Chhattisgarh Waterfalls Chitrakote, Ranidah and Ramdaha: छत्तीसगढ़ की खूबसूरत वादियां हमेशा से ही पर्यटकों की पहली पसंद रही हैं। यहां की हरियाली हो या फिर यहां के खूबसूरत झरने, दोनों ही आपका दिल जीत लेंगे। छत्तीसगढ़ आकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप किसी घाटी में उतर आए हैं।
Chhattisgarh Chitrakote, Ranidah and Ramdaha Waterfalls: छत्तीसगढ़ी संस्कृति और यहां की प्राचीन विरासत के बीच यहां के झरने आपको तरोताजा कर देंगे।
Chhattisgarh Chitrakote, Ranidah and Ramdaha Waterfalls:शांत जंगल के बीच से गिरते झरने और नदी के पानी की कलकल ध्वनि आपको कुछ पल वहां रुकने पर मजबूर कर देगी।
Chhattisgarh Chitrakote, Ranidah and Ramdaha Waterfalls:जब चित्रकोट जलप्रपात अपने शबाब पर होता है तो यह आपको स्वर्ग में होने का एहसास कराता है। तो चलिए झरनों के राज्य की सैर करते हैं।
चित्रकोट जलप्रपात
Chhattisgarh Chitrakote, Ranidah and Ramdaha Waterfalls: बस्तर में इंद्रावती नदी पर बना चित्रकोट जलप्रपात पूरी दुनिया में मशहूर है। चांदनी रात और बिजली की रोशनी में चित्रकोट जलप्रपात को देखना अपने आप में एक अलग ही अनुभव देता है।
Chhattisgarh Chitrakote, Ranidah and Ramdaha Waterfalls:सरकार ने चित्रकोट जलप्रपात को और विकसित किया है। रात में यहां लाइटिंग की व्यवस्था की गई है ताकि जलप्रपात की खूबसूरती और बढ़ जाए। हर साल लाखों पर्यटक बाहर से यहां आते हैं।
तीरथगढ़ जलप्रपात
Chhattisgarh Chitrakote, Ranidah and Ramdaha Waterfalls: तीरथगढ़ जलप्रपात जगदलपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर है। मुनगाबहार नदी पर बना यह जलप्रपात इतना खूबसूरत है कि लोग यहां घंटों खड़े होकर जलप्रपात को निहारते रहते हैं।
Chhattisgarh Chitrakote, Ranidah and Ramdaha Waterfalls: बरसात के मौसम में जब यहां भरपूर पानी होता है तो इस जलप्रपात की खूबसूरती और भी बढ़ जाती है। जब पानी पहाड़ी से तीन फीट नीचे आता है तो ऐसा लगता है जैसे दूध की धारा बह रही हो।
तीरथगढ़ झरना:
Chhattisgarh Waterfalls Chitrakote, Ranidah and Ramdaha: जगदलपुर से करीब 35 किमी की दूरी पर तीरतगढ़ झरना है. मुनगाबहार नदी पर बना ये जलप्रपात इतना सुंदर है कि लोग घंटों यहां खड़े होकर झरने को निहारते रहते हैं. बारिश के दिनों में जब पानी भरपूर होता है तब इस झरने की सुंदरता को चार चांद लग जाते हैं. पहाड़ी से तीन फीट नीचे जब पानी आता है तो लगता है जैसे दूध की धारा बह रही हो.
मलाजकुण्डम झरना:
Chhattisgarh Waterfalls Chitrakote, Ranidah and Ramdaha: दूध नदी पर बना मलाजकुंडम जल प्रपात अपनी हरियाली और सुंदरता के लिए पूरे छत्तीसगढ़ में मशहूर है. झरने में पानी कहां से आता है इसको जानने के लिए पर्यटक जरूर चोटी पर जाते हैं.
Chhattisgarh Waterfalls Chitrakote, Ranidah and Ramdaha: दूध नदी का उद्गम स्रोत पहाड़ी की चोटी पर है. नीचे जब पानी पहुंचता है तो ऊपर से पूरा नजारा मन मोह लेता है. झरने से निकलने वाला पानी कुंड में जाकर जमा होता है इसीलिए इसका नाम मलाजकुंडम जलप्रपात पड़ा.
गुप्तेश्वर झरना:
गुप्तेश्वर झरना अपने नाम के अनुरुप है. बस्तर के माचलकोट के पास शबरी नदी पर ये झरना बनता है. गुप्तेश्वर झरना जगदलपुर से करीब 22 किमी की दूरी पर है. हर साल यहां लाखों पर्यटक झरने की सुंदरता को देखने के लिए आते हैं. शबरी नदी में जब पानी का दबाव ज्यादा होता है तब झरने की सुंदरता और बढ़ जाती है.
खुरसेल झरना:
खुरसेल जलप्रपात नारायणपुर जिले में है. जंगल और पर्वतों के बीच खुरसेल झरने की सुंदरता अपने आप में अदभुत है. सुरसेल के आस पास आबादी कम होने के चलते यहां का वातावरण काफी शांत और मनमोहक है. खुरसेल आने वाले पर्टयक बार बार यहां आना चाहते हैं. खुरसेल की सुंदरता यहां आने वाले पर्टयक अपनी आंखों में बसाकर जाते हैं ताकि दोबारा आ सकें.
मल्हे इन्दुल झरना:
मल्हे इन्दुल झरने को नारायणपुर के सबसे सुंदर झरनों में गिना जाता है. मल्हे इन्दुल झरने को देखने के लिए स्थानीय और बाहरी पर्यटक हर साल हजारों की संख्या में यहां पहुंचते हैं. मॉनसून के मौसम में यहां आते हुए हरे भरे जंगल आपको रोक लेंगे. दिल करेगा आप थोड़ी देर यहां रुककर ही आगे बढ़ें. झरने से आने वाली आवाजें किसी संगीत का अनुभव कराती हैं.
पुलपड़ा ईंदुल झरना:
दंतेवाड़ा के कुआंकोंडा में पुलपड़ा ईंदुल झरना है. पालनार से इस झरने तक जाने में आपको सात किमी का सफर तय करना होता है. पुलपड़ा ईंदुल झरना को दंतेवाड़ा का सबसे ऊंचा झरना माना जाता है. पुलपड़ा ईंदुल झरना बैलाडीला पहाड़ी क्षेत्र के अरनपुर घाटी के कुरुम नाला से होते हुए नीचे आती है और झरने का निर्माण करती है.
मिलकुलवाड़ा झरना: जगदलपुर से 39 किलोमीटर दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात है. 90 फीट की ऊंचाई से यहां पानी नीचे गिरता है. पानी गिरने की जो आवाज यहां सुनाई देती है वो काफी तेज शोर पैदा करती है. मिलकुलवाड़ा झरना आस पास के लोगों के लिए सबसे बेहतरीन पिकनिक स्पॉट के रुप में मशहूर है.
रानीदाह झरना:
जशपुर में रानीदाह वाटरफॉल है. जशपुर मुख्य मार्ग से करीब पांच किमी भीतर जाने पर रानीदाह का झरना मिलता है. जंगलों और पहाड़ों की बीच बने इस झरने की सुंदरता देखते ही बनती है. रानीदाह झरने को देखने के लिए झारखंड से भी बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. आस पास के लोगों के लिए ये बेहतरीन पर्टयक और पिकनिक स्पॉट है.
राजपुरी जलप्रपात:
जशपुर का ये झरना पिकनिक प्रेमियों की पहली पसंद के तौर पर गिना जाता है. नए साल के मौके पर यहां मेला जैसा माहौल रहता है. सर्दियों के मौसम में तो पिकनिक मनाने वाले लोगों की भरमार रहती है. यहां आकर आपको ऐसा लगेगा जैसे आप शिमला या मनाली की वादियों में आ गए हैं. यहां के सेल्फी प्वाइंट तो पर्यटकों की पहली पंसद हैं.
दमेरा जलप्रपात: दमेरा जलप्रपात
यह छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित है। यह जशपुर शहर के दक्षिण में और बढीखाना गांव के पास लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसे पर्यटन स्थल माना जाता है। यहां हर साल रामनवमी और कार्तिक पूर्णिमा पर मेला लगता है।
मेंदरी घूमर जलप्रपात
मेन्द्री घुमर जलप्रपात विशाल चित्रकोट झरने के रास्ते पर एक सुंदर मौसमी झरना है। प्रसिद्ध रूप से ‘घाटी की धुंध’ के रूप में जाना जाता है, मेहेंदरी घुमर के पास एक सुंदर घाटी है। यह 125-150 फीट ऊंचाई से गिरने वाली हरी घाटी के बीच चुपचाप अपनी उपस्थिति को चिह्नित करता है। शीर्ष से घने वन क्षेत्र को देखते हुए शांति महसूस कर सकती है।
मेन्द्री घुमर जलप्रपात
में सुंदर सुंदरता और बूंदा -बांदी इसे देखने के लिए एक आकर्षक अनुभव बनाती है। चित्रधारा, तामड़ा घूमर और मेन्द्री घुमर जलप्रपात चित्राकोट झरने के लिए सर्किट को और भी सुखद और आनंददायक बनाते हैं
तामड़ा घूमर जलप्रपात
बस्तर प्रकृति की विशाल सुंदरता के लिए जाना जाता है।. मारडूम के पास चित्रकोट के रास्ते पर एक बारहमासी झरना तमड़ा घुमर है. यह झरना इंद्रवती नदी से सीधे 100 फीट से गिरकर बहती है. राज्य पर्यटन विभाग ने झरने के आस पास के क्षेत्र को और डेवलप किया है.
केन्दाई जलप्रपात:
जगदलपुर से 39 किलोमीटर दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात बनता है. 90 फुट उपर से इन्द्रावती की ओजस्विन धारा गर्जना करते हुये नीचे गिरती है. इसके बहाव में इन्द्रधनुष का शानदार दृष्य बनता है. बस्तर संभाग के जलप्रपातों में ये सबसे सुंदर वाटरफॉल के रुप में गिना जाता है.
केन्दाई जलप्रपात:
केंदई जलप्रापात कोरबा जिला के पोंड़ीउपरोड़ा तहसील में केंदई नदी पर स्थित है. कोरबा के कटघोरा में ये जलप्रपात है. आस पास के पर्यटकों के साथ साथ बाहर के पर्यटक भी यहां घूमने आते हैं. शहर के करीब होने के चलते यहां पहुंचने में कोई दिक्कत नहीं होती है.
चित्रधारा वाटरफॉल:
बस्तर का चित्रधारा वाटरफॉल बारिश के मौसम में ही देखने लायक है. गर्मी के दिनों में पानी कम होने और सूख जाने के चलते जलप्रपात सूखा रहता है. मॉनसून जब आता है तब इस झरने की सुदंरता देखते ही बनती है.
देवधारा जलप्रपात:
देवधारा जलप्रपात महासमुंद जिले में बलम देई नदी पर स्थित है जो बारनवापारा अभ्यारण के बीचों बीच गुजरती है. घने जंगलों से होकर जब आप इस जलप्रपात तक पहुंचते हैं तो उसका अनुभव ही आपको अलग सा महसूस होता है.
अमृतधारा जलप्रपात: अमृतधारा जलप्रपात नवीन गठित जिला मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के मनेन्द्रगढ़ तहसील के ग्राम लाई के के करीब है. पर्यटक स्थलों में लाई की गिनती है. यहां पर 90 फीट की ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है. जलप्रपात के पास ही प्राचीन शिव मंदिर है जिसकी अपनी अलग महिमा है.
रकसगंडा जलप्रपात:
कसगंडा जलप्रपात सूरजपुर जिले में है। यह रिहंद नदी पर, वाड्रफनगर से 60 किलोमीटर और अंबिकापुर से 150 किलोमीटर दूर, बलंगी नामक गांव के पास घने जंगलों में स्थित है।
यहां नदी का पानी काफी ऊंचाई से गिरता है और एक गहरे और संकरे तालाब में जाकर गिरता है। तालाब से 100 मीटर लंबी सुरंग निकलती है। जहां यह सुरंग खत्म होती है, वहां एक अलग तरह का पानी दिखाई देता है।
सहादेवमुड़ा जलप्रपात: महादेवमुड़ा जलप्रपात मैनपाट में है. मैनपाट के सुंदर जगहों में इस इसकी गिनती होती है. झरना महादेव मुड़ा नदी से निकलता है. आस पास का इलाका घने जंगलों से घिरा हुआ है. इस झरने से गिरने वाला पानी एक कुंड बनाता है जहां पर्यटक बैठकर आराम करते हैं. इस जगह को टाइगर प्वाइंट भी कहा जाता है.
कुएंमारी जलप्रपात: बस्तर का कुएंमारी झरना इतना सुन्दर है कि सभी का मन मोह लेता है. शहर के कोलाहल से दूर स्थित इस झरने की खूबसूरती अपने आप में बेमिसाल है. शांति की तलाश करने वाले पर्यटकों के लिए ये बेस्ट डेस्टिनेशन है. बस्तर घूमने अगर आप आते हैं तो फिर यहां आना आपके लिए बेहतरीन साबित होगा.
होनहेड़ जलप्रपात: कोंडागांव ज़िले के केशकाल में होनहेड़ जलप्रपात है. जंगलों के बीच बसा एक बारहमासी झरना है. यह झरना ग्राम पंचायत होनहेड़ से लगभग एक किलोमीटर की दूरी पर है. स्थानीय लोगों के मुताबिक इस झरने को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित किया जा सकता है.
घटारानी जतमई जलप्रपात: गरियाबंद में रायपुर से 85 किमी की दूरी पर घटारानी जतमई का झरना. झरने के पास ही माता मंदिर है. मंदिर और वाटरफॉल को देखने के लिए बड़ी संख्या में देशी और विदेशी पर्यटक हर साल यहां आते हैं.
चुनागोटा वाटरफॉल: राजनांदगांव से लगभग 80 किलोमीटर दूर डोंगरगढ़ ब्लॉक में कौहापानी गांव में चुनागोटा वॉटरफॉल मौजूद है. ये झरना अपनी खूबसूरती के लिए पूरे प्रदेश में मशहूर है. बारिश के दिनों में यहां प्रकृति का एक अनुपम रूप देखा जा सकता है. लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरता हुआ पानी एक बहुत ही सुंदर वाटरफॉल बनाता है.
मंडावा जलप्रपात: मंडावा जलप्रपात जगदलपुर में है. ये झरना अपनी खूबसूरती और हूबहू नकल करती तीरथगढ़ जलप्रपात की तरह ही है. मंडावा जलप्रपात में पानी करीब 70 फीट की ऊंचाई से गिरता है. झरने से पानी गिरने के बाद ये घाटी में जाकर करीब 200 फुट तक चौड़ी हो जाती है.
बैन झरना: जशपुर के कुनकुरी में बैन झरना है. बारिश के दिनों में जब पानी की बहार होती है तब ये झरना अपने शबाब पर होता है. रात की खामोशी में झरने की आवाज आपको डरा देगी. जंगलों के बीच बने बैन झरने को देखने के लिए आस पास के राज्यों से भी लोग आते हैं.
तमरा घूमर झरना: तमरा घूमर झरना एक मौसमी और प्राकृतिक झरना है जो भारतीय राज्य छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में जगदलपुर के पश्चिम में लगभग 45 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह चित्रकोट और मेंद्री घूमर झरनों के बहुत करीब है. छत्तीसगढ़ आने वाले पर्यटक यहां का झरना देखने जरुर आते हैं.
रानी दहरा झरना: कवर्धा के बोड़ला ब्लॉक में स्थित रानी दहरा वॉटरफॉल क्षेत्र के मुख्य पर्यटन केंद्रे में से एक है. वाटरफॉल का मजा लेने के लिए सालभर यहां पर्टयकों की भीड़ जमा रहती है. नए साल के आगमन पर यहां काफी भीड़ जमा होती है. रानी दहरा झरना छत्तीसगढ़ के सबसे सुंदर जलप्रपातों में से एक है.
गुल्लू झरना: जशपुर में गुल्लू का झरना है. अपने अनोखे नाम के अनुरुप ये झरना सबसे अलग है. बच्चों को ये झरना काफी पंसद आता है. यहां आने वाले पर्यटक हर साल यहां का ट्रिप लगाना नहीं भूलते हैं. अगर आप मैनपाट घूमने के लिए आते हैं तो फिर गुल्लू का झरना आपको जरुर देखना चाहिए. यहां की वादियां और झरना दोनों अपने आप में सुंदर है.
चर्रे-मर्रे झरना: कांकेर के अंतागढ़ में चार्रे मर्रे झरना है. ये घुमावदार झरना करीब 16 मीटर ऊंचा है. ऊंचाई से पानी गिरने के चलते इसकी सुंदरता देखते ही बनती है. जोगीधारा नदी से झरने में पानी आता है. जंगल के बीच बने इस झरने की सुंदरता अनोखी है. झरने से उठने वाली पानी की आवाजें अपने आप में अलग और सुकून देने वाली होती है.
हाजरा झरना: राजधानी रायपुर से करीब 22 किमी की दूरी पर हाजरा झरना है. शहर के कोलाहल से दूर हाजरा झरने की सुंदरता आपको रिफ्रेश कर देगी. यहां पर ऊंचे ऊंचे पहाड़ हैं. ऐसा लगेगा जैसे आप किसी घाटी में आ गए हों. झरने पर सालों पर पर्यटक आते हैं. सुरक्षा का भी यहां पर खास इंतजाम होता है. पिकनिक के मौसम में यहां काफी भीड़ होती है.
Sahadevmuda Waterfall: Mahadevmuda Waterfall is in Mainpat. It is counted among the beautiful places of Mainpat. The waterfall originates from Mahadev Muda River. The surrounding area is surrounded by dense forests. The water falling from this waterfall forms a pond where tourists sit and relax. This place is also called Tiger Point.
Kuenmari Waterfall: Kuenmari waterfall of Bastar is so beautiful that it captivates everyone. The beauty of this waterfall, located away from the noise of the city, is unmatched in itself. This is the best destination for tourists looking for peace. If you come to visit Bastar, then coming here will prove to be great for you.
Honhed Waterfall: Honhed waterfall is in Keshkal of Kondagaon district. It is a perennial waterfall situated amidst the forests. This waterfall is about one kilometer away from the Gram Panchayat Honhed. According to the local people, this waterfall can be developed as a tourist destination.
Ghatarani Jatamai Waterfall: Ghatarani Jatamai waterfall is 85 km from Raipur in Gariaband. There is a Mata Mandir near the waterfall. A large number of domestic and foreign tourists come here every year to see the temple and waterfall.
Chunagota Waterfall: Chunagota waterfall is present in Kauhapani village in Dongargarh block, about 80 km from Rajnandgaon. This waterfall is famous in the entire state for its beauty. A unique form of nature can be seen here during the rainy season. Water falling from a height of about 100 feet creates a very beautiful waterfall.
Mandawa Waterfall: Mandawa waterfall is in Jagdalpur. This waterfall is similar to the Tirathgarh waterfall in its beauty and is an exact copy of it. Water falls from a height of about 70 feet in Mandawa waterfall. After the water falls from the waterfall, it becomes about 200 feet wide in the valley.
Bain Waterfall: Bain waterfall is in Kunkuri of Jashpur. During the rainy season, when there is a flood of water, this waterfall is at its best. The sound of the waterfall in the silence of the night will scare you. People from nearby states also come to see the Bain waterfall built in the middle of the forests.
Tamra Ghumar Waterfall: Tamra Ghumar waterfall is a seasonal and natural waterfall located about 45 kilometers west of Jagdalpur in the Bastar district of the Indian state of Chhattisgarh. It is very close to Chitrakote and Mendri Ghumar waterfalls. Tourists coming to Chhattisgarh definitely visit this waterfall.
Rani Dahra Waterfall: Rani Dahra waterfall located in Bodla block of Kawardha is one of the main tourist centers of the area. Crowds of tourists gather here throughout the year to enjoy the waterfall. A huge crowd gathers here on the arrival of the New Year. Rani Dahra waterfall is one of the most beautiful waterfalls of Chhattisgarh.
Gullu waterfall: Gullu waterfall is in Jashpur. This waterfall is different from others as per its unique name. Children like this waterfall a lot. Tourists who come here do not forget to take a trip here every year. If you come to visit Mainpat, then you must see Gullu waterfall. Both the valleys and waterfalls here are beautiful in their own way.
Charre-Marre waterfall: Charre Marre waterfall is in Antagarh of Kanker. This winding waterfall is about 16 meters high. Its beauty is worth seeing due to the water falling from a height. Water comes to the waterfall from the Jogidhara river. The beauty of this waterfall built in the middle of the forest is unique. The sound of water rising from the waterfall is different and soothing in itself.
Hazra Falls: Hazra Falls is about 22 km away from the capital Raipur. The beauty of Hazra Falls away from the noise of the city will refresh you. There are high mountains here. It will feel as if you have come to a valley. Tourists come to the waterfall year after year. There are special security arrangements here. There is a lot of crowd here during the picnic season.
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