Chhattisgarh Coal Transportation System Now Online: छत्तीसगढ़ में अब कोयला परिवहन व्यवस्था ऑनलाइन होने जा रही है. पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर ध्यान दिलाया था, जिसके बाद सीएम विष्णुदेव साय ने सदन में कोयला परिवहन व्यवस्था को ऑनलाइन करने की घोषणा की कांग्रेस कार्यकाल के दौरान अधिकारियों, नेताओं और व्यापारियों पर कोयला परिवहन में 500 करोड़ रुपये से अधिक के गबन का आरोप है.
Chhattisgarh Coal Transportation System Now Online: मामले में ईडी के अधिकारियों ने खुलासे किये थे. पिछली सरकार में इस सिस्टम को चलाने वाला एक पूरा सिंडिकेट था. मामले में कार्रवाई करते हुए ईडी ने आधा दर्जन से ज्यादा सरकारी अधिकारियों और कारोबारियों को हिरासत में लेकर जेल में डाल दिया है. इसके साथ ही ईडी ने कोर्ट के जरिए कांग्रेस विधायकों और कारोबारियों को भी समन जारी किया है.
सरकार कोयला परिवहन की व्यवस्था बदलने की कर रही तैयारी
Chhattisgarh Coal Transportation System Now Online: सरकारी अधिकारियों, नेताओं और कारोबारियों पर लगे आरोपों के बाद छत्तीसगढ़ सरकार कोयला परिवहन की पूरी व्यवस्था बदलने की तैयारी कर रही है. विधानसभा में बीजेपी नेता राजेश मूणत के ध्यानाकर्षण के बाद सीएम विष्णुदेव साय ने इसका खुलासा किया है.
कोयला परिवहन के सभी दस्तावेज ऑनलाइन सिस्टम से बनेंगे
Chhattisgarh Coal Transportation System Now Online: सीएम विष्णुदेव साय ने विधानसभा में बीजेपी विधायक के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि आने वाले दिनों में कोयला परिवहन के सभी दस्तावेज ऑफलाइन नहीं, बल्कि ऑनलाइन सिस्टम से बनेंगे. इससे कागजी कार्रवाई में पारदर्शिता आएगी और गलत इरादे वाले लोगों पर लगाम लगाई जा सकेगी.
संचालक ने सिस्टम ऑफलाइन करा लिया था
Chhattisgarh Coal Transportation System Now Online: बीजेपी विधायक राजेश मूणत के सवाल का जवाब देते हुए सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि बिना पास के कोयले की ढुलाई हो रही थी. तत्कालीन निदेशक आईएएस समीर विश्नोई ने 15 जुलाई 2020 को नए निर्देश दिए थे, जिसके तहत यह व्यवस्था चल रही थी.
निदेशक ने सरकार से मंजूरी नहीं ली
Chhattisgarh Coal Transportation System Now Online: सीएम ने कहा कि खनिज विभाग के निदेशक ने सरकार से मंजूरी नहीं ली है. सीएम साय ने कहा, मैं 2020 में तत्कालीन निदेशक द्वारा लिए गए फैसले को रद्द करता हूं. मामले में एसीबी जांच चल रही है, इसलिए सीएम साय ने बीजेपी विधायक राजेश मूणत द्वारा की गई सीबीआई जांच की मांग पर कोई जवाब नहीं दिया.
ED ने इन लोगों को बनाया है आरोपी
- सौम्या चौरसिया, तत. उप सचिव, मुख्यमंत्री कार्यालय
- समीर विश्नोई, आई.ए.एस. ततनिदेशक भू-विज्ञान एवं खनिज
- रानू साहू, आई.ए.एस. तत्कालीन कलेक्टर कोरबा
- संदीप कुनार नायक, सहायक खनिज अधिकारी
- शिवशंकर नाग खनिज अधिकारी
- सूर्यकांत तिवारी
- मनीष उणच्चाय
- रौशन कुमार सिंह
- निखिल चंद्राकर
- राहुल सिंह
- पारेख कुर्रे
- मोईनुद्दीन कुरैशी
- विरेन्द्र जायसवाल
- रजनीकांत तिवारी
- हेमंत जायसवाल
- जोगिन्दर सिंह
- नवनीत तिवारी
- दिपेश टांक
- देवेन्द्र डडसेना
- राहुल मिश्रा
- रामगोपाल अग्रवाल, तत्कालीन कोषाध्यक्ष, छ.ग. कांग्रेस पार्टी
- देवेन्द्र सिंह यादव, तत्कालीन विधायक, भिलाई नगर
- शिशुपाल सोरी, तत्कालीन विधायक, कांकेर
- रामप्रताप सिंह, तत्कालीन प्रवक्ता, कांग्रेस
- विनोद तिवारी, तत्कालीन पी.ई.पी.
- अमरजीत भगत, तत्कालीन विधायक सीतापुर
- चंद्रदेव प्रसादराय, तत्कालीन विधायक, बिलईगढ़
- बृहस्पत सिंह, तत्कालीन विधायक, रामानुजगंज
- इदरिश गांधी, पी.ई.पी.
- सुनील कुमार अग्रवाल, इंद्रमणी ग्रुप निवासी रायपुर
- जय. सूर्यकांत का साथी
- चंद्रप्रकाश जायसवाल, निवासी कोरन
- गुलाब कमरो, तत्कालीन विधायक, भरतपुर सोनहत
- यु.डी. मिंज, तत्कालीन विधायक, कुनकुरी
- लक्ष्मीकांत तिवारी एवं अन्य
इन लोगों पर इतने पैसे लेने का आरोप
नाम | पैसा |
राम गोपाल अग्रवाल | 52 करोड़ |
देवेंद्र यादव | 3 करोड़ |
शिशुपाल सोरी | 1.10 करोड़ |
राम प्रताप सिंह | 2.01 करोड़ |
विनोद तिवारी | 1.87 करोड़ |
अमरजीत भगत | 50 लाख |
चंद्रदेव राय | 46 लाख |
बृहष्पत सिंह | 10 लाख |
इदरिश गांधी | 6 लाख |
चिंतामणि महाराज | 5 लाख |
गुलाब कमरो | 1 लाख |
यूडी मिंज | 50 हजार |
प्रति टन 25 रुपए ली जाती थी लेवी
ईडी की जांच में नौकरशाहों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के एक ‘कार्टेल’ द्वारा छत्तीसगढ़ में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले के लिए 25 रुपये प्रति टन की अवैध लेवी वसूली का खुलासा किया था।
ईडी ने अपने दूसरे पूरक आरोप पत्र में आरोप लगाया कि घोटाले की अवधि के दौरान कोरबा जिले के कलेक्टर के रूप में कार्यरत रहे रानू साहू ने सूर्यकांत तिवारी और उनके सहयोगियों द्वारा कोयला ट्रांसपोर्टर और जिला खनिज निधि (डीएमएफ) अनुबंधों से अवैध लेवी राशि के संग्रह में सुविधा प्रदान की और उनसे भारी रिश्वत प्राप्त की।
वाट्सअप चैट से मिले ED को साक्ष्य
ED के अधिकारियों ने कोयला घोटाले का खुलासा हिरासत में लिए अफसरों के वाट्सअप चैट से किया है। ईडी के अफसरों ने एसीबी ने जो प्रतिवेदन दिया है, उसमें इस बात का उल्लेख भी है। ईडी के अफसरों ने खुलासा किया था, कि वाट्सअप ग्रुप बनाकर पूरी जानकारी ऊपर से नीचे तक दी जाती थी।
किस तरह से कहां काम हो रहा है? इस बात का जिक्र भी उस ग्रुप में किया जाता था। ईडी के अफसरों ने एसीबी को जो प्रतिवेदन दिया था, उसमें वाट्सअप ग्रुप से प्राप्त पर्चियों का स्क्रीन शॉट भी लगाया है।
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