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सरकारी जमीन पर रसूखदारों का कब्जा: जमीन एलॉट करने में लग गए एक महीने, अफसर की भी संलिप्ता, क्या राजिम में बन जाएगा बस स्टैंड ?

गिरीश जगत, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र में राजिम विधायक रोहित साहू की मांग पर नगरीय प्रशासन मंत्री अरुण साव ने राजिम में सर्व सुविधा युक्त बस स्टैंड की मंजूरी का ऐलान कर दिया था। इसके साथ ही जिला प्रशासन को जमीन एलॉट करने का निर्देश भी जारी कर दिया।

राजस्व रिकार्ड देखा गया, जिसमें राजिम गरियाबंद मार्ग पर नेशनल हाइवे से लगे 799/6 में 117 एकड़ सरकारी जमीन दिखी, लेकिन मौके की जांच हुई तो जमीन के बड़े हिस्से में राजनीतिक रसूखदारों का कब्जा नजर आया।

काफी जद्दोजहद और कई दौर के माप के बाद फिलहाल बस स्टैंड के लिए जिला प्रशासन ने खसरा 799/6 में 1.32 हेक्टेयर भूमि को राजिम पालिका सीएमओ को अग्रिम अधिपत्य में दिया गया। यह कार्रवाई 10 सितंबर को की गई।

अपर कलेक्टर अरविंद पांडेय ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि फिलहाल 1.32 हेक्टेयर जमीन दे दी गई है, ताकि काम शुरू हो सके। काबिज रकबे के सवाल पर पांडेय ने न्यायालयीन मामला बताकर इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है।

जांच हुई तो आंच दूर तक आएगी

पिछली सरकार ने भी बस स्टैंड के लिए 2 करोड़ की मंजूरी दी थी, लेकिन उस समय जमीन आवंटन नहीं किया जा सका। सूत्र बताते हैं कि सरकारी जमीन के ज्यादातर हिस्से में कांग्रेस के प्रभावशाली नेताओं का कब्जा है।

कुछ भाजपाई नेताओं के नाम भी इसमें शामिल हैं, लेकिन इस बार स्थानीय जन प्रतिनिधि और प्रशासन के संयुक्त प्रयास होने के कारण बस स्टेंड के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया सफल हुआ।

इसके साथ ही राजिम के सरकारी जमीन पर गलत तरीके से चढ़ाए गए कब्जे की भी जांच शुरू हो गई है। बताया जाता है कि भूमि में कब्जा के बाद बंटाकन जैसे महत्वपूर्ण कार्य सालों से लंबित पड़ा था।

15 से ज्यादा तहसीलदार राजिम तहसील की कुर्सी पर बैठे पर किसी ने हिम्मत नहीं जुटाई थी, लेकिन अब अचानक दर्ज करने की कार्रवाई में आई तेजी पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इसकी भी सूक्ष्मता से जांच शुरू हो गई है, जिसके आंच का देर सबेर मिलीभगत करने वालों को भुगतना पड़ेगा।

विधायक बोले राजिम के विकास में बाधा किसी को नहीं बनने देंगे

बस स्टैंड को लेकर राजिम विधायक रोहित साहू शुरू से ही प्रयासरत हैं। विधायक ने विधानसभा में कहा था कि राजिम को प्रयाग कहा जाता है। कुंभ का दर्जा मिला है। सैकडों लोगों की आवाजाही भी रोजाना होती है, लेकिन बस स्टैंड के अभाव महिला यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

रोहित साहू ने कहा कि सर्व सुविधा युक्त बस स्टेंड बनाने में कोई भी रोड़ा आए जनता उसको बर्दाश्त नहीं करेगी। प्रशासन अपना काम शुरू कर दिया है। बहुत जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम आएंगे। सरकारी जमीन मुक्त हुई तो जनता की प्राथमिकता के आधार पर और भी विकास कार्य कराए जा सकेंगे।

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