर करने के लिए नए-नए तरकीब निकाल रहे हैं. जनपद के अधिकारी अपने में मद मस्त हैं, जिससे मिल जुलकर लोग सरकारी पैसों को अपने जेब में डाल रहे हैं.

चेक डैम निर्माण में घटिया मटेरियल

ग्राम पंचायत गोंदा में एक चेक डैम का निर्माण कार्य किया जा रहा है. आप तस्वीरों के माध्यम से देख सकते हैं कि इसकी लागत लगभग 15 लाख रुपए है, जो मापदंड के हिसाब से काम हो रहा है या मापदंड के विपरीत भ्रष्टाचार की बात की जाए, तो भ्रष्टाचार के मामले में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जा रही है. इस चेक डेम को नाम के लिए बनाया जा रहा है, क्योंकि घटिया मटेरियल और सामग्रियां का उपयोग किया जा रहा है. निर्माण कार्य के बाद भी पानी लीक कर रहा है, जिससे इंजीनियर और जिम्मेदारों की मिलीभगत साफ झलक रहा है.

जागृत दादा (पंचायत इंस्पेक्टर) करा रहे काम- ग्रामीण

MP-CG टाइम्स ने जब इस खबर की पड़ताल की, तो पता चला कि जागृत दादा (पंचायत इंस्पेक्टर) अपने भतीजे से इस काम को दिखवा रहे हैं. चेक डेम निर्माण के लिए 14 लाख 99 हजार की स्वीकृति है, जिसको मनरेगा के तहत काम कराना था, लेकिन सरपंच-सचिव और इंजीनियर ने मिलकर नोट छापने का रास्ता निकाला औऱ अपने चहेते को ठेका दे दिया कि यूं कहें खुद पंचायत इंस्पेक्टर ठेके लिया, जिससे नोट छापने में और घटिया निर्माण करने में आसानी हो गई है.

गोंदा पंचायत में हो रहे कामकाजों को इंजीनियर अजय टांडिया देख रहे हैं, जबकि गोंदा पंचायत के सरपंच मालती बाई है. इसके अलावा सचिव नागेंद्र शर्मा है. इन सबके जानकारी में कारनामा जारी है. पंचायत में मनरेगा काम को ठेकेदारों के हवाले सौंप दिया गया है.

ग्रामीणों ने कहा घटिया निर्माण हो रहा

इस मामले में MP-CG टाइम्स ने जब ग्रामीणों से जानकारी ली, तो उन्होंने बताया कि जागृत दादा (पंचायत इंस्पेक्टर) को काम करा रहे हैं, वे अपने भतीजे को काम सौंप दिए हैं, जिससे सभी काम वही देखते हैं. वहीं उन्होंने ढलाई के लिए मसाला के बारे में भी बताया कि एक बारी सीमेंट में करीब 10 तगाड़ी रेत और गिट्टी मिला रहे हैं, जिससे काम घटिया हो रहा है. लेवर पेमेंट में भी लापरवाही बरती जा रही है.

अगर ग्रामीण शिकायत करेंगे तब कराएंगे जांच- सीईओ

MP-CG टाइम्स ने इन भ्रष्टाचार को लेकर जनपद सीइओ डीके सोनी से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि पंचायत के काम को पंचायत ही देखता है, वही काम कराता है. अगर निर्माणकार्य घटिया हो रहा है, तो जांच कराएंगे…अगर ग्रामीण शिकायत करेंगे तब… वहीं उन्होंने कहा कि मजदूरों को 195 रुपये पेमेंट दिया जा रहा है, अगर वे काम नहीं करेंगे तो उनकी मजदूरी कम भी की जा सकती है, लेकिन जब हमने सवाल किया कि…अगर काम कराने वाला मौजूद रहेगा तो मजदूर कैसे काम नहीं करेंगे, इस पर उन्होंने बात को टाल मटोल कर दिया.

क्या कोई अधिकारी दफ्तर से बाहर फील्ड में नहीं निकलता ?

अब सवाल ये उठता है कि गोंदा पंचायत जैसे और कितने पंचायत हैं, जहां इस तरह का बंदरबांट जारी है. सरकारी अफसर अपने कमरे से बाहर नहीं निकल रहे हैं. दफ्तर में ही दिन काट रहे हैं, जिससे ग्रामीण इलाके में जो विकास कार्य चल रहे हैं, उनमें जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है. बावजूद इसके जिम्मेदार कुछ भी एक्शन लेने से गुरेज कर रहे हैं. ऐसे में पुष्पराजगढ़ में सरकारी खजाना लूटने वालों की बाढ़ आ गई है, लेकिन सरकार के नुमाइंदें सरकार को हो चूना लगवाने में मदद कर रहे हैं. 

बता दें कि MP-CG टाइम्स के पास कई पंचायतों में करप्शन के खाका मौजूद हैं. आप इसी तरह हमारे लोकप्रिय वेबसाइट को पढ़ते रहिए. हम आपको हर रोज  लापरवाही और अपने काम के प्रति कोताही बरतने वालों को बेनकाब करेंगे. भ्रष्टारियों के चेहरे को उजागर करेंगे.

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