30 साल की मेहनत के बाद दुनिया के सबसे बड़े रेडियो टेलीस्कोप का निर्माण शुरू, 16 देश मिलकर खर्च कर रहे 127 अरब रुपये, जानें खास बातें

रिपोर्ट्स के अनुसार, SKAO काउंसिल की अध्यक्ष कैथरीन सेसरस्की ने दक्षिण अफ्रीका में आयोजित एक समारोह में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को तैयार करते हुए कई साल हो गए हैं। आज हम 30 साल की इस यात्रा में एक और महत्वपूर्ण चैप्टर को देख रहे हैं। हम दुनिया को सबसे बड़ा साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट देने जा रहे हैं। करीब डेढ़ साल के प्री-कंस्ट्रक्शन वर्क के बाद हम निर्माण का काम शुरू कर रहे हैं।
दक्षिण अफ्रीका के कारू रेगिस्तान में लगने जा रहा एसकेए-मिड एरे टेलीस्कोप करीब 197 डिश की मदद से 350 मेगाहर्ट्ज से 15.4 गीगाहर्ट्ज तक मिड फ्रीक्वेंसी रेंज में आकाश में रेडियो वेव्स के सोर्सेज को तलाशेगा। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में सेटअप किया जा रहा टेलीस्कोप 50 से 350 मेगाहर्ट्ज के बीच रेडियो वेव्स का पता लगाने के लिए 1 लाख 31 हजार 72 डिपोल एंटीना को इस्तेमाल करेगा। इस टेलीस्कोप की मदद से खगोलविद ब्रह्मांड की सबसे दूर की चीजों से संकेतों का पता लगा पाएंगे।
कैथरीन सेसरस्की ने कहा कि यह टेलीस्कोप ब्रह्मांड की हमारी समझ में क्रांति लाएगा। इस टेलीस्कोप की मदद से ब्रह्मांड की कुछ सबसे रहस्यमयी घटनाओं को समझने में मदद मिलेगी। रही बात टेलीस्कोप के निर्माण की, तो इस दशक के अंत तक यानी साल 2030 तक निर्माण पूरा हो जाएगा। हालांकि इसके कुछ एंटीना स्टेशन मई 2023 तक पूरा होने वाले हैं। एक बार सर्विस शुरू होने के बाद यह टेलीस्कोप अगले 50 साल तक सर्विस देगा। इसका निर्माण 16 देश मिलकर कर रहे हैं। टेलीस्कोप के निर्माण में 1.55 अरब डॉलर यानी करीब 127 अरब रुपये का खर्च आ रहा है।
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