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मुंगेली मवेशी बाजार घोटाले की सीक्रेट फाइल ? CMO और कैशियर पर FIR, किन अफसरों पर कानूनी तलवार, जानिए किससे जुड़े हैं मामले के तार ?

नईम खान, मुंगेली। छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में मवेशी बाजार में वसूली घोटाले का पर्दाफाश हो गया है। CMO और कैशियर के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है, लेकिन विभागीय कार्रवाई में लेट-लतीफी हो रही है। इन सबके बीच हम आपको हाई प्रोफाइल मवेशी बाजार घोटाला की सीक्रेट कहानी बताएंगे, जिसमें विभागीय कार्रवाई के लिए क्यों इंतजार, किसकी शिकायत पर मचा है बवाल, किन अफसरों को ठहराया गया जिम्मेदार समेत कई अनसुनी बातें बताएंगे।

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क्या है हाई प्रोफाइल मवेशी बाजार घोटाले की कहानी ?

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: मुंगेली नगर पालिका के हाई प्रोफाइल मवेशी बाजार घोटाला मामले में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है. मामले में तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक और वर्तमान में राहोद के सीएमओ मोरिस राज सिंह के साथ तत्कालीन कैशियर यतेंद्र पांडेय को गिरफ्तार कर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय में पेश किया, जहां से दोनों को रिमांड पर जेल भेज दिया गया है. लेकिन मामले में अभी भी विभागीय कार्रवाई लंबित है, जिससे सवाल उठ रहे हैं.

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: सिटी कोतवाली थाना प्रभारी तेजनाथ सिंह ने बताया कि एसएसपी गिरिजाशंकर शंकर जायसवाल के निर्देश पर मवेशी बाजार मामले की विवेचना कर रही टीम ने प्राप्त दस्तावेज साक्ष्य एवं गवाहों के कथन के मुताबिक, आरोपी मॉरिस राज सिंह और यतेंद्र पांडेय को तलब कर पूछताछ किया था.

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: आरोपी मोरिस ने 2022 और 2023 में कुल 17 नग मवेशी बकरा-बकरी रसीद में वसूली कर यतेंद्र पांडेय के पास वसूली रकम और कलेक्शन रजिस्टर को जमा करना बताया. मॉरिस ने प्रतिपर्ण कार्बन रसीद में हेरा-फेरी कूटकरण कर साक्ष्य छिपाया गया, जिसके कारण धारा 201 (भादवि) जोड़ी गई.

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: वहीं यतेंद्र ने भी जमा रसीद पेश न कर मॉरिस के अवकाश अवधि में रसीद क्रमांक 129 राम भजन यादव के नाम से जारी रसीद बुक में मवेशी बाजार वसूली की रकम को दर्ज किया गया है.

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: विवेचना में आरोपी मॉरिस राज सिंह एवं यतेंद्र पांडेय के विरुद्ध 420, 408, 409, 467, 468, 471, 201, 34 भादवि के गंभीर धाराओं के तहत अपराध सबूत पाए जाने पर गिरफ्तार किया गया. इसके साथय़ आरोपियों के विरुद्ध ज्यूडिशियल रिमांड तैयार कर न्यायालय में पेश किया गया.

विभागीय कार्रवाई के लिए क्यों इंतजार?

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस ने अब तक नगरपालिका के 3 राजस्व अधिकारी को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है. वहीं नगरीय प्रशासन के उच्च स्तरीय जांच में दोष स्पष्ट पाया गया है, लेकिन विभागीय कार्रवाई के नाम फाइल दफ्तर-दफ्तर घूम रही है. वहीं इस मामले पर बड़ा खुलासा और घोटालों को अंजाम दे रहे अधिकारी और पदाधिकारी राडार में है, जिसका साक्ष्य जुटाने में पुलिस जुटी हुई है.

2017 से जुड़ा है मामले का तार

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: दरअसल, ये पूरा मामला नगरपालिका मुंगेली से जुड़ा हुआ है. वर्ष 2017 से नगरपालिका द्वारा मवेशी बाजार में बकरा-बकरी, भेड़ी-भेड़ के क्रय-विक्रय के लिए पंजीयन शुल्क क्रेता से की जाती है. वसूली राजस्व निरीक्षक व बाजार प्रभारी द्वारा की जाती है. इस मामले पर मवेशी की खरीदी-बिक्री की रसीद का पर्ण (मूलप्रति) और प्रतिपर्ण (कार्बन कॉपी) पर कूटरचना कर करोड़ों रुपए का खेला किया गया है.

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: इसमें आरोपियों द्वारा मवेशी बाजार में काटी गई रसीद की मूल प्रति में भारी भरकम राशि वसूली कर प्रतिपर्ण रसीद में घर बैठकर मामूली राशि भरकर राजस्व विभाग में जमा किया जाता था. बाकी शेष राशि को सिंडिकेट बनाकर बंदरबांट किया जाता था.

किसकी शिकायत पर मचा है बवाल

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: मुंगेली के अनिल तम्बोली ने मामले की नगरीय प्रशासन के उच्च विभाग में जांच करने की शिकायत और पुलिस थाने में एफआईआर के लिए आवेदन दिया था. प्रार्थी की शिकायत पर पुलिस ने एसडीएम न्यायालय से मार्गदर्शन मांगा था, जिस पर एसडीएम ने प्रकरण दर्ज कर जांच टीम गठित किया था.

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: पूछताछ में राजस्व निरीक्षक रामकुमार महिलांग ने राशि गबन करना स्वीकार किया. वहीं इस मामले में बाकी सभी अधिकारी अनुपस्थित रहे. जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर मुंगेली एसडीएम के आदेश पर पुलिस ने नगरपालिका के अज्ञात अधिकारी-कर्मचारी व अन्य के खिलाफ 420, 408 एवं 34 के तहत मामला दर्ज किया था.

इन अफसरों को ठहराया गया जिम्मेदार

विभाग के उच्च स्तरीय जांच में शिकायत की पुष्टि करते हुए गबन के लिए मुख्य नगरपालिका अधिकारी अनुभव सिंह, तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक मोरिस राज सिंह और प्रभारी कैशियर यतेंद्र पांडे को उत्तरदायी पाया था, लेकिन कार्रवाई अभी तक लंबित है. मामले पर सचिव स्तर पर कार्रवाई के लिए फाइल नीचे से ऊपर और ऊपर से नीचे दफ्तरों के चक्कर काट रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि अब तक विभागीय कार्रवाई नहीं हो सकी है…!

शिकायतकर्ता ने इन पर की है कार्रवाई की मांग

शिकायतकर्ता अनिल तम्बोली ने विभाग को 40 पेज का शिकायती पत्र और पुलिस को 25 पेज का शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें किसी का भी नाम नहीं लिया गया है. शिकायतकर्ता ने शिकायत में कहा है कि इस मामले पर बाजार प्रभारी और राजस्व निरीक्षक, नियोक्ता अधिकारी सीएमओ, नगरपालिका अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सम्बंधित विभाग के सभापति करते है, जिनका दायित्व होता है कि वो इसका सत्यापन करे.

Chhattisgarh Mungeli cattle market scam story: शिकायतकर्ता का कहना है कि वर्ष 2017 से विभागीय वसूली होने से लेकर अब तक ऑडिट नहीं किया गया है, जिसकी वजह से घोटालों को अंजाम दिया जा रहा था.

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