1 लाख कमीशन का लालच देकर 2800 करोड़ ठगे: ‘बाइक बोट स्कीम’ चलाने पैसे इन्वेस्ट कराए, जानिए कैसे की ठगी

Chhattisgarh Raipur Bike Boat Scheme Fraud Update: देशभर में चर्चित ‘बाइक बोट स्कीम’ घोटाले मामले में राजस्थान की जेल से पुलिस ने 3 आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर रायपुर लेकर लाई है। आरोपियों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में 2800 करोड़ रुपए की रिकवरी कर ठगी की गई है। जिसमें ED ने भी आरोपियों की संपत्ति को अटैच किया है। 1 लाख कमीशन देने का लालच देकर लोगों से पैसे इन्वेस्ट कराए थे।
दरअसल, इस मामले में साल 2019 में सिविल लाइन में एक एफआईआर दर्ज हुई थी। बिरगांव निवासी पीड़ित अखिल कुमार बिसोई (36) ने बताया कि, यूपी के मेसर्स गर्वित इनोवेटिव प्रमोटर्स लिमिटेड के डायरेक्टर और मालिक संजय भाटी, सचिन भाटी और अन्य लोगों ने बाइक बोट स्कीम चलाई थी।
इसमें एक बाइक के लिए 62,100 रुपए जमा कराकर फायदे के रूप में प्रति बाइक में हर महीने 9,765 रुपए देने का झांसा दिया गया। इस तरह देशभर के लोगों से करोड़ों रुपए वसूल किए गए।

इन राज्यों में दर्ज है केस
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के खिलाफ उत्तरप्रदेश में 150, राजस्थान में 50, मध्यप्रदेश में 6, गुजरात, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, नागपुर महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश और अन्य राज्यों में केस दर्ज है। आरोपियों को राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद यह भरतपुर सेंट्रल जेल में बंद थे।
अब आरोपियों को प्रोडक्शन वारंट पर पुलिस रायपुर लेकर आई है। आरोपी संजय भाटी के खिलाफ 1500 से अधिक धारा 138 एन.आई.ए. एक्ट के तहत हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और उत्तरप्रदेश में मामले दर्ज है। ये धारा चेक बाउंस से जुड़ी है।
ये आरोपी गिरफ्तार
संजय भाटी पिता रतन सिंह भाटी (51) पता गौतमबुद्ध नगर, उ.प्र।
करणपाल सिंह पिता केहरी सिंह (57) पता जिला मेरठ उत्तरप्रदेश।
राजेश भारद्वाज पिता शंकरलाल पता (58) पता जिला बुलंदशहर उत्तरप्रदेश।
कैसे झांसे में लिया गया
इन शातिर ठगों ने गर्वित इनोवेटिव प्रोमोटर्स प्रा. लि. (जीआईपीएल) के डायरेक्टर बनकर लोगों को विश्वास में लेकर ओला, उबर की तरफ से बाइक बोट के नाम से कंपनी खोल ली। इसमें चेन सिस्टम से लोगों को हर महीने कमीशन कमाने के लालच दिया और कंपनी में करोड़ों रुपए की रकम निवेश करवा ली।

पेशे से केमिकल इंजीनियर है गैंग का मास्टरमाइंड
जयपुर पुलिस कमिश्नरेट में डीसीपी (साउथ) हरेंद्र महावर के मुताबिक, गिरफ्तार मुख्य आरोपी संजय भाटी पेशे से केमिकल इंजीनियर है। जिसने गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, काशीपुर उत्तराखंड से केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। ये कई कंपनियों का संचालन कर रहा था।
बाइक बोट स्कीम में 1 लाख कमीशन का लालच
आरोपी संजय भाटी ने बाइक बोट स्कीम में एक व्यक्ति से करीब 65 हजार रुपए की बाइक के नाम से निवेश कराया। जिसमें हर महीने 9000 रुपए और साल में 1,08,000 रुपए का कमीशन कमाने का लुभावना लालच देकर ठगी को अंजाम दिया।
आरोपी के कम्पनी में करीब 12,000 कर्मचारी काम करते थे। करीब 10,000 से अधिक बाइक टैक्सी संचालित कर रखी थी। आरोपी ने कई राज्यों के करीब 1,50,000 व्यक्तियों के साथ ठगी की वारदातों को अंजाम दिया है। नवंबर-दिसंबर 2018 को कंपनी ने किस्त देना बंद किया तो निवेशक सामने आए। शिकायत दर्ज कराई थी।
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