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Chhattisgarh: SC-OBC के लिए शुरू होंगे प्रयास स्कूल, CM बघेल ने कहा- अच्छी शिक्षा से जीवन में हो सकते हैं सफल

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छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए भी सभी संभाग मुख्यालय में अलग से प्रयास स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ इन वर्गों के लिए अलग-अलग हॉस्टल भी बनेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी घोषणा की। इसके साथ ही रायपुर में पेंशन बाड़ा स्थित अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास में 50 लाख रुपये की लागत से ई-लाइब्रेरी भी शुरू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री बघेल रविवार को गुरू घासीदास जयंती पर हो रहे कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

पेंशन बाड़ा में हो रहे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, गुरू घासीदास ऐसे संत थे, जिन्होंने मानवता को बचाने के लिए मानव-मानव एक समान का संदेश दिया। उन्होंने समाज में फैली कुरूतियों को दूर करने के लिए समानता, भाईचारा, प्रेम और सद्भाव का भी संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, गुरू घासीदास ने छत्तीसगढ़ी में उपदेश दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा बोली को आगे बढ़ाने का काम किया है। इस अवसर पर SC-ST-OBC संघ ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। 

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, जीवन में कौन व्यक्ति, कहां, किस धर्म में, किस स्थान में जन्म लेगा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम अच्छी शिक्षा से व्यक्तित्व को निखार सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार भी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही है। कहा कि बस्तर में बंद 260 स्कूल हमने फिर से शुरू किए हैं। बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके इसलिए 279 स्वामी आत्मानंद उत्कृट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले। 

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छत्तीसगढ़ में अब अनुसूचित जाति और पिछड़ा वर्ग के लिए भी सभी संभाग मुख्यालय में अलग से प्रयास स्कूल खोले जाएंगे। इसके साथ इन वर्गों के लिए अलग-अलग हॉस्टल भी बनेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इसकी घोषणा की। इसके साथ ही रायपुर में पेंशन बाड़ा स्थित अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक बालक छात्रावास में 50 लाख रुपये की लागत से ई-लाइब्रेरी भी शुरू करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री बघेल रविवार को गुरू घासीदास जयंती पर हो रहे कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। 

पेंशन बाड़ा में हो रहे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, गुरू घासीदास ऐसे संत थे, जिन्होंने मानवता को बचाने के लिए मानव-मानव एक समान का संदेश दिया। उन्होंने समाज में फैली कुरूतियों को दूर करने के लिए समानता, भाईचारा, प्रेम और सद्भाव का भी संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा, गुरू घासीदास ने छत्तीसगढ़ी में उपदेश दिया। उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा बोली को आगे बढ़ाने का काम किया है। इस अवसर पर SC-ST-OBC संघ ने मुख्यमंत्री को सम्मानित किया। 

मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि, जीवन में कौन व्यक्ति, कहां, किस धर्म में, किस स्थान में जन्म लेगा, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। हम अच्छी शिक्षा से व्यक्तित्व को निखार सकते हैं और जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। छत्तीसगढ़ सरकार भी बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण अच्छी शिक्षा देने के लिए प्रयास कर रही है। कहा कि बस्तर में बंद 260 स्कूल हमने फिर से शुरू किए हैं। बच्चों को अंग्रेजी माध्यम में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके इसलिए 279 स्वामी आत्मानंद उत्कृट अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले। 

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