Constable hanged himself after writing 2 lines on his palm: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में एक कांस्टेबल ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फांसी लगाने से पहले कांस्टेबल ने पुलिस भर्ती घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया है। कांस्टेबल अनिल रत्नाकर ने पुलिस में लेनदेन के आरोपों के बाद आत्महत्या की है।
वह खैरागढ़ में पदस्थ था। वह सरायपाली बसना का रहने वाला था। शनिवार की सुबह उसने लालबाग थाना क्षेत्र के रामपुर रोड में एक पेड़ से फांसी लगा ली। कांस्टेबल के जूते और कार खेत में मिली है।
भर्ती में धांधली का आरोप
कांस्टेबल ने पुलिस भर्ती में धांधली की बात कही है। मरने से पहले उसने अपने हाथ से लिखा- भर्ती ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, जबकि अधिकारियों को बचाया जा रहा है।
कांस्टेबल के फांसी लगाने के बाद आशंका जताई जा रही है कि कांस्टेबल भर्ती में लेनदेन में उसका नाम आने के डर से उसने यह आत्मघाती कदम उठाया है। कांस्टेबल की पुलिस भर्ती के दौरान फिजिकल टेस्ट में ड्यूटी लगाई गई थी।
आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं
मामले की जानकारी देते हुए सीएसपी पुष्पेंद्र नायक ने बताया- आरक्षक सरायपाली बसना का रहने वाला था। परिजनों को आत्महत्या की सूचना दे दी गई है।
परिजनों के आने के बाद शव को नीचे उतारकर पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा। फिलहाल आरक्षक ने आत्महत्या क्यों की इसका खुलासा नहीं हो पाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच की जा रही है।
भूपेश बघेल ने किया हमला
इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार पर हमला बोला है। भूपेश बघेल ने कहा- राजनांदगांव पुलिस भर्ती घोटाला गंभीर मामला लग रहा है। आरक्षक अनिल रत्नाकर ने आत्महत्या से पहले अपने हाथ पर जो लिखा है, उससे इसकी गंभीरता पता चलती है।
‘कर्मचारियों को फंसाया जा रहा है, अफसरों को बचाया जा रहा है। अफसर सब शामिल हैं’ का मतलब साफ है विष्णुदेव साय जी। भ्रष्टाचार हुआ है। अफसरों की भी भूमिका है। अब उच्चस्तरीय जांच जरूरी है।
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