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CM मोहन यादव के पिता का निधन: 100 के उम्र में ली अंतिम सांस, मुख्यमंत्री ने मांगे थे 500 तो पिता ने थमा दी थी बंडल

Chief Minister Mohan Yadav father Poonamchand Yadav passed away: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का मंगलवार को निधन हो गया। वे करीब 100 साल के थे और एक सप्ताह से बीमार थे। जिसके चलते उन्हें उज्जैन के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। पिता के निधन के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन पहुंच गए हैं।

बुधवार सुबह 11.30 बजे गीता कॉलोनी, अब्दालपुरा से अंतिम यात्रा शुरू होगी। शिप्रा तट पर भूखमता मंदिर के पास अंतिम संस्कार किया जाएगा। मुख्यमंत्री के पिता के निधन पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ला, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने गहरा दुख जताया है।

100 साल की उम्र होने के बाद भी वे उपज बेचने खुद ही बाजार जाते थे

यादव समाज से जुड़े लोगों का कहना है कि पूनमचंद यादव ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया। उन्होंने अपने बेटों नंदू यादव, नारायण यादव, मोहन यादव और बेटियों कलावती, शांति देवी को अच्छी शिक्षा दिलाई। संघर्ष के दिनों में उनके पिता रतलाम से उज्जैन आए और पहले हीरा मिल में काम किया।

इसके बाद उन्होंने मालीपुरा में भजिया और फ्रीगंज में दाल-बाफले की दुकान खोली। 100 साल की उम्र होने के बाद भी वे उपज बेचने खुद बाजार जाते थे। राज्यपाल ने निधन पर जताया दुख मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने भी पूनमचंद यादव के निधन पर दुख जताया है।

उन्होंने एक्स पर लिखा- मोहन यादव जी के पूज्य पिताजी के निधन का दुखद समाचार मिला। मेरी संवेदनाएं शोकाकुल परिवार के साथ हैं। मैं बाबा महाकाल से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोकाकुल परिवार को इस अपार दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें।

सीएम ने मांगे 500 रुपए तो पिता ने थमा दी बंडल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने फादर्स डे (15 जून) पर अपने पिता पूनमचंद यादव से मुलाकात की। सीएम ने पैसे मांगे तो उन्होंने 500 रुपए के नोटों की बंडल निकालकर उन्हें थमा दी। सीएम ने एक नोट रख लिया और बाकी वापस कर दिया।

इस दौरान पिता ने ट्रैक्टर की मरम्मत का बिल भी सीएम बेटे को थमा दिया। सीएम ने उनसे पूछा- बैंक में कितने पैसे हैं? इस पर दोनों हंस पड़े। मुख्यमंत्री ने पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर की मरम्मत में जो पैसे खर्च हुए हैं, वे चुका देंगे। पिता ने बताया कि 4 लाख 86 हजार रुपए गिर गए थे, जो वापस मिल गए।

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