Chhattisgarh politics Brijmohan Agarwal Kawasi Lakhma statement: रायपुर से सांसद चुने गए बृजमोहन अग्रवाल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। अब इसे लेकर कांग्रेस ने उन पर तंज कसा है। पूर्व मंत्री और कोंटा विधायक कवासी लखमा ने कहा कि बृजमोहन खुद को छत्तीसगढ़ का डॉन समझते थे, लेकिन अब वे बिल्ली बन गए हैं। कवासी लखमा शुक्रवार को रायपुर पहुंचे। इसके बाद वे पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बलौदाबाजार के लिए रवाना हो गए।
कवासी लखमा ने कहा कि विष्णुदेव सरकार उन्हें कहीं का नहीं छोड़ने वाली है, वे न विधायक बन पाएंगे और न ही सांसद। उन्होंने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल अब न इधर के रहे, न उधर के। हम शुरू से देख रहे थे कि छत्तीसगढ़ से सबसे पहले बृजमोहन अग्रवाल का नाम चर्चा में था। भाजपा के घर में लड़ाई चल रही है। दिल्ली से जो आदेश आ रहा है, वही काम हो रहा है।
बृजमोहन को अपना भविष्य खुद तय करना चाहिए
इससे पहले पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने भी सांसद पर तंज कसते हुए कहा था कि बृजमोहन अग्रवाल को अपना भविष्य खुद तय करना चाहिए। भाजपा ने उनकी उपेक्षा की है। उन्हें उठाकर अलग रख दिया गया है। बृजमोहन अग्रवाल असल में किस पद से इस्तीफा देना चाहते हैं, यह उनके इस्तीफा देने के बाद ही पता चलेगा।
डहरिया ने कहा था कि, मुझे जानकारी मिली है कि बृजमोहन अग्रवाल बहुत दुखी हैं। मुझे नहीं पता कि वे विधानसभा से इस्तीफा देते हैं या नहीं। पहले उन्हें इस्तीफा देना चाहिए, फिर पता चलेगा कि वह सीट खाली है या नहीं।
केंद्रीय मंत्रिमंडल के लिए सबसे चर्चित नाम हैं बृजमोहन
दरअसल, लोकसभा चुनाव में राज्य के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर से रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की है। इसके बाद से ही उन्हें मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिलने के कयास लगाए जा रहे थे। इसकी मुख्य वजह पार्टी में उनकी वरिष्ठता के साथ-साथ अनुभव भी था।
बृजमोहन अग्रवाल 40 साल से विधायक हैं। वे प्रदेश भाजपा के चर्चित चेहरों में से एक हैं, लेकिन सामाजिक और जातिगत समीकरणों को देखते हुए उन्हें जगह नहीं मिल पाई। इस बार भी छत्तीसगढ़ से सिर्फ एक सांसद को ही केंद्र में जगह मिली है। जातिगत समीकरणों को देखते हुए बिलासपुर के सांसद तोखन साहू को केंद्र में राज्य मंत्री बनाया गया है।
Read more- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS