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Chhattisgarh: नक्सलियों का आज बंद, वाहनों के थमे पहिये, अंदरूनी इलाकों में सन्नाटा, मोबाइल टावर में आगजनी

नक्सलियों के बंद के चलते अंदरूनी इलाकों में पसरा सन्नाटा और बंद दुकानें।

नक्सलियों के बंद के चलते अंदरूनी इलाकों में पसरा सन्नाटा और बंद दुकानें।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर इलाकों में नक्सलियों ने मंगलवार को बंद बुलाया है। इस बंद का असर कांकेर के साथ-साथ कोंडगांव और नारायणपुर में देखने को मिल रहा है। अंदरूनी इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानें बंद हैं। नक्सलियों के डर से यात्री बसों के पहिये थमे हुए हैं। खदानों से भी वाहन बाहर नहीं निकल रहे हैं। इस बीच देर रात फिर नक्सलियों ने तीन जगह मोबाइल टावर में आग लगा दी है। फिलहाल नक्सलियों के इस बंद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 

यह भी पढ़ें…Chhattisgarh: नक्सलियों का 12 घंटे उत्पात, बस-मोबाइल टावर जलाया, कल कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव बंद बुलाया

दरअसल, नक्सली अपने लीडर दर्शन पद्दा और जागेश को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने का आरोप लगा रहे हैं। इसके विरोध में नक्सलियों ने एक दिन पहले ही पोस्टर-बैनर लगाकर बंद का आह्वान किया था। हालांकि नक्सलियों का उत्पात 20 नवंबर से ही जारी हो गया था। इस दौरान नक्सलियों ने यात्री बस सहित कई मोबाइल टावर में आग लगा दी थी। नक्सली अगले दिन सुबह करीब 12 घंटे तक उत्पात मचाते रहे थे। इस दौरान आकमेता में एक मोबाइल टावर बम से उड़ा दिया। वहीं कोयलीबेडा में जेसीबी और ट्रैक्टर को भी जला दिया था। 

नक्सलियों ने फिर मोबाइल टावर को देर रात निशाना बनाया है। सोमवार रात करीब 3 बजे चिंताभाट और भैसासुर थाना क्षेत्र, सिकोड और सरांडी क्षेत्र के तोडोकी में जिओ के तीन मोबाइल टावर में आग लगाई है। आगजनी से टावर में लगी मशीन और बॉक्स जल गए हैं। इसके अलावा नक्सलियों ने अंतागढ़-नारायणपुर मार्ग, अंतागढ़-आमाबेड़ा मार्ग को पेड़ गिराकर बंद कर रखा है। नक्सलियों के उत्पात और बंद को देखते हुए खदान से भी वाहन नहीं निकल रहे हैं। अंतागढ़, कोयलीबेड़ा, पखांजूर, बांदे जाने वाली सभी यात्री बसों को भानुप्रतापपुर में ही रोक दिया गया है। 

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छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर इलाकों में नक्सलियों ने मंगलवार को बंद बुलाया है। इस बंद का असर कांकेर के साथ-साथ कोंडगांव और नारायणपुर में देखने को मिल रहा है। अंदरूनी इलाकों में सन्नाटा पसरा हुआ है। दुकानें बंद हैं। नक्सलियों के डर से यात्री बसों के पहिये थमे हुए हैं। खदानों से भी वाहन बाहर नहीं निकल रहे हैं। इस बीच देर रात फिर नक्सलियों ने तीन जगह मोबाइल टावर में आग लगा दी है। फिलहाल नक्सलियों के इस बंद को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। 

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दरअसल, नक्सली अपने लीडर दर्शन पद्दा और जागेश को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने का आरोप लगा रहे हैं। इसके विरोध में नक्सलियों ने एक दिन पहले ही पोस्टर-बैनर लगाकर बंद का आह्वान किया था। हालांकि नक्सलियों का उत्पात 20 नवंबर से ही जारी हो गया था। इस दौरान नक्सलियों ने यात्री बस सहित कई मोबाइल टावर में आग लगा दी थी। नक्सली अगले दिन सुबह करीब 12 घंटे तक उत्पात मचाते रहे थे। इस दौरान आकमेता में एक मोबाइल टावर बम से उड़ा दिया। वहीं कोयलीबेडा में जेसीबी और ट्रैक्टर को भी जला दिया था। 

नक्सलियों ने फिर मोबाइल टावर को देर रात निशाना बनाया है। सोमवार रात करीब 3 बजे चिंताभाट और भैसासुर थाना क्षेत्र, सिकोड और सरांडी क्षेत्र के तोडोकी में जिओ के तीन मोबाइल टावर में आग लगाई है। आगजनी से टावर में लगी मशीन और बॉक्स जल गए हैं। इसके अलावा नक्सलियों ने अंतागढ़-नारायणपुर मार्ग, अंतागढ़-आमाबेड़ा मार्ग को पेड़ गिराकर बंद कर रखा है। नक्सलियों के उत्पात और बंद को देखते हुए खदान से भी वाहन नहीं निकल रहे हैं। अंतागढ़, कोयलीबेड़ा, पखांजूर, बांदे जाने वाली सभी यात्री बसों को भानुप्रतापपुर में ही रोक दिया गया है। 

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