
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल के बेटे पलाश चंदेल को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस राकेश मोहन पांडे ने दुष्कर्म और गर्भपात के आरोपों और पुलिस एफआईआर को खारिज करते हुए महिला को आरोपों से बरी कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि 27 साल का अविवाहित युवक 37 साल की शादीशुदा महिला को कैसे धोखा दे सकता है ?
हाई कोर्ट ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया
सुनवाई के दौरान पलाश के वकील हरि अग्रवाल ने हाई कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की। साथ ही एफआईआर को झूठा बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की। दलील दी गई कि महिला शादीशुदा है, जिसकी जानकारी आरोपी पलाश को थी। इसके बाद भी वह किसी शादीशुदा महिला को शादी का झांसा कैसे दे सकता है ?
जो कुछ हुआ सहमति से हुआ
उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि महिला की सहमति से ही दोनों के बीच तीन साल तक दोस्ती थी। इस दौरान जो कुछ भी हुआ, उसमें महिला की पूरी सहमति थी। महिला ने यह भी कहा है कि गर्भपात उसकी सहमति के बिना किया गया, जो संभव नहीं है।
स्कूल टीचर ने की थी शिकायत
जांजगीर-चांपा जिले की रहने वाली शिकायतकर्ता स्कूल टीचर ने बताया था कि 2018 में फेसबुक के जरिए पलाश से उसकी दोस्ती हुई थी। इसके बाद पलाश ने शादी का झांसा देकर लंबे समय तक उसका शारीरिक शोषण किया। महिला ने बताया कि लगातार शारीरिक शोषण के कारण वह 2021 में गर्भवती हो गई, लेकिन पलाश ने धोखे से उसे खाने में गर्भपात की गोलियां दे दीं।
रायपुर में एफआईआर दर्ज कराई गई
महिला का आरोप है कि पलाश उसके साथ मारपीट करता था। वह अपने पिता नारायण चंदेल को अपने रुतबे का डर दिखाकर धमकाता था। वह नौकरी से निकलवाने की धमकी भी देता था। परेशान होकर लड़की ने अनुसूचित जनजाति आयोग, राज्य महिला आयोग और रायपुर के महिला थाने में शिकायत की थी। जिसके बाद रेप और एट्रोसिटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
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