
Chhattisgarh Raipur sacked B.Ed teachers prostrated themselves: छत्तीसगढ़ में बर्खास्त बीएड सहायक शिक्षक रायपुर के माना में अर्धनग्न होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे पहले रविवार को उन्होंने 5 किलोमीटर लंबी दंडवत यात्रा निकाली, जिसमें माना चौक से शदाणी दरबार तक सड़कों पर लेटकर विरोध जताया। आज आंदोलन का 27वां दिन है। इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लिखा कि युवा साथियों, कांग्रेस पार्टी आपके साथ है। डरो मत, झुको मत।
इस ट्वीट के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी बीएड सहायक शिक्षकों के समर्थन में उतर आई हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि भाजपा देशभर में युवाओं को अंधकार में धकेल रही है। भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया प्रियंका गांधी ने लिखा कि छत्तीसगढ़ का यह वीडियो देश के युवाओं की दुर्दशा का एक छोटा सा उदाहरण है। राज्य में 33 हजार शिक्षकों के पद खाली पड़े हैं।
1 लाख नौकरी देने का वादा करने वाली भाजपा सरकार ने 3 हजार शिक्षकों को नौकरी से निकाल दिया। उन्होंने लिखा कि ये लड़कियां कड़ाके की ठंड में सड़क पर लेटकर विरोध कर रही हैं, नौकरी की गुहार लगा रही हैं। आज उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ समेत हर राज्य के युवा भाजपा के भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। वे 27वें दिन भी अर्धनग्न होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने कहा- परिवारों के भविष्य पर गंभीर संकट
सोमवार को प्रदर्शनकारियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षक असमंजस और अनिश्चितता से गुजर रहे हैं। वर्ष 2023 में लोक शिक्षण संचालनालय के विज्ञापन (दिनांक 4 मई 2023) के तहत सहायक शिक्षक के पद पर हमारा चयन हुआ था, लेकिन हाईकोर्ट के आदेश के बाद 30 दिसंबर 2024 से सेवा समाप्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
इससे करीब 2,897 सहायक शिक्षकों और उनके परिवारों का भविष्य गंभीर खतरे में पड़ गया है। प्रदर्शनकारी शिक्षकों ने कहा कि क्या यही हमारा सम्मान है? हमने कठिन परिस्थितियों और दुर्गम क्षेत्र से मेहनत करके मुख्यधारा से जुड़कर यह सेवा पाई है, लेकिन आज हम सड़क पर न्याय की गुहार लगा रहे हैं।
रविवार को निकाली गई थी दंडवत यात्रा
रविवार देर रात आदिवासी महिला शिक्षिकाओं और सहायक शिक्षिकाओं ने सड़कों पर 5 किलोमीटर लंबी दंडवत यात्रा निकाली। यह यात्रा रायपुर के माना चौक से शुरू हुई और शदाणी दरबार तक सड़कों पर लेटकर समाप्त हुई। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दंडवत यात्रा सरकार का ध्यान अपनी मांगों की ओर आकर्षित करने के लिए निकाली गई है।
टूटा धरना स्थल पर धरना दे रहे शिक्षक
गौरतलब है कि नौकरी की सुरक्षा और समायोजन की मांग को लेकर बर्खास्त बीएड सहायक शिक्षक 14 दिसंबर को अंबिकापुर से अनुनय यात्रा निकालकर रायपुर पहुंचे थे और 19 दिसंबर से नवा रायपुर के टूटा धरना स्थल पर धरना दे रहे हैं।
सरकार ने समिति बनाई, लेकिन कोई निर्णय नहीं
बीएड सहायक शिक्षकों ने कहा कि बर्खास्त शिक्षकों की मांगों को लेकर सरकार ने समिति जरूर बनाई है, लेकिन यह समिति कब तक निर्णय लेगी। इसके लिए कोई तिथि तय नहीं की गई है। पिछले एक महीने से हम शिक्षकों का सामूहिक मुंडन, जल सत्याग्रह, गौ सेवा और एनसीटीई की शव यात्रा जैसे विभिन्न प्रकार के प्रदर्शन कर सरकार और प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचा चुके हैं।
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