
Chhattisgarh Municipal Election Congress Mayor Scam Investigation: छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि भाजपा की सरकार नगरीय निकायों में कांग्रेस शासन काल में हुई गड़बड़ियों की जांच करेगी। रायपुर में साव ने कहा कि प्रदेश के ज्यादातर नगरी निकायों में कांग्रेस के महापौर रहे। वहां विकास के काम नहीं हुए सरकारी फंड को लूटने और भ्रष्टाचार करने का काम हुआ इसकी हम जांच करेंगे।
अरुण साव ने यह भी कहा कि, भारतीय जनता पार्टी एक आरोप पत्र लेकर आ रही है। इसमें अलग-अलग नगर निगम में कांग्रेस के महापौर के द्वारा की गई गड़बड़ी का खुलासा होगा। जनता के बीच यह आरोप पत्र लेकर भारतीय जनता पार्टी जाएगी।
रायपुर से भारतीय जनता पार्टी की महापौर प्रत्याशी मीनल चौबे ने भी कहा था कि कांग्रेस के महापौर एजाज के कार्यकाल की फाइलें निकाली जाएगी और भ्रष्टाचार पर एक्शन होगा। अब मंत्री के सामने आए बयान के बाद यह क्या माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार को एक बड़ा मुद्दा इस चुनावी माहौल में भाजपा बनाने जा रही है।
छत्तीसगढ़ के नगर निगमों में भ्रष्टाचार से जुड़े कुछ चर्चित मामले
बिलासपुर नगर निगम के स्मार्ट सिटी फंड में 77 लख रुपए की गड़बड़ी का मामले सामना आया था। ठेकेदार ने बिना किसी काम को किए ही फंड निकाल लिया था।
सरगुजा नगर निगम के पास सरकारी भूमि ना होने का मामला उजागर हुआ था। इसमें आंगनबाड़ी पीडीएस दुकान खोलने के लिए भी जमीन नहीं बची है। बताया जा रहा है कि कुछ अधिकारियों से मिलकर प्राइवेट कारोबारी ने जमीन हासिल की है।
छत्तीसगढ़ के जगदलपुर की महापौर सफीरा साहू पर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। बिना सड़क बनाई ही सरकारी पैसे हासिल करने के आरोप लगे थे। हालांकि पहले सफीरा कांग्रेस में थी अब भाजपा में हैं।
छत्तीसगढ़ के कोरबा नगर निगम में भी घूसखोरी और भ्रष्टाचार के कई आरोप लगा चुके हैं। एंटी करप्शन ब्यूरो ने एक इंजीनियर को 35 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। जनप्रतिनिधि लगातार कोरबा में नगर निगम के कामों में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते रहे हैं।
कांग्रेस ने पूछे सवाल
डिप्टी सीएम अरुण साव के बयान सामने आने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली, पानी, साफ सफाई भाजपा की सरकार आने के बाद से बदहाल है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने डिप्टी सीएम साव से सवाल किया है कि जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 25 प्रतिशत से घटाकर शुन्य करने पर अरुण साव ओबीसी वर्ग से माफी कब मांगेंगे?
ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया गया?
सरकार की नाक के नीचे राजधानी में मोवा ओवरब्रिज के गुणवत्ताहीन कार्य में ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट क्यों नहीं किया गया? किसका संरक्षण है? या भ्रष्टाचार में हिस्सेदारी है? राजधानी के ट्रैफिक व्यवस्था को बाधित करने वाले, भाजपा के भ्रष्टाचार का स्मारक स्काईवॉक पर क्या स्टैंड है? एक भाजपा नेता की जिद और भ्रष्टाचार जरूरी है या शहर की जनता की सहूलियत?
Read More- Landmines, Tanks, Ruins: The Afghanista Taliban Left Behind in 2001 29 IAS-IPS