Chhattisgarh Raipur Brijmohan Agarwal Resignation Update: 35 साल तक विधानसभा के सदस्य रहे भाजपा के दिग्गज नेता और वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। अब वे सांसद के तौर पर रायपुर लोकसभा का प्रतिनिधित्व करेंगे। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा। विधायक पद छोड़ने के बाद बृजमोहन अग्रवाल काफी भावुक हो गए।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि समय से पहले और किस्मत से ज्यादा किसी को कुछ नहीं मिलता। बृजमोहन ने कहा कि वे लगातार छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य रहे हैं। भाजपा और रायपुर की जनता ने उन्हें लोकसभा में भेजा है और कोई भी इन दोनों सदनों में से किसी का भी सदस्य हो सकता है। उन्होंने कहा कि मैंने पिछले 35 सालों में छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभा में 2000 से ज्यादा विधायकों के साथ काम किया है। अब मैं देश की सबसे बड़ी पंचायत में जनता की बात रखूंगा।
उनका मोहन उनके लिए वैसे ही काम करता रहेगा
बृजमोहन ने कहा कि मैं प्रदेश की जनता और कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि उनका मोहन उनके लिए इसी तरह काम करता रहेगा। उन्होंने कहा कि इन 35 वर्षों में विधानसभा में कार्य करते हुए मेरे व्यवहार, मेरे काम या मेरे कृत्य से यदि किसी को ठेस पहुंची हो तो मैं क्षमा मांगता हूं और नई पारी की शुरुआत के लिए सभी के प्यार, आशीर्वाद और स्नेह की अपेक्षा करता हूं। उन्होंने कहा कि देश की सबसे बड़ी पंचायत में मैं जो काम करने जा रहा हूं, उसके लिए सभी की शुभकामनाओं की अपेक्षा करता हूं।
मुझे कोई पछतावा नहीं
बृजमोहन ने कहा कि मुझे कोई पछतावा नहीं है। क्योंकि भाजपा ने मुझे आठ बार विधायक बनाया। रायपुर की जनता ने मुझे आठ बार जिताया। आठवीं बार मैंने छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा वोटों से जिताकर विधायक बनाया। वहीं लोकसभा में सबसे ज्यादा वोटों से जीतकर देश के टॉप टेन में स्थान दिलाया। जनता का प्यार, स्नेह, आशीर्वाद, स्नेह और लगाव मुझे ऐसे ही मिलता रहे।
बृजमोहन ने सचिव को भेजी ट्रांसफर फाइल
बृजमोहन अग्रवाल ने विधायक पद से इस्तीफा देकर सांसद पद बरकरार रखने का निर्णय लिया है। वे शिक्षा मंत्री के पद पर काम करते रहेंगे। इसीलिए उन्होंने हाल ही में शिक्षा विभाग के सैकड़ों कर्मचारियों के तबादले की फाइल सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी को भेजी है। तबादला सूची में प्राचार्यों और व्याख्याताओं समेत हर स्तर के कर्मचारियों के नाम हैं। यह फाइल पिछले सप्ताह भेजी गई थी। माना जा रहा है कि इसे मंजूरी के लिए सीएम विष्णुदेव साय के पास भेजा जा सकता है। चुनाव आचार संहिता लगने के कारण यह तबादला सूची अटकी हुई थी। विधायक पद छोड़कर मंत्री बनने वाले वे संभवतः पहले सांसद हो सकते हैं।
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