Chhattisgarh Revenue Minister Tankaram Verma accused of taking money for transfers: छत्तीसगढ़ सरकार ने गुरुवार को राजस्व विभाग के 169 अफसरों का तबादला कर दिया है। इसमें 55 तहसीलदार भी शामिल हैं। इसके बाद तहसीलदारों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। यह भी आरोप है कि जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस एसोसिएशन के अफसरों को टारगेट कर दूरस्थ स्थानों पर तबादला किया गया है।
सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे ने राजस्व मंत्री पर पैसे लेकर तबादला करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि तबादले में मापदंडों का पालन नहीं किया गया। यह सब राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा के बंगले से हो रहा है। उन्होंने कहा, तबादला आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
9 महीने में तीन बार महिला तहसीलदार का तबादला
महिला तहसीलदार का 9 महीने में 3 बार तबादला हो चुका है। पारिवारिक कारणों से जब उन्होंने तबादले के लिए आवेदन किया तो 15 लाख रुपए मांगे गए।
इसी तरह सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे का 2 साल में 6 बार तबादला हो चुका है। खास बात यह है कि उनका 4 महीने में 4 बार तबादला हो चुका है।
वहीं एक अन्य तहसीलदार ने कहा कि बस्तर संभाग में उन्हें 5 साल हो गए हैं। वे लगातार तीन साल से दुर्गम अनुसूचित क्षेत्र में पदस्थ हैं। तबादला सूची में उनका नाम था, लेकिन कल जारी आदेश में उनका नाम गायब है।
इसी तरह संघ के सचिव गुरुदत्त पंचभाई का महज 1 साल बाद दुर्ग से बलरामपुर तबादला कर दिया गया। प्रवक्ता पेखन टोंडरे, पदाधिकारी अंजलि शर्मा को धमतरी भेजा गया।
मंत्री जी तबादले के संबंध में कुछ नियम बताएं
सिमगा तहसीलदार जूनियर प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि मंत्री जी कुछ मापदंड बताएं कि 2 साल से ऊपर वालों का तबादला हुआ है या 3 साल से ऊपर वालों का। ट्रांसफर पोस्टिंग के संबंध में कुछ नियम तो होना चाहिए, मंत्री जी बताएं। उन्होंने कहा कि अगर शासन और प्रशासन ही नियम-कायदों का पालन नहीं करेगा तो यह बड़ी विडंबना है।
ऐसे में प्रदेश में सुशासन कैसे आएगा?
सुशासन सिर्फ नीति और नियम बनाने से नहीं आता, उसका पालन करने से आता है। लोग खुद को परेशान महसूस करने लगे नीलमणि दुबे ने कहा कि मेरा 2 साल में 6 बार तबादला हो चुका है। मेरा भी परिवार है, बच्चे हैं। हर व्यक्ति जिसका एक-दो साल के अंदर लगातार तबादला हुआ है, वह परेशान महसूस कर रहा है। यह कैसी नीति है, जो मंत्रियों को ट्रांसफर पोस्टिंग को धंधा बनाने पर मजबूर कर रही है।
हाईकोर्ट पहले ही तबादला सूची खारिज कर चुका है
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि हम हाईकोर्ट के माध्यम से अपनी बात रखेंगे। 3 महीने पहले 150 लोगों की सूची जारी की गई थी। हाईकोर्ट ने हमारी अपील पर उसे रद्द कर दिया। विधानसभा चुनाव से 2-3 महीने पहले लोगों का तबादला किया गया था। सरकार बदलते ही फिर से तबादला कर दिया गया।
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