हमीदिया में कमीशन का खेल: भोपाल कमिश्नर को अस्पताल प्रबंधन से 28 दिन में भी नहीं मिली रिपोर्ट


हमीदिया अस्पताल
– फोटो : सोशल मीडिया
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मध्यप्रदेश के राजधानी भोपाल स्थित हमीदिया अस्पताल में 155 रुपये का एंटीबायोटिक इंजेक्शन 500 रुपये में बेचे जाने का मामला ठंडे बस्ते में चला गया है। हमीदिया अस्पताल प्रबंधन इस मुद्दे को लेकर कितना गंभीर है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भोपाल कमिश्नर की मांगी गई रिपोर्ट भी उन्हें 28 दिन बाद भी नहीं मिली है।
भोपाल कमिश्नर मालसिंह भयड़िया ने अमर उजाला की 25 नवंबर को ‘हमीदिया में कमीशन का खेल! 155 रुपये का एंटीबायोटिक इंजेक्शन लोकल पर्चेज में 500 रुपये में खरीद रहे’ शीर्षक से प्रकाशित खबर पर संज्ञान लिया था। उन्होंने हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक से रिपोर्ट तलब की थी। खबर प्रकाशित होने के 28 दिन बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने अपना जवाब कमिश्नर कार्यालय को नहीं भेजा है। कमिश्नर भयड़िया ने कहा कि मेरे पास अभी रिपोर्ट नहीं आई है। मैं एक-दो दिन में रिपोर्ट मंगा लेता हूं।
क्या है मामला
हमीदिया अस्पताल में मैरोपिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन एक ग्राम का रेट कॉन्ट्रेक्ट करने मार्च 2022 में टेंडर जारी किए गए थे। इसके लिए 155 रुपए प्रति वायल के रेट पर एपेक्स फार्मास्युटिकल्स से अस्पताल ने सितंबर 2022 में रेट कॉन्ट्रेक्ट किए। इसके एक महीने बाद अक्टूबर में अस्पताल के पर्चेस विभाग ने एक ग्राम मैरोपिनम एंटीबायोटिक इंजेक्शन की खरीदी लोकल पर्चेस से की। खास बात यह है कि लोकल पर्चेस में 155 रुपये प्रति वायल की जगह 500 रुपये प्रति वायल खरीदी गई। सवाल यह है कि जब अस्पताल ने रेट कॉन्ट्रेक्ट कर लिया तो फिर लोकल पर्चेस किसके आदेश से की गई। नियमानुसार अस्पताल में तीन महीने का स्टॉक क्यों नहीं रखा गया।