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क्या CG निकाय चुनाव EVM से होंगे ? पहले डिप्टी CM ने कहा था- बैलेट पेपर से होंगे, कांग्रेस बोली- जीत नहीं सकते इसलिए यू-टर्न

Chhattisgarh Municipal Elections Can Be Conducted Using EVM: अब छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव बैलेट पेपर की जगह ईवीएम से कराने की तैयारी है। सरकार ने इस मामले में सलाह देने के लिए राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखा है। इससे पहले डिप्टी सीएम अरुण साव ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही थी।

संगठन की बैठक के बाद डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि चुनाव आयोग ईवीएम से चुनाव कराने की कोशिश कर रहा है। आयोग इस दिशा में काम कर रहा है। नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम से ही कराए जाएं, इसका पूरा प्रयास किया जाएगा।

इंजीनियरों से कराएंगे ईवीएम की जांच

जब साव से ईवीएम पर लग रहे आरोपों के बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में निकाय चुनाव ईवीएम से कराए गए थे। वर्ष 2019 में कांग्रेस ने बैलेट पेपर से चुनाव कराए थे। अब चुनाव कराने के लिए ईवीएम की जांच और परीक्षण के लिए इंजीनियर बुलाने पड़ेंगे। अगर संभव हुआ तो ईवीएम से ही चुनाव कराए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि बार-बार सुप्रीम कोर्ट और अन्य संस्थाओं ने यह स्पष्ट किया है कि ईवीएम में किसी भी तरह की छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन विपक्षी दल खासकर कांग्रेस पार्टी अपनी जिम्मेदारी से बचने के लिए लगातार ईवीएम को दोषी ठहराती रहती है।

कांग्रेस जानती है कि उनके पास न तो नीयत है, न नेता है और न ही नेतृत्व। वे अपनी विफलता और अस्वीकार्यता को ईवीएम पर थोपकर अपनी जिम्मेदारी से बचने का काम करते हैं।

पहले बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात हुई थी

अभी 15 दिन पहले ही डिप्टी सीएम अरुण साव ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि राज्य चुनाव आयोग बैलेट पेपर से चुनाव कराने जा रहा है। साव ने कहा था कि हमारी सरकार ने पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी बहुत पहले ही कर ली थी।

कांग्रेस ने कहा- ईवीएम के बिना कांग्रेस चुनाव नहीं जीत सकती

प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि पूरे राज्य में भाजपा सरकार के खिलाफ माहौल है। उन्हें पता है कि ईवीएम के बिना वे कोई चुनाव नहीं जीत सकते। सबसे पहले स्थानीय निकायों के चुनाव बैलेट पेपर से कराने की घोषणा की गई।

फिर यू-टर्न लेते हुए नगरीय निकायों के चुनाव ईवीएम से कराने का फैसला यह दर्शाता है कि भाजपा चुनाव से डरी हुई है। ईवीएम से चुनाव कराने का फैसला भाजपा प्रबंध समिति की बैठक के बाद आया है। यानी बैठक में इस बात पर चर्चा हुई कि भाजपा चुनाव नहीं जीत सकती। इसलिए ईवीएम से चुनाव कराने का फैसला लिया गया।

15 जनवरी के बाद कभी भी चुनाव की घोषणा

छत्तीसगढ़ में नगरीय निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव के लिए मतदान की तारीखों की घोषणा 15 जनवरी के बाद कभी भी हो सकती है। इसके लिए आयोग ने तैयारी शुरू कर दी है। दोनों चुनावों की घोषणा एक साथ होगी, लेकिन मतदान अलग-अलग होगा। त्रिस्तरीय पंचायतों के चुनाव बैलेट पेपर से ही होंगे।

ईवीएम के प्रावधानों को हटा दिया गया और बैलेट पेपर से मतदान के संशोधित प्रावधानों को लागू किया गया। बताया गया है कि छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 32, छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम 1956 की धारा 14 के तहत चुनाव कराने की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोग की है। नियमों में बदलाव भी राज्य निर्वाचन आयोग से परामर्श करके ही संभव है।

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