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छत्तीसगढ़ में राम के दर पर सरकारी टीचर: नौकरी बचाने शिक्षकों ने राम मंदिर में लगाई गुहार, पुलिस ने कहा- बिना परमिशन कुछ भी करोगे ?

Chhattisgarh Raipur Teachers Come To Protest: छत्तीसगढ़ में सहायक शिक्षकों का मानना ​​है कि उनकी नौकरी खतरे में है। इसे लेकर वे रविवार को रायपुर के राम मंदिर पहुंचे। सहायक शिक्षक अपनी नौकरी बचाने की गुहार लेकर यहां पहुंचे थे। हालांकि दोपहर में मंदिर बंद होने के कारण शिक्षकों ने मंदिर परिसर के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया।

इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस ने सभी शिक्षकों को फटकार लगाई और उन्हें रोक दिया। एक पुलिसकर्मी ने कहा, “मैं तुम्हें जबरदस्ती ले जाऊंगा, तुम समझ जाओगे। मैं प्यार से समझा रहा हूं, शिक्षक होने का मतलब यह नहीं है कि तुम बिना अनुमति के कुछ भी कर सकते हो।”

शिक्षकों ने कहा- हमारी नौकरी कभी भी जा सकती है

उदयपुर ब्लॉक सरगुजा के सहायक शिक्षक अभिषेक दास महंत ने बताया कि 10 दिसंबर को कोर्ट की अवमानना ​​की सुनवाई होने वाली है। इसमें कोर्ट ने सरकार को डीएड धारकों की सूची जारी करने का आदेश दिया था।

2900 बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षक पिछले 14 महीने से काम कर रहे हैं। हम सभी इस बात से डरे हुए हैं कि हमारी नौकरी कभी भी जा सकती है। हम अपनी नौकरी सुरक्षित करने के लिए मंत्रियों से मिल चुके हैं। सरकार की ओर से हमें कोई आश्वासन नहीं मिला है।

यह नौकरी ही आजीविका का एकमात्र साधन है

मोहला ब्लॉक में रहने वाली सहायक शिक्षिका इमेश्वरी कंवर ने बताया कि वह बस्तर के फरसगांव में पढ़ाती हैं। उनके परिवार में वह अकेली हैं जो नौकरी करती हैं। उनके सास-ससुर और एक बच्चा है, परिवार चलाने के लिए यही उनकी आजीविका का एकमात्र साधन है।

इमेश्वरी ने बताया कि अब हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार हमें अपनी सेवा असुरक्षित लग रही है। हम भगवान के साथ-साथ सरकार से भी गुहार लगा रहे हैं कि हमारी सेवा सुरक्षित रखें, हमें उचित समायोजन दें। हमें बेरोजगार न करें।

सुप्रीम कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा

दरअसल, छत्तीसगढ़ के प्राथमिक स्कूलों में नियुक्त 6285 बीएड डिग्रीधारकों की नियुक्ति रद्द की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने भी नियुक्ति रद्द करने के हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। इसमें कहा गया है कि वे प्राथमिक स्कूलों में भर्ती के हकदार नहीं हैं।

वर्ष 2023 में राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार करते हुए प्राथमिक स्कूलों में बीएड डिग्रीधारियों की नियुक्ति की थी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा था कि 11 अगस्त के फैसले के बाद बीएड डिग्रीधारियों को प्राथमिक स्कूलों के पद पर नियुक्त नहीं किया जा सकता। इसके बाद भी छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र राज्य है, जहां बीएड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है।

हाईकोर्ट ने नियुक्तियां रद्द करने का आदेश दिया

राज्य सरकार की इन नियुक्तियों को चुनौती देते हुए डिप्लोमाधारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद बीएड डिग्रीधारियों को सहायक शिक्षक के पद पर नियुक्त किया गया है, जो अवैधानिक है।

विभाग की ओर से पहला नियुक्ति पत्र 20 सितंबर 2023 के बाद दिया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 11 अगस्त को अपना फैसला सुनाया था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सहायक शिक्षक के पद पर सिर्फ डिप्लोमाधारियों का ही अधिकार है। इसमें बीएडधारी अवैधानिक तरीके से काम कर रहे हैं।

Chhattisgarh Raipur Teachers Come To Protest: हाईकोर्ट ने इस मामले में 2 अप्रैल को सुनवाई की थी। इसके बाद 6 सप्ताह के भीतर बीएड डिग्रीधारकों को सहायक अध्यापक पद से हटाने का आदेश दिया है।

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