गिरीश जगत, गरियाबंद: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के देवभोग के नांगलदेही गांव में फ्लोरोसिस जैसी गंभीर बीमारी फैल गई है। जिसके कारण यहां के बच्चों के दांत पीले और बाल सफेद हो गए हैं। इसके कारण गांव के लड़के-लड़कियों की शादी तय नहीं हो पा रही है। इसे लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए स्वास्थ्य विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रवींद्र अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने जनहित याचिका के तौर पर मामले की सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने सरकार से पूछा है कि बीमारी की रोकथाम के लिए सरकार के स्तर पर क्या प्रयास किए जा रहे हैं। मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा 8 गुना ज्यादा
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: दरअसल, इस गांव में पीने के पानी में फ्लोराइड की मात्रा ज्यादा होने के कारण युवाओं से लेकर बच्चों तक को डेंटल फ्लोरोसिस नामक बीमारी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यहां के पानी में नमी 8 गुना ज्यादा है।
6 करोड़ की लागत से 40 गांवों में फिल्टर प्लांट
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: इस पर नियंत्रण के लिए जिले के 40 गांवों में 6 करोड़ की लागत से फिल्टर प्लांट लगाए गए थे, लेकिन कुछ ही महीनों में बंद हो गए। इसलिए हाईकोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के तौर पर सुनवाई शुरू कर दी है।
स्थानीय प्रशासन और शासन पर उठे सवाल
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: सोमवार को मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस की खंडपीठ ने की। खंडपीठ ने कहा कि रिपोर्ट से साफ है कि बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस से पीड़ित हैं। पानी में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 पीपीएम (पार्ट्स पर मिलियन) है। हालांकि, 2021 में कुछ गांवों में पानी की गुणवत्ता जांच में फ्लोराइड का स्तर 4 पीपीएम के आसपास पाया गया।
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: पानी में फ्लोराइड का उच्च स्तर स्केलेटल फ्लोरोसिस, गठिया, हड्डियों को नुकसान, ऑस्टियोपोरोसिस, मांसपेशियों को नुकसान, जोड़ों की समस्या, थकान, किडनी रोग और अन्य पुरानी बीमारियों का कारण बन सकता है।
न्यायालय ने जताई चिंता
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रभावित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों द्वारा कई प्रयासों के बावजूद राज्य के अधिकारी पानी से फ्लोराइड हटाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। न्यायालय ने इस मामले में स्थानीय प्रशासन और शासन की उदासीनता पर सवाल उठाते हुए चिंता जताई।
हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से मांगा जवाब
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: मामले की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पैरवी करते हुए महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कहा कि वे इस मामले में राज्य सरकार के विभागीय अधिकारियों से चर्चा करेंगे। साथ ही आवश्यक उपायों पर काम करेंगे। इस पर हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
2016 में मिली थी अधिक फ्लोराइड की जानकारी
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: देवभोग तहसील के 40 गांवों के लोग फ्लोराइड युक्त पानी पीने को विवश हैं। वर्ष 2016 में फ्लोराइड की पुष्टि हुई थी, लेकिन आज भी लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोगों के दांत पीले हो रहे हैं। हड्डियों से जुड़ी बीमारियां हो रही हैं।
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: नांगलदेही गांव के हर घर में इस बीमारी से पीड़ित लोग हैं। 5 साल के बच्चे से लेकर 55 साल के बुजुर्ग तक फ्लोराइड से प्रभावित हैं। ग्रामीणों का दावा है कि 700 की आबादी वाले गांव में 300 से ज्यादा लोग फ्लोरोसिस से पीड़ित हैं। 60 से ज्यादा लोगों को हड्डियों की समस्या है। हर साल 100 से ज्यादा स्कूली छात्र डेंटल फ्लोरोसिस से पीड़ित होते हैं।
40 प्लांट पर 7 करोड़ खर्च, 4 महीने में सभी बंद
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: स्कूलों में लगे जल स्रोतों की जांच में यह बात सामने आई। प्रशासन ने कार्ययोजना बनाकर सभी प्रभावित स्कूलों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने का निर्णय लिया था। 40 गांवों में 6 करोड़ की लागत से प्लांट लगाए गए, लेकिन कुछ ही महीनों में बंद हो गए।
हड्डियों को प्रभावित करता है फ्लोराइड
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: देवभोग अस्पताल में पदस्थ दंत रोग विशेषज्ञ डॉ. सनी यादव ने बताया कि यह लाइलाज बीमारी है। अगर समय रहते फ्लोराइड की मात्रा कम नहीं की गई तो फ्लोराइड हड्डियों को प्रभावित करता है। बाद में किडनी रोग, शरीर में अकड़न, बुखार जैसे लक्षण सामने आते हैं। बुजुर्गों में हड्डियों का टेढ़ा होना, कमरबंद भी फ्लोराइड की अधिक मात्रा के लक्षणों में शामिल हैं।
सी.एम.एच.ओ. और जिम्मेदारों ने पल्ला झाड़ लिया
Chhattisgarh Water Crisis Gariaband Fluorosis Victim Child Bilaspur: फ्लोराइड युक्त पानी से दांतों में पीलापन और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के बारे में जब गरियाबंद सी.एम.एच.ओ. गार्गी यदुपाल और जिम्मेदारों से बात की गई थी तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि मामला पी.एच.ई. का है। अब हाईकोर्ट के हस्तक्षेप के बाद सभी के कान खड़े हो गए हैं।
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