Christmas 2022: 135 वर्ष से ज्यादा पुराना है सेंट ल्यूक्स चर्च का इतिहास, बनावट देखकर दंग रह जाते हैं लोग

क्रिसमस की तैयारियां इन दिनों सभी जगहों पर जोर शोर से जारी हैं। 25 दिसंबर को ईसाई समाज के लोग गिरिजाघरों में एकत्रित होकर प्रभू येशु मसीह का जन्मदिन मनाएंगे। मध्यप्रदेश के कई प्राचीन गिरिजाघर क्रिसमस के पहले रंग बिरंगी रोशनी से सज गए हैं। प्रदेश में ब्रिटिश दौर के कई ऐतिहासिक गिरिजाघर मौजूद हैं, जहां हर साल क्रिसमस के मौके पर बड़ी संख्या में अनुयायियों की भीड़ जुटती है। आइए आज आपको मध्यप्रदेश के मंडला जिले में स्थित करीब 135 वर्ष पुराने सेंट ल्यूक्स चर्च का दिलचस्प इतिहास बताते हैं।
मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, जबलपुर और सीहोर जिले में ब्रिटिश हुकूमत के दौर के कई प्राचीन चर्च आज भी मौजूद हैं लेकिन मंडला जिले के सेंट ल्यूक्स चर्च अपनी अनोखी बनावट के चलते प्रदेश ही नहीं बल्कि देशभर में मुख्य आकर्षण का केंद्र है। इस चर्च की अनोखी बनावट इसे देश के अन्य गिरिजाघरों से खास बनाती है। सेंट ल्यूक्स चर्च जैसी बनावट देश में सिर्फ तीन जगहों सिवनी और हिमाचल प्रदेश के मैक्लोडगंज में देखने को मिलती है।
काले पत्थर और संगमरमर से बना है चर्च
सेंट ल्यूक्स चर्च का निर्माण काले पत्थरों और संगमरमर से किया गया है। इन पत्थरों को चूने और पेड़ों की लार से बने गारे से जोड़ा गया है। यह चर्च ब्रिटिश दौर की बनावट का एक बेहद खूबसूरत उदाहरण है। चर्च की मजबूती का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसका निर्माण हुए 135 वर्ष से भी ज्यादा का समय बीत गया है, लेकिन आज भी चर्च उसी मजबूती के साथ खड़ा है, इसमें कहीं भी कोई दरार नजर नहीं आती। चर्च को मजबूती देने के लिए अंदर की तरफ ईंट से दीवारे बनी हैं, जिसपर खास तरह की डिजायन बनी हैं। वहीं, चर्च के अंदर रखे फर्नीचर और इक्यूपमेंट पर भी परमेश्वर की जानकारी देती आकृतियां उकेरी गई हैं। मंडला जिले का यह चर्च इतिहास का अनूठा उदाहरण है। मध्यप्रदेश के पर्यटन विभाग ने इसे अपने दस्तावेजों में शामिल किया है।