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नप गए छात्राओं को जेल भेजने की धमकी देने वाले DEO: छत्तीसगढ़ में शिक्षक की मांग पर की थी बदसलूकी, आवेदन देखकर भड़के थे

Chhattisgarh Rajnandgaon DEO Abhay Jaiswal transferred: छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में शिकायत लेकर पहुंची छात्राओं को जेल भेजने की धमकी देने वाले डीईओ (जिला शिक्षा अधिकारी) अभय जायसवाल को हटा दिया गया है। स्कूली बच्चों से बदसलूकी के आरोपों के चलते उन्हें नवा रायपुर के इंद्रावती भवन स्थित लोक शिक्षण संचालनालय में सहायक संचालक के पद पर पदस्थ किया गया है।

राजनांदगांव के सहायक संचालक आदित्य खरे को जिला शिक्षा अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। वे अपने वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ यह नई जिम्मेदारी भी संभालेंगे। गुरुवार को स्कूल शिक्षा विभाग महानदी भवन मंत्रालय नवा रायपुर से आदेश जारी हुआ है।

दरअसल, डोंगरगढ़ के एक सरकारी स्कूल की छात्राओं का रोते हुए एक वीडियो भी आया था। इसमें छात्राओं ने बताया कि डीईओ ने उनसे कहा-आपको आवेदन इस तरह लिखने को किसने कहा? फिर धमकाकर भगा दिया।

पिछले 4 दिनों में शिक्षक की बदसलूकी के कई मामले सामने आ चुके हैं। बलरामपुर और जांजगीर-चांपा में भी शिक्षकों ने छात्राओं से बदसलूकी की थी। बलरामपुर में जब छात्रों ने पानी की समस्या की शिकायत की तो उन्हें नाले का पानी और पेशाब पीने को कहा गया। वहीं जांजगीर-चांपा में शिक्षक की पिटाई से एक छात्र के कान का पर्दा फट गया। पुलिस ने शिक्षक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।

DEO पर छात्राओं के आरोप और क्या लिखा है ऐप्लीकेशन में ?

छात्रा आरती साहू ने बताया था कि, DEO अभय जायसवाल सर ऐप्लीकेशन देखकर भड़क गए। उन्होंने कहा, ये चिट्ठी लिखना किसने सिखा दिया। इसके लिए जिंदगी भर जेल की हवा खाओगी। इसके बाद हम लोगों को चैंबर से बाहर निकाल दिया।

छात्रा ने बताया कि, पिछले साल भी बिना टीचर के पास हुए हैं। अब बोर्ड परीक्षा है, कैसे एग्जाम देंगे। ऐप्लीकेशन में स्कूली बच्चों लिखा है- ‘3 दिन के अंदर शिक्षक व्यवस्था नहीं करने पर स्कूल में धरना प्रदर्शन करेंगे। स्कूल में ताला जड़ देंगे।’

DEO के पास क्यों गए स्टूडेंट्स ?

दरअसल, डोंगरगढ़ के आलिवारा हायर सेकेंडरी स्कूल में 11वीं और 12वीं क्लास में पढ़ाने के लिए टीचर नहीं हैं। जबकि 9वीं-10वीं में 110 और 11वीं-12वीं में 56 छात्र हैं। ऐसे में आवेदन लेकर छात्र-छात्राएं कलेक्टर के जनदर्शन कार्यक्रम में पहुंची थी। वहां से कलेक्टर ने छात्र-छात्राओं को DEO के पास भेज दिया था।

वहीं बच्चों के अभिभावकों का कहना है कि, पिछले 2 साल से स्कूल में टीचर नहीं हैं, जिसके कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। हाईस्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे हैं, लेकिन कई विषय के टीचर नहीं हैं। कलेक्टर ने 2 दिन में व्यवस्था करने का आश्वासन दिया है।

अब जानिए DEO ने क्या कहा था ?

इस मामले में DEO अभय जायसवाल ने कहा था कि, स्कूल में तालाबंदी की बात आवेदन में लिखी थी। मैंने बच्चों को समझाने की कोशिश की। स्कूल में तालाबंदी कानून के खिलाफ है। ऐसा करने पर आपके पालकों को परेशानी हो सकती है, लेकिन छात्राओं ने गलत ढंग से ले लिया। मैं खुद उनसे मिलूंगा और समझाउंगा। बच्चे हमारे हैं।

जानकारी के मुताबिक, स्कूल में 10 शिक्षकों की जरूरत है, जबकि 5 ही हैं। 5 शिक्षकों को पोस्ट खाली है। जो शिक्षक हैं, वे भी 9वीं से 10वीं तक के छात्र-छात्राओं को पढ़ाते हैं। वहीं 11वीं और 12वीं क्लास के एक भी शिक्षक नहीं हैं।

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