Chhattisgarh Rajnandgaon ED Raid In Dongargarh Maa Bamleshwari Temple Trust: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में ईडी ने छापा मारा है। मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और डोंगरगढ़ चावल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर पर सुबह 5 बजे से कार्रवाई चल रही है। बताया जा रहा है कि टीम 2 अलग-अलग वाहनों में अग्रवाल के घर पहुंची है।
Chhattisgarh Rajnandgaon ED Raid In Dongargarh Maa Bamleshwari Temple Trust: घर में दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। कस्टम मिलिंग घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने यह कार्रवाई की है। डोंगरगढ़ के अलावा रायपुर के खम्हारडीह इलाके में भी यह कार्रवाई चल रही है।
कमीशन को लेकर ईडी कर रही पूछताछ
Chhattisgarh Rajnandgaon ED Raid In Dongargarh Maa Bamleshwari Temple Trust: ईडी का आरोप है कि मार्कफेड के अधिकारियों और स्टेट राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर कस्टम मिलिंग घोटाले को अंजाम दिया है। इसके लिए अधिकारियों और मिलर्स ने विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग किया है। करोड़ों की रिश्वत कमाने की साजिश रची गई है।
दो साल से चल रहा था खेल
कारोबारियों के मुताबिक मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और उनके साथियों का खेल दो साल से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मोर्कफेड और छत्तीसगढ़ राज्य मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे।
आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटे धान को पतला करने, पतले धान को मोटा करने, एफसीआई को नान में बदलने के लिए पैसे लिए गए। ऐसे बनाया गया था वसूली का सिस्टम ईडी की जांच में पाया गया कि मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से तत्कालीन जिला विपणन अधिकारी प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को निर्देश दिया था।
कहा गया था कि केवल उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दी है। किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के माध्यम से मिली। जिन मिलर्स की जानकारी रोशन चंद्राकर ने प्रीतिका को दी, उन्हें भुगतान कर दिया गया और बाकी मिलर्स की राशि रोक दी गई।
कस्टम मिलिंग मामले में भ्रष्टाचार की जांच और मनोज सोनी की गिरफ्तारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने राइस मिलर्स को समन जारी किया है। वहीं एसोसिएशन से जुड़े कई लोगों ने ईडी दफ्तर पहुंचकर अपने बयान दर्ज कराए हैं। ईडी जल्द ही उन अधिकारियों और एसोसिएशन से जुड़े लोगों को गिरफ्तार कर सकती है जो जांच में सहयोग नहीं करते हैं और समन के बाद भी पेश नहीं होते हैं।
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